- पेंशनभोगी C Unnikrishnan ने कहा-PM ने आज तक EPS पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग थम नहीं रही है। वहीं, हायर पेंशन का मामला भी तूल पकड़े हुए है। केंद्रीय बजट पेश हो चुका है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन के बारे में जब भी कोई गूगल न्यूज़ खोलता है, तो कोई पीएम के 7वें और 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट और उसके लागू होने की बात करता दिख रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: पेंशनभोगियों के लिए बुरी खबर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी सरकार मौन
पेंशनभोगी C Unnikrishnan ने कहा-उसी PM ने आज तक EPS पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ भी नहीं बोले। सरकार के लिए अदालत के आदेश का कार्यान्वयन अनिवार्य है। लेकिन हमारे देश में 2014 के बाद से न्यायिक अदालत के आदेश का कोई मूल्य नहीं है। हमारे आश्चर्य की बात है, अदालतें भी यह जांचने में दिलचस्पी नहीं रखती हैं कि उनके आदेशों को सरकार द्वारा लागू किया गया है या नहीं। 4.11.22 को एससी द्वारा दिए गए ईपीएस पेंशन केस के फैसले के मामले में यह हो रहा है। ईपीएस पेंशनर्स भी दुर्भाग्य के भेंट चढ़ चुके हैं।
उन्होंने कहा-चुनाव के समय भाजपा कई योजनाओं का वादा करती है। ये वादे सिर्फ़ मतदाताओं को साधने के लिए होते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने ईपीएस पेंशन के तौर पर 3000 रुपए देने का वादा किया था।
सत्ता में आने के बाद वे इसे भूल गए। इसी तरह के कई और वादे किए गए। लेकिन उन्होंने कुछ भी लागू नहीं किया। पेंशनभोगी Najumudeen Rahiman ने कहा-कमांडर अशोक राउत कृपया इस कारण का बयान दें कि केंद्र सरकार ने हमारी न्यूनतम पेंशन क्यों नहीं बढ़ाई। 7500 रुपये की न्यूनतम पेंशन पाने के लिए भविष्य की योजना क्या है? हम गंभीर वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं।
ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशन 7500 रुपए होगी या नहीं, बस चंद समय और