- सीटू की टीम ने दौरा किया। कहा-सेक्टर 5 का स्कूल अभी भी बहुत बेहतर स्थिति में है, जिसे ठीक किया जा सकता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के सेक्टर 5 इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल का संधारण अर्थात मरम्मत करवा कर माडल स्कूल बनाने के संबंध में आज सीटू की टीम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य महाप्रबंधक नगर सेवाएं विभाग को पत्र दिया।
सीटू की टीम ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद सार्वजनिक अथवा निजी बिल्डिंग मेंटेनेंस मांगता है जिसे समय-समय पर किया जाना चाहिए। किंतु बिल्डिंग का मरम्मत किया बिना बिल्डिंग जर्जर होने की बात कहकर स्कूल को स्थानांतरित कर देना ठीक नहीं है, क्योंकि मरम्मत करने के बाद सेक्टर 5 का स्कूल फिर से अपने पुराने स्थिति में आ जाएगा।
सेक्टर 6 स्कूल से बेहतर स्थिति में है सेक्टर 5 का स्कूल
सीटू की टीम ने सेक्टर 5 से स्थानांतरित किया जा रहे सेक्टर 6 स्कूल पर बयान जारी किया है। टीम ने पाया कि सेक्टर 5 का स्कूल अभी भी बहुत बेहतर स्थिति में है, जिसे ठीक किया जा सकता है।
संयंत्र के कर्मी अथवा सपोर्टिंग पापुलेशन के बच्चे जो सेक्टर 5 स्कूल में पढ़ते हैं। उन्हें सेक्टर 6 स्कूल जाने में सेंट्रल रेवेन्यू पार करना पड़ेगा, जिसमें हमेशा भारी ट्रैफिक रहता है और छोटे-छोटे बच्चों के लिए खतरा भी है।
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इसीलिए प्रबंधन द्वारा सेक्टर 5 स्कूल को स्थानांतरित किए जाने का फैसला को वापस लेते हुए स्कूल मरम्मत का काम तुरंत शुरू कराए, ताकि नए सत्र से सेक्टर 5 का स्कूल सामान्य रूप से संचालित किया जा सके।
मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में कार्य करें सेक्टर 5 स्कूल को
सीटू के महासचिव जेपी त्रिवेदी नेबताया कि किसी समय भिलाई के अंदर 26 से ज्यादा स्कूल संचालित हुआ करते थे। जिसमें 60000 से ज्यादा बच्चे पढ़ा करते थे। अब धीरे-धीरे बच्चे घटने की बात कहकर स्कूलों को हर साल एक-एक करके बंद कर दिया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि भिलाई के सेक्टरों के अंदर ही दर्जन भर से ज्यादा निजी स्कूल संचालित है। जिसमें हजारों हजार बच्चे मोटी फीस देकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं अब बीएसपी में गिने चुने स्कूल ही संचालित हो रहे हैं।
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इसीलिए सेक्टर 5 स्कूल को भी मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि बीएसपी में भर्ती हो रहे नए कर्मियों के बच्चे आराम से बीएसपी के मॉडल स्कूल में पढ़ा सकें तथा बड़े-बड़े स्कूलों में मोटी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर ना हो सकें।
शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जहां नफा एवं नुकसान नहीं देखा जाता
यूनियन नेताओं का कहना है कि प्रबंधन लगातार बीएसपी में कार्यरत कर्मियों के बच्चे कम होते जाने की बात कह रही है। इस पर सीटू का दो टूक कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मियों के बच्चों के अलावा बीएसपी के लिए जो सपोर्टिंग पापुलेशन निवास रहता है, उनके बच्चों के शिक्षा को देखना भी बीएसपी की ही जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्हें यदि अच्छी शिक्षा नहीं मिली तो समाज पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
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इसके कारण टाउनशिप ही आने वाले दिनों में खराब होता चला जाएगा। इसीलिए बिना भेदभाव के सभी को न केवल बीएसपी स्कूलों में एडमिशन दिया जाना चाहिए, बल्कि पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की भी भर्ती किया जाना चाहिए, क्योंकि शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है। जहां नफा एवं नुकसान नहीं देखा जाता।
प्रबंधन जिन स्कूलों को जर्जर कहती है, उन्हें रिनोवेट करके दिया जाता है अन्य संस्थानों को
सीटू की टीम ने कहा पिछले दिनों संयंत्र ने जिन स्कूलों को जर्जर बताया एवं स्कूल बंद करवाया। बाद में बीएसपी द्वारा उन्हीं स्कूलों का संधारण करवा कर अन्य संस्थानों के हवाले किया गया। ऐसी आशंका है कि जिस सेक्टर 5 इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल को आज जर्जर बताया जा रहा है, उस बिल्डिंग को आने वाले दिनों में रिनोवेट करके किसी न किसी संस्था के हवाले कर दिया जाएगा, जोकि ठीक नहीं है। इसीलिए सेक्टर 5 स्कूल का रिनोवेट करके वहां नए सत्र से सामान्य रूप से स्कूल चलाया जाए।