देवेंद्र यादव से सीधी टक्कर, पांडेय जी का आया बड़ा बयान

  • ऐसे हितग्राही परिवार जिनके पास 30 वर्षीय पट्टे या स्वयं की जमीन थी उनके मकान बनाने के लिए 2.35 लाख की मदद अनुदान के रूप में दी जाने का निर्णय लिया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मैदान में भिलाईनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय उतरे हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव उनके सामने हैं। इस बीच उन्होंने अपनी उपलब्धियां बयां कर रहे और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं।

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पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय का कहना है कि वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा देश में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई। इसके साथ- साथ ही उस समय छग की प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा भी सभी शहरी क्षेत्रों में योजना का लागू करने का निर्णय लिया गया।

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शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय 3 लाख तक के परिवार इस योजना के लिए पात्र हितग्राही थे जिनका देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं था और वे नगरीय क्षेत्र में 31 अगस्त् 2015 से पहले से निवास कर रहे थे।

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ऐसी सभी हितग्राहयों का सर्वेक्षण भी नगरीय निकायों द्वारा किया गया। भिलाई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आज यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि ऐसे हितग्राही परिवार जिनके पास 30 वर्षीय पट्टे या स्वयं की जमीन थी उनके मकान बनाने के लिए 2.35 लाख की मदद अनुदान के रूप में दी जाने का निर्णय लिया गया। जिसमें भारत सरकार द्वारा 1.50 लाख और राज्य शासन द्वारा 0.85 लाख (पचासी हजार रूपए) कुल 2.35 लाख रूपये किश्तों में (बी.एल.सी) अंतर्गत दिया गया। अतिरिक्त व्यय की व्यवस्था हितग्राही को करना था। अनुदान राशि 4 किश्तों में हितग्राही के खातों में (डी.बी.टी) की गई।

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प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि ऐसे हितग्राही परिवार जो कि अवैध कब्जा कर या अवैध बस्तियों में रह रहे थे, या भूमिहिन/ बेघर, किराये का घर लेकर रहते थे, उन्हें तीन मंजिलें आवासीय परिसरों का निर्माण कर दो कमरों का आवास दिया जाने का निर्माण (ए.एच.पी) अंतर्गत लिया गया।

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प्रति आवासीय कीमत 4.75 लाख की निर्धारित की गई, जिसमें 1.50 लाख भारत सरकार द्वारा 2.50 लाख राज्य तथा 0.75 लाख (पच्चहत्तर हजाऱ) हितग्राही को देना था।

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किन्तु 2018 के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर, प्रधानमंत्री आवास (ए.एच.पी) का नाम परिवर्तित कर, “मोर आवास मोर आस” पात्र किरायेदार परिवार हेतु की गई, जिसमें भारत सरकार का अंशदान 1.50 लाख, राज्य सरकार का अंशदान शून्य एवं हितग्राही की अंशदान 3.25 लाख कर दिया गया।

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इस प्रकार व्यवस्थाापन के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों को (सड़क, नाली, अन्य योजना से प्रभावित) 0.75 हजार में और किरायेदार परिवारों को 3.25 लाख में आवास आबंटन करने का निर्णय वर्तमान कांग्रेस सराकर ने लिया। जिसमें प्रदेश के अधिकांश किरायेदाार परिवार जो 75 हजार में आवास मिलने की आस लगाकर बैठे थे उन्हें 3.25 लाख की व्यवस्था कर 10 किश्तों में 1 वर्ष में ही पैसा जमा करने को कहा गया।

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प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किरायेदार पात्र हितग्राही परिवारों के साथ धोखाधड़ी की है। राज्य सरकार योजना में कोई अंशदान तो नहीं दे रहे, साथ ही योजना का नाम बदलकर योजना के हितग्राहियों को गुमराह कर रही है।

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