BSP कर्मचारियों ने 50 ग्राम सोना, एरियर, बोनस पर BMS से लिया बदला, जीती बाजी टाउनशिप में हार गए पांडेयजी, बाल-बाल बचे देवेंद्र

भिलाईनगर सीट पर कांग्रेस बाल-बाल बचा बची है, वरना यह सीट भी हाथ से जा रही थी।

कर्मचारियों का बड़ा वर्ग देवेंद्र के लिए मतदान किया। रिजल्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है। जीती हुई बाजी भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय हार गए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल सीट पाटन मानी जा रही थी। सीएम भूपेश बघेल और सांसद विजय बघेल के बीच मुकाबला था, लेकिन यहां आराम सीएम जीत गए। सीएम के शिष्य देवेंद्र यादव ने भिलाईनगर में जैसे-तैसे जीत हासिल कर ली। देवेंद्र यादव को 54405 वोट मिले, जबकि पांडेयजी को 53141 वोट मिले। इस तरह 1264 वोट से देवेंद्र यादव जीत गए।

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इस जीत में भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों की सबसे बड़ी भूमिका रही। पहली बार संयुक्त यूनियन ने खुलकर देवेंद्र के लिए प्रचार किया। एक-एक वोट का जुगाड़ किया।

अधिकारी वर्ग पांडेय जी के साथ रहा, लेकिन कर्मचारियों का बड़ा वर्ग देवेंद्र के लिए मतदान किया। रिजल्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है। जीती हुई बाजी भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय हार गए।

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भिलाईनगर सीट पर कांग्रेस बाल-बाल बचा बची है, वरना यह सीट भी हाथ से जा रही थी। जिस खुर्सीपार से सबसे बड़ी लीड लेने का दावा विधायक देवेंद्र यादव कर रहे थे, वहीं वह पिछड़ गए। हुडको ने भी साथ नहीं दिया।

आखिर में सेक्टर-10 छोड़ टाउनशिप के सभी सेक्टरों ने देवेंद्र यादव का साथ दिया। सेक्टर एरिया से ही देवेंद्र यादव ने लीड लिया, अन्यथा चुनाव फंसना तय था।

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कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव टाउनशिप में 3 हजार वोटों से आगे निकले। हुडको में 500 वोट से पीछे थे। हुडको के अंतर को पाटते हुए सेक्टर एरिया में बढ़त ली।

फिर खुर्सीपार में वोट कम हो गया। सेक्टर एरियर में करीब 3 हजार की बढ़त ली थी, जिसमें से करीब 1800 वोट खुर्सीपार में घट गया। इस तरह देवेंद्र यादव किसी तरह जीत पाए।

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देवेंद्र यादव की जीत का कारण

  • विनम्र स्वभाव और व्यवहार की वजह से जनता के बीच काफी पैठ।
  • युवाओं के बीच मजबूत पकड़। सामाजिक, धार्मिक संगठनों के बीच तालमेल।
  • महिलाओं के बीच अच्छी पकड़। बहन और भाई जैसा रिश्ता निभाना।
  • भिलाई स्टील प्लांट की संयुक्त यूनियन का भरपूर साथ।
  • संयुक्त यूनियन के संयोजक वंश बहादुर सिंह, पूरन वर्मा, इंटक ठेका यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू, एचएमएस के प्रमोद कुमार मिश्र, लोइमू के राजेंद्र सिंह परगनिहा, सीटू से डीवीएस रेड्‌डी, जोगा राव, इस्पात श्रमिक मंच से शेख महमूद आदि खुलकर प्लांट से टाउनशिप तक प्रचार करते रहे।
  • बीएमएस से नाराज बीएसपी कर्मचारियों और 8 यूनियन का भरपूर साथ मिलना। टाउनशिप की बढ़त से ही देवेंद्र यादव जीते हैं।

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पांडेयजी की हार का कारण

  • 2018 का चुनाव हारने के बाद पांडेय की सक्रियता काफी कम हो गई थी।
  • बीएसपी यूनियन चुनाव में प्रेम प्रकाश पांडेय खुलकर बीएमएस के लिए आए।
  • यूनियन चुनाव में बीएमएस ने 50 ग्राम सोना, बकाया एरियर, ट्रांसफर आदि मुद्दा हल कराने का वादा किया। लेकिन, एक भी काम नहीं हो सका।
  • बीएसपी कर्मचारियों में बीएमएस को लेकर खासा नाराजगी है। चंदावसूली से छवि काफी खराब हुई।
  • कर्मचारियों के बीच यह मैसेज गया कि बीएमएस ने झांसे बाजी किया है। केंद्र में भाजपा सरकार होने के बाद भी कुछ काम नहीं किया।
  • बीजेपी प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय के लिए बीएमएस ने प्लांट में वोट मांगना शुरू किया, यहीं से हालात बिगड़ते गए।
  • कर्मचारी यूनियन चुनाव में पांडेय की सीधी दखल से नाराजगी बढ़ गई। पहली बार संयुक्त रूप से बीएमएस को छोड़ सभी यूनियनों ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वजह बनी, बीएमएस।
  • छत्तीसगढ़ में बीजेपी की आंधी के बीच प्रेम प्रकाश पांडेय की हार से अधिकारी वर्ग खासा मायूस है, क्योंकि करीब 70 प्रतिशत अधिकारियों ने पांडेयजी के लिए वोट किया था।

(नोट: जैसा की भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों ने बताया।)

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