
- किसी ने भी किसी भी HC या SC में बिंदु की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन पर बड़ी बहस जारी है। EPS Pro-Rata Pension Debate चल रही है। कोर्ट की टिप्पणी और पेंशनभोगियों की उम्मीदों पर कई तरह की बातें सामने आ रही है।
पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-ईपीएस आनुपातिक पेंशन बहस होनी चाहिए। मेरे विचार से 1.9.2014 से पहले नियुक्त किए गए सभी लोगों को पैरा 11(3) के अंतर्गत कवर किया जाना चाहिए और तदनुसार, पेंशन की गणना 12 महीने के औसत वेतन के आधार पर की जानी चाहिए।
व्यक्तिगत रूप से, मैं पैरा 11(3) के खिलाफ हूं क्योंकि यह उन लोगों के लिए भेदभावपूर्ण है जो पहले से ही वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और जिन्हें अपने कैरियर में कोई पदोन्नति और वेतन वृद्धि नहीं मिली है और जिन्हें अपने कैरियर में कम पदोन्नति मिली है।
यह प्रावधान कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए भेदभावपूर्ण है और ईपीएस कॉर्पस (EPS Corpus) में कुल योगदान की तुलना में उच्च वेतन वाले प्रबंधकीय संवर्गों को अधिक पुरस्कृत करता है।
आप कम वेतन वाले कर्मचारियों और उन लोगों के कुछ मामलों में पेंशन के रूप में रिटर्न के प्रतिशत की गणना कर सकते हैं, जिन्हें अपने करियर में बहुत अधिक पदोन्नति और वेतन वृद्धि मिली है। लेकिन किसी ने भी किसी भी HC या SC में इस बिंदु की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी।
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