ग्रामीण और कृषि मजदूर खुद को न समझें अकेला, पैसे की मदद ऐसे पाएं

Employees News: Rural and agricultural laborers should not consider themselves alone, get financial help like this
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, वन-नेशन-वन-राशन कार्ड योजना का लाभ उठाएं।
  • कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम असंगठित क्षेत्र पर लागू नहीं होता है।
  • सवालों का जवाब श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने दिया।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ग्रामीण और कृषि मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं केंद्र सरकार क्या चला रही हैं। मजदूरों को क्या लाभ मिल रहा है। सरकार की क्या योजनाएं है। आदि से संबंधित सवाल श्रम और रोजगार मंत्रालय से किया गया है। लोकसभा में सांसद वाई. एस. अविनाश रेड्डी ने श्रम और रोजगार मंत्री से सवाल किया कि ग्रामीण एवं कृषि मजदूरों के उत्थान के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ब्यौरा क्या है?

ये खबर भी पढ़ें: Crypto Currency Trade: बजट के बाद वित्त मंत्री की बड़ी बैठक, यूज़र की क्रिप्टो करेंसी पर ये मांग

क्या असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ईएसआई योजना के अंतर्गत लाया गया है और यदि हां, तो तत्संबंधी व्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो सरकार द्वारा इस दिशा में क्या उपाय किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान इस लाभ हेतु लागू की गई योजनाओं के नाम और कुल आवंटित राशि का व्यौरा क्या है और कृषि मजदूरों की शिक्षा, जीवन स्तर तथा दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए किन्हीं अतिरिक्त कदमों का ब्यौरा क्या है?

ये खबर भी पढ़ें: Employees Provident Fund Organization: केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे का लोकसभा में ईपीएफओ पोर्टल पर बड़ा जवाब

सवालों का जवाब श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ग्रामीण और खेतिहर मजदूरों के उत्थान और कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं में (i) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) (ii) प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएमकेवाईएम) (iii) प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) (iv) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वन-नेशन-वन-राशन कार्ड योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें: राष्ट्रीय पेंशन योजना: व्यापारियों और स्वनियोजित व्यक्तियों के लिए 55 से 200 तक अंशदान, 3000 मिलेगी पेंशन

इसके अलावा (v) दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (vi) महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना (vii) दीन दयाल अंत्योदय योजना (viii) प्रधानमंत्री आवास योजना (ix) पीएमस्वनिधि (x) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (xi) प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) (xii) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) (xiii) आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शामिल हैं।

ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को बड़ा झटका, मोदी सरकार का न्यूनतम पेंशन पर दो-टूक जवाब

साथ ही राज्य सरकारें फार्म श्रमिकों सहित कृषि श्रमिकों के कल्याण के लिए विशिष्ट योजनाएँ भी चलाती हैं। योजनाओं के लिए बजट आवंटन और व्यय संबंधित योजनाओं के उपबंधों के अनुसार होता है।

ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Pension: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भूमिका, मोदी सरकार और सोशल मीडिया

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 उन सभी कारखानों और प्रतिष्ठानों पर लागू होता है, जिनमें दस या अधिक कर्मचारी हैं, जो 21,000 रुपए (निःशक्त व्यक्तियों के लिए 25,000) तक वेतन प्राप्त करते हैं। इस प्रकार, यह अधिनियम असंगठित क्षेत्र पर लागू नहीं होता है।

ये खबर भी पढ़ें: हर साल 10 लाख नौकरी का अवसर: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और फाउंडइट में एमओयू साइन