Bokaro Steel Plant की जमीन पर मोहन टिंबर का कब्जा, यहां से मिली बिजली, सियासी दलालों का पूरा संरक्षण, पढ़िए डिटेल

Mohan Timber occupies the land of Bokaro Steel Plant, gets electricity from here, complete protection of political brokers, read details
राज्य सरकार द्वारा बिजली का कनेक्शन प्रदान किया गया है। जिसकी वजह से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
  • बताया जा रहा है कि लकड़ी गोला उकरीद स्थित मोहन टिम्बर ने करीब एक एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा हुआ है। कानूनी लड़ाई जारी है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (BOkaro Steel Plant) की जमीन पर कब्जेदारों की दबंगई बढ़ती जा रही है। एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी की कहावत बीएसएल की जमीन पर देख सकते हैं। अब तो लोगों ने यह भी कहना शुरू कर दिया है कि नेताओं की सियासी लालच और सेल कारपोरेट आफिस की मौन स्वीकृति निश्चित रूप से घातक साबित होगी।

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12 दिसंबर की दोपहर बोकारो में जो घटना हुई, उसकी निंदा सेल के सभी प्लांट में की जा रही है। संपदा न्यायालय बोकारो स्टील प्लांट के आदेश पर अमल करने के लिए टीम पहुंची, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। इसका ठीकरा सियासी दलालों पर फोड़ा जा रहा है।

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बेदखली वाद AE 59/2024 दिनांक 21.05.2024 के आदेश के अनुपालन में अनुमंडल दंडाधिकारी, चास द्वारा प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अजित कुमार सिंह के नेतृत्व में बोकारो स्टील प्लांट, नगर सेवा के 14 पदाधिकारी, BSL के सुरक्षा कर्मी, बोकारो जिला बल से उपलब्ध पुलिस सहायक अवर निरीक्षक तथा सशस्त्र पुलिस बल को जिम्मेदारी दी गई।

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बताया जा रहा है कि लकड़ी गोला उकरीद स्थित मोहन टिम्बर ने करीब एक एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा हुआ है। कानूनी लड़ाई जारी है।

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अतिक्रमण तोड़ने के लिए टीम पहुंची तो सैकड़ों असामाजिक तत्वों द्वारा सड़क जाम कर वाहन को बेतरतीब खड़ाकर आवागमन को अवरुद्ध कर दिया। बोकारो स्टील प्लांट के 14 अधिकारियों के सामने इतनी अड़चन पैदा की गई कि कार्रवाई को बीच में ही रोक दिया गया।

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बोकारो स्टील प्लांट (BOkaro Steel Plant) की जमीन सार्वजनिक संपत्ति है। यहाँ पर अवैध रूप से रहना या व्यवसाय करना अतिक्रमण की श्रेणी में आता है और और यह कानूनन जुर्म है। मेसर्स मोहन टिम्बर बीएसएल की एक एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर लकड़ी का व्यवसाय कर रहा है। चिन्ताजनक बात यह है कि बीएसएल की जमीन पर आरा मशीन लगा है। जिसमें बिजली की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है।

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नगर सेवा विभाग द्वारा बार-बार बिजली विभाग को लिखित रूप से अनुरोध किया गया कि बिजली कनेक्शन हटाया जाए। वन विभाग ने मेसर्स मोहन टिंबर को लाइसेंस दिया है, जबकि उक्त जमीन बीएसएल के आधीन है।

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और राज्य सरकार बिजली कनेक्शन काट नहीं रही है। यही वजह है कि 12-12-2024 को सम्पदा न्यायालय बोकारो द्वारा पारित आदेश A/E 59 – /2024 पर अमल नहीं हो सका। बीएसएल के साथ मोहन टिंबर पिछले 15 वर्षों से आँख मिचौली कर रहा है। कभी प्रशासन, कभी राजनेता, कभी बीएसएल के पदाकारियों का उपयोग कर अतिक्रमण नहीं हटाने का खेल खेला जा रहा है।

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हद तो तब हुई कि इस अतिक्रमण के अलावा कुछ दूरी पर पनरूआ में मोहन टिंबर ने दोबारा कब्जा कर लिया है। वहाँ गोदाम, कार्यालय आदि बनाकर व्यवसाय हो रहा है। तीन मंजिला भवन है। इस पर राज्य सरकार द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। वहाँ पर भी राज्य सरकार द्वारा बिजली का कनेक्शन प्रदान किया गया है। यहां तो नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

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