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- सभी प्रकार के लीव कांबिनेशन के समीक्षा करने का भरोसा मिला।
- मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन ने HRIS को निर्देशित किया।
- ओवर ब्रिज के मरम्मत कार्य हेतु टेंडर हो चुका है।
- अति शीघ्र यह ब्रिज भारी वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) का प्रतिनिधि मंडल मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन से मिलकर कर्मचारियों को छुट्टी लेने के मामले में आ रही तकनीकी दिक्कतों को सामने रखा। और कहा कि कर्मचारियों को छुट्टी देने के मामले में बहुत से किंतु-परंतु लगाकर रखा गया है, जिसके चलते कर्मचारी बेवजह परेशान हो रहे हैं।
कर्मचारी के पास छुट्टी होने के बावजूद भी उसे EL भरना पड़ता है। लीव कांबिनेशन में इसके साथ में यह लीव नहीं चलेगा, उसके साथ में वह लीव नहीं चलेगा का नियम लगा के रखा गया है, जिसके चलते कर्मचारी ऑनलाइन लीव नहीं भर पाते है। HRIS से संपर्क करने पर पता चलता है कि इस प्रकार का लीव कांबिनेशन परमीसिबल ही नहीं है। आपको दूसरे प्रकार का लीव भरना होगा।
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वर्तमान में अभी कुल 21 प्रकार के लीव कांबिनेशन बना के रखा गया है, जिसे आप नहीं ले सकते। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इस तरह के लीव कांबिनेशन से प्रबंधन को किसी तरह का कोई फायदा मिल रहा है या इसके हट जाने से प्रबंधन को किसी प्रकार का नुकसान होगा। फिर भी अनवरत यह नियम जारी है।
वर्तमान में संयंत्र में सेल लीव रूल वाले कर्मचारी अब गिनती के ही बचे हैं। स्टैंडिंग आर्डर प्लांट से शासित होने वाले कर्मचारी ही अब अपनी सेवाएं संयंत्र में दे रहे हैं। स्टैंडिंग आर्डर प्लांट के तहत कर्मचारियों की मिलने वाली छुट्टी पहले ही बहुत ज्यादा सीमित किया जा चुका है।
कर्मचारियों को मात्र प्रतिवर्ष 7 CL तथा 5 FL ही मिलता है, बावजूद इनके उन्हें एक लीव कॉन्बिनेशन थमा दिया गया है। आज के बदले हुए परिदृश्य में इसका कोई औचित्य ही नहीं है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता ने कहा कि अब यह नियम वास्तविकता से परे है और अब यह बिलकुल भी प्रासंगगिक नहीं है। इस पर अतिशीघ्र बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने मांग किया कि सभी प्रकार के लीव कांबिनेशन की बाध्यता को तुरंत ही हटाया जाना चाहिए।
मिलने वाली छुट्टियों में भी हो समानता
उज्जवल दत्ता ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाली छुट्टियों में असमानता है। इस दिशा में गंभीर प्रयास करने और एकरूपता लाने की आवश्यकता है।
मिलने वाली छुट्टियों में विभिन्न प्रकार की असामनता है, जैसे
प्रतिवर्ष मिलने वाली EL की गणना हो।
मिलने वाला CL हो या
EL नगदीकरण हो या
संचित EL या HPL हो
सभी जगह पर सुधार कर इसमें एकरूपता लाए जाने की आवश्यकता है, जिससे कर्मियों में पनप रहे असंतोष की भावना का निदान किया जा सके।
सुरक्षा मानकों को अनदेखा करना पड़ सकता है भारी
संयंत्र को सुचारू रूप से चलाने हेतु सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। सुरक्षा नियमों का प्रत्येक स्तर पर कड़ाई से ध्यान दिए जाने और पालन किये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि किसी भी प्रकार की जनहानि को आज की परिदृश्य में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसे बिलकुल भी अनदेखा नही किया जा सकता है | हमारी प्राथमिकता इसे दृढ़ता से लागू करने की है।
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फ्लाई ओवर बना कांक्रीट का ढांचा
सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत ही महत्वपूर्ण इक्विपमेंट चौक पर वर्षों पूर्व बनकर तैयार फ्लाई ओवर अभी तक अपनी तकनीकी खामी के चलते केवल एक ढांचा बनकर रह गया है। इस ब्रिज को दुर्घटना रोकने के लिए बनाया गया था। परंतु यह ब्रिज आज खुद ही दुर्घटना का कारण बना हुआ है।
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चौक किनारे स्थित पिलर के कारण बोरिया के तरफ से आने वाले भारी वाहन नजर ही नहीं आते है, जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घटित हो सकता है। इसके चलते अपूरणीय क्षति भी हो सकता है। ब्रिज की तकनीकी खामी को तत्काल दूर कर इसे चालू किया जाना चाहिए।
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इक्विपमेंट चौक से मेन गेट की ओर आने वाली सड़क पर भारी वाहन खड़े करने की मनाही है। बावजूद इसके भारी वाहन बेतरतीव तरीके से खड़े नजर आते हैं, जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घटित हो सकता है। इनके खड़े करने पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।
प्रतिबंधित समय में भी भारी वाहन चलते पाए जाने पर हो कड़ी कार्यवाही
यह देखा गया है कि प्रतिबंधित समय में भी भारी वाहन टाउनशिप की सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आते हैं, जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घटित हो सकता है। इस और तुरंत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
सीजीएम ने ये आश्वासन दिया…
मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन ने सभी प्रकार के लीव कांबिनेशन के समीक्षा करने का भरोसा दिया। साथ ही इसके लिए बैठक में ही HRIS को निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि, ओवर ब्रिज के मरम्मत कार्य हेतु टेंडर हो चुका है।
और जल्दी ही उसके मरम्मत का कार्य पूर्ण किए जाने का भरोसा दिलाया। अति शीघ्र यह ब्रिज भारी वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। अन्य सभी मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिलाया।
बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, शिव बहादुर सिंह, दिलेश्वर राव, मनोज डडसेना, सुरेश सिंह, अमित बर्मन, विमल कुमार पाण्डेय, लूमेश कुमार, प्रदीप सिग, संदीप सिंह, कृष्णमूर्ति, नितिन कश्यप, राजकुमार आदि उपस्थित थे।