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डॉ. खूबचंद बघेल: मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel के हाथों BSP अधिकारी-कर्मचारी संग मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के नामचीन लोग सम्मानित

डॉ. खूबचंद बघेल: मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel के हाथों BSP अधिकारी-कर्मचारी संग मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के नामचीन लोग सम्मानित
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की जड़ता को सुधारने के लिए कोई न कोई सामने आता है, जो काम करता है समाज में उसको याद किया जाता है। डॉ खूबचंद बघेल भी ऐसे व्यक्तिव में से एक है। उन्होंने छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने का काम किया। उनका सोच बहुत विस्तृत था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को सिविक सेंटर भिलाई स्थित कला मंदिर में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज द्वारा आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। समारोह में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक देवेंद्र यादव एवं अरुण वोरा, महापौर भिलाई नीरज पाल, महापौर रिसाली शशि सिन्हा, पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष आरएन वर्मा, पूर्व महापौर भिलाई नीता लोधी भी मौजूद थीं।

इस अवसर पर विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सक डॉ. लाखेशचंद्र मड़रिया को समाज की ओर से माटीपुत्र सम्मान औऱ बीएसपी से सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों को तथा समाज के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया गया। किरण वर्मा, यमुना चक्रधारी को नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रेरणा सम्मान 11 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

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मुख्यमंत्री ने अपने कर कमलों से डॉ. मढ़रिया को शाल श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में वाद्य संगीत मार्गदर्शिका पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। प्रांजलि विनायक ने मुख्यमंत्री को खुद के द्वारा बनाये मुख्यमंत्री का फोटो भेंट किया। मुख्यमंत्री ने समाज के अध्यक्ष कोमल धुरन्धर को भी सेवानिवृत्ति सम्मान प्रदान किया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डॉ खूबचंद बघेल बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। देश की आजादी के समय वे महात्मा गांधी के साथ छुआछुत का समाज में विरोध किया। डॉ. बघेल ने छुआछुत पर नाटक लिखकर कलाकार के रूप में काम भी किया। समाज के कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलन्द किया। डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के पहले स्वप्नदृष्टा थे। छत्तीसगढ़ के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे एक कुशल संगठक, चिकित्सक, किसानों के हितैषी, सहकारिता आंदोलन के अग्रणी, लेखक व अच्छे कलाकार भी थे।

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डॉ. खूबचंद बघेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया। उनकी मां और पत्नी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहीं। देश की आजादी का समय हमारे राष्ट्र के नवनिर्माण का काल था। उस समय यह प्रश्न था कि एक नए भारत में छत्तीसगढ़ को भारत के नक्शे पर कैसे उभारा जाए।

छत्तीसगढ़ के लोगों के जो सवाल हैं उनका समाधान कैसे ढूंढा जाए। डॉ. खूबचंद बघेल ने कहा कि इन सभी सवालों का एक ही समाधान है और वह यह कि पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बने। छत्तीसगढ़ बनने में कई महापुरुषों ने अपना योगदान दिया और हमें आज यह नया राज्य मिला है। राज्य बनने के बाद हमारे पुरखों की जो उम्मीदें थी हम उन्हीं उम्मीदों को पूरा करने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की जड़ता को सुधारने के लिए कोई न कोई सामने आता है, जो काम करता है समाज में उसको याद किया जाता है। डॉ खूबचंद बघेल भी ऐसे व्यक्तिव में से एक है। उन्होंने छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने का काम किया। उनका सोच बहुत विस्तृत था।

छत्तीसगढ़ राज्य की सोच भी इसमें शामिल रहा। आज छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीगसढ़ियों को सही मायने में राज्य बनने का अहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शराब बंदी समाजिक जागरूकता से ही सम्भव हो सकता है। अन्य नशाबंदी के लिए भी प्रयास होना चाहिए।

समारोह के विशिष्ठ अतिथि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने सम्बोधन में कहा कि सामाजिक संगठन के माध्यम से हर क्षेत्र में हस्तक्षेप किया जा सकता है। समाज को दिशा देने का काम सभी क्षेत्रों में होना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को स्मरण करते हुए बातों को नई पीढ़ी को हस्तांतरित करना है।

सांसद विजय बघेल ने डॉ बघेल के स्वप्न के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में सभी का आह्वान किया। विधायक देवेन्द्र यादव ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।