Employees Pension Scheme 1995: पेंशन में भेदभाव का आरोप, EPS 95 Pro Rata Pension पर बड़ी Debate

Employees Pension Scheme 1995: Allegation of discrimination in pension, big debate on EPS 95 Pro Rata Pension
1.9.2014 से पहले नियुक्त किए गए सभी लोगों को पैरा 11(3) के अंतर्गत कवर किया जाना चाहिए। ईपीएस 95 पेंशन का विवाद अब भी जारी।
  • किसी ने भी किसी भी HC या SC में बिंदु की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन पर बड़ी बहस जारी है। EPS Pro-Rata Pension Debate चल रही है। कोर्ट की टिप्पणी और पेंशनभोगियों की उम्मीदों पर कई तरह की बातें सामने आ रही है।

ये खबर भी पढ़ें: दिन-प्रतिदिन पेंशनभोगियों की संख्या घटती जा रही, 7500 रुपए ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन मिलेगी या नहीं

पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-ईपीएस आनुपातिक पेंशन बहस होनी चाहिए। मेरे विचार से 1.9.2014 से पहले नियुक्त किए गए सभी लोगों को पैरा 11(3) के अंतर्गत कवर किया जाना चाहिए और तदनुसार, पेंशन की गणना 12 महीने के औसत वेतन के आधार पर की जानी चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें: Employees Provident Fund Organization: ईपीएफओ ने नवंबर में 14.63 लाख सदस्य जोड़े, 8.74 लाख नए सदस्य रजिस्टर्ड

व्यक्तिगत रूप से, मैं पैरा 11(3) के खिलाफ हूं क्योंकि यह उन लोगों के लिए भेदभावपूर्ण है जो पहले से ही वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और जिन्हें अपने कैरियर में कोई पदोन्नति और वेतन वृद्धि नहीं मिली है और जिन्हें अपने कैरियर में कम पदोन्नति मिली है।

ये खबर भी पढ़ें: Big Breaking News: ईपीएस 95 हायर पेंशन नहीं मिलेगी, EPFO का SAIL BSP ट्रस्ट पर जवाब, हर तरफ मातम

यह प्रावधान कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए भेदभावपूर्ण है और ईपीएस कॉर्पस (EPS Corpus) में कुल योगदान की तुलना में उच्च वेतन वाले प्रबंधकीय संवर्गों को अधिक पुरस्कृत करता है।

ये खबर भी पढ़ें: बेचारे बुजुर्ग ईपीएस 95 पेंशनरों ने क्या बिगाड़ा है, 10 सालों से अपनी पीड़ा पर मोदी सरकार से लगा रहे गुहार

आप कम वेतन वाले कर्मचारियों और उन लोगों के कुछ मामलों में पेंशन के रूप में रिटर्न के प्रतिशत की गणना कर सकते हैं, जिन्हें अपने करियर में बहुत अधिक पदोन्नति और वेतन वृद्धि मिली है। लेकिन किसी ने भी किसी भी HC या SC में इस बिंदु की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी।

ये खबर भी पढ़ें: श्रमिकों के लिए अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी