BSP के GM डॉ. एआर सोनटके अब होंगे नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के कार्यपालक निदेशक व प्रोफेसर

  • एनएफएससी से फायर इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 1999 में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के फायर ब्रिगेड से अपनी यात्रा डॉ सोनटके ने शुरू की थी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक (GM) डॉ एआर सोनटके (Dr. AR Sonetke, General Manager (GM), Bhilai Steel Plant) को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत प्रतिष्ठित नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (एनएफएससी), नागपुर में कार्यपालक निदेशक और प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है।

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उल्लेखनीय है कि डॉ सोनटके को अग्नि सुरक्षा और फायर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। एनएफएससी से फायर इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 1999 में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के फायर ब्रिगेड से अपनी यात्रा शुरू करने वाले डॉ सोनटके, देश के पहले पीएचडी डिग्री धारक हैं जिन्हें फायर इंजीनियरिंग अध्ययन बोर्ड द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।

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अपने कॅरियर के दौरान डॉ. सोनटके ने भिलाई इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजनाओं में फायर सेफ्टी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अग्नि से संबंधित मामलों में उनकी विशेषज्ञता उनके कार्यस्थल की सीमाओं से परे विस्तारित हुई है।

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डॉ सोनटके ने राज्य सरकार और अन्य संस्थानों को अपनी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान की है। अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए पहचाने जाने वाले डॉ सोनटके को बीएसपी प्रबंधन ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा है।

एनएफएससी में लेवल-14 पर नियुक्त होने वाले पहले व्यक्ति बने सोनटेके

एनएफएससी में कार्यपालक निदेशक और प्रोफेसर के रूप में डॉ सोनटके की नियुक्ति उनके कॅरियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वे गृह मंत्रालय के तहत एनएफएससी में लेवल-14 (संयुक्त सचिव) पर नियुक्त होने वाले पहले व्यक्ति हैं, जो अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और समर्पण को रेखांकित करता है।

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राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का विजन

डॉ सोनटके का लक्ष्य, अग्नि प्रौद्योगिकी में व्यापक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का नेतृत्व करना है। वह अग्नि सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का विजन रखते हैं, जिससे अमूल्य मानव जीवन और राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा हो सके।

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राष्ट्रीय संस्थान के उन्नयन के लिए कई विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई

अपनी नई भूमिका में डॉ. सोनटके को अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का अवसर मिलेगा। डॉ सोनटके इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के कार्यपालक निदेशक और प्रमुख के रूप में कार्य करेंगे।

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डॉ सोनटके को इस राष्ट्रीय संस्थान के उन्नयन के लिए कई विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई है, जिनमें प्रमुख है शिक्षण, प्रशिक्षण, व्यावहारिक और अनुसंधान गतिविधियां, शैक्षिक कार्यों एवं परीक्षाओं के सुचारु संचालन में सहायता करना, संगठन के भीतर एवं राज्यों के लिए विभिन्न अग्निशमन प्रशिक्षण पाठयक्रमों की योजना बनाना और निर्देशन करना, गृह मंत्रालय के परामर्श से नीतिगत मामलों पर निर्णय लेना, कॉलेज सलाहकार समिति के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करना, दुनिया भर के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करना।

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साथ ही छात्रों को परामर्श, मार्गदर्शन प्रदान करना और शैक्षणिक प्रदर्शन की समीक्षा करना, नवीनतम तकनीक के साथ प्रयोगशालाओं का विकास और उन्नयन करना एवं पाठ्यक्रम डिजाइन करना और तकनीकी बैठकों में संस्थान का प्रतिनिधित्व करना।

डॉ सोनटके की विशेषज्ञता और समर्पण, एनएफएससी में शैक्षणिक परिदृश्य को समृद्ध करने, प्रशिक्षु अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने तथा उन्हें सशक्त बनाने में मददगार साबित होगा।

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