- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ प्रति महीने बढ़ते ब्याज के साथ 15 से 20 हज़ार भरने को कह रहा है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि हर कोई घंटा बजाकर चला जा रहा है। आरोपों की लगातार बौछार हो रही है। पेंशनभोगियों का गुस्सा लगातार उतर रहा है। भड़ास का आलम यह है कि ईपीएफओ के सहारे केंद्र सरकार भी लपेटे में आती जा रही है।
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पेंशनभोगियों (Pensioners) ने अब यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि ये कैसा डिजिटल इंडिया है। EPS 95 के पेंशनरों के साथ इतना अन्याय और भद्दा मज़ाक EPFO ने बना रखा है। EPFO हायर पेंशन (Higher Pension) का डिमांड लेटर में तीन महीने तक ड्यू अमाउंट ब्याज के साथ भरने को भी कह रहा है।
उसमें भी प्रति महीने बढ़ते ब्याज के साथ 15 से 20 हज़ार भरने कह रहा है, तो पेंशनर द्वारा डिमांड लेटर की रकम जमा भरपाई करने के बाद PPO लेटर इश्यू करने में देरी करती है तो पेंशनरों को पेंशन के साथ भी डिमांड लेटर की जमा राशि का ब्याज के साथ एरियर देने की बात क्यों नहीं कर रही हैं।
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डिमांड लेटर में EPFO द्वारा न PPO पेंशन की राशि दी जा रही है, न जमा राशि का चेक विथड्रो के बाद कितने दिनों में PPO इश्यू करेगा उसकी तिथि दी जा रही है
यदि ईपीएफओ ब्याज सहित अंशदान और कर्मचारी से 1.16% अतिरिक्त अंशदान जमा करने के लिए कह रहा है तो उच्च पेंशन गणना आनुपातिक आधार पर क्यों है?
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आनुपातिक आधार पर ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) तय की जानी है तो पेंशनरों का हक 1995 में जारी पत्र में कहा गया है कि ईपीएफओ द्वारा ब्याज के साथ अतिरिक्त अंशदान और अतिरिक्त 1.16% भुगतान क्यों किया जा रहा है।
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वहीं, Munukutla Nagendra Babu भी बतौर पेंशनभोगी बोलते हैं कि कृपया दुर्गा मां और भगवान महाविष्णु से प्रार्थना करें कि न्यूनतम पेंशन में वृद्धि हो। क्योंकि चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर हैं, न कि अगर मेरी सलाह अच्छी लगती है। सकारात्मकता का यह भाव न केवल हमें बल्कि हमारे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करेगा।
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