सेल भिलाई इस्पात संयंत्र: मैत्री बाग में मना 39वां कब-बुलबुल उत्सव, बच्चों ने की मस्ती

SAIL Bhilai Steel Plant: 39th Kab-Bulbul Utsav celebrated in Maitri Bagh
इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल सेक्टर-6 विजेता रहा और इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल सेक्टर 1 उपविजेता रहा।
  • अतिथियों ने नन्हें कब-बुलबुल द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य व विविध वेशभूषा जैसी रंगारंग प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL -Bhilai Steel Plant) के शिक्षा विभाग एवं भारत स्काउट गाइड ज़िला संघ भिलाई के तत्वावधान में 25 नवम्बर 2024 को 39वां कब-बुलबुल उत्सव मैत्री बाग के मोमबत्ती गार्डन में मनाया गया।

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39 वें कब-बुलबुल उत्सव के समापन सामारोह के मुख्य अतिथि कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार तथा विशिष्ट अतिथि मुख्य महाप्रबन्धक (टीएसडी एवं सीएसआर) उत्पल दत्ता थे। इस समारोह में महाप्रबन्धक (उद्यानिकी) नवीन जैन भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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समारोह स्थल पर स्कार्फ पहना कर अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्होंने विभिन्न शालाओं द्वारा सज्जित बुलबल-ट्री का निरीक्षण किया। अतिथियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उत्सव में सम्मिलित सभी शालाओं में से, इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल सेक्टर-6 विजेता रहा और इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल सेक्टर 1 उपविजेता रहा।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने अपने उद्बोधन में कब-बुलबुल द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की। वे छात्रों के प्रयासों से अभिभूत हुए।

उन्होंने इन नन्हें कब-बुलबुल से बातचीत की और उन्हें पर्यावरण संरक्षण, प्रेम भाव, पशु-पक्षी का संरक्षण करते हुए भविष्य में एक अच्छे नागरिक बनने कर लिये प्रेरित किया। उन्होंने यहाँ से सीखी हुई कब-बुलबुल की सभी शिक्षा को जीवन में आत्मसात करने के लिये प्रेरित किया।

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महाप्रबंधक (शिक्षा) शिखा दुबे ने मुख्य अतिथि के स्वागत के साथ कब-बुलबुल का परिचय तथा बीएसपी शिक्षा विभाग की शालाओं में इससे सम्बंधित कार्यों का विवरण दिया। कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित जनों ने नन्हें कब-बुलबुल द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य व विविध वेशभूषा जैसी रंगारंग प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

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नन्हे कब-बुलबुल ने मुख्य अतिथि के समक्ष भी प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसने आयोजकों, निर्णायकों एवं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

ध्वजावतरण के साथ सामारोह का समापन किया गया। समापन समारोह का संचालन कनिष्ठ प्रबंधक (शिक्षा) मनीष तिवारी एवं शिक्षक शीतल चंद्र शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या (एसएसएस-7) रूबी बर्मन राय ने किया।

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39वें कब-बुलबुल उत्सव का उद्घाटन प्रातःकाल की महाप्रबंधक (शिक्षा विभाग, बीएसपी) एवं मुख्य जिला आयुक्त (भिलाई) शिखा दुबे द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में शिखा दुबे ने कहा कि, कब-बुलबुल गतिविधियाँ बच्चों में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को गति प्रदान करती है।

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यह छोटी उम्र से अनुशासन एवं जिम्मेदारियों के मूल्यों को विकसित करता है और छात्रों को जीवन में किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति का सामना करना सिखाता है। उन्होंने कब-बुलबुल उत्सव के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं हेतु उपस्थित जनों को शुभकामनाएँ दी।

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अपने स्वागत भाषण में प्राचार्या (बीएसपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-10) एवं जिला आयुक्त (गाइड) सुमिता सरकार ने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण दिया तथा 39 वें कब-बुलबुल उत्सव में उपस्थित शालाओं एवं नन्हे प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। कब-बुलबुल उत्सव में विविधता से भरे रंगारंग कार्यक्रमों में बीएसपी के सात अलग-अलग शालाओं के लगभग 280 कब-बुलबुल ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण एवं झंडा गीत के साथ हुआ, जिसके बाद ईश प्रार्थना हुई।

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प्रति वर्ष के अनुरूप इस वर्ष भी “कब बुलबुल उत्सव-2024” में ग्यारह अलग-अलग प्रतियोगिताओं को आयोजित कर बच्चों में निहित प्रतिभाओं का मूल्यांकन किया गया। सामूहिक नृत्य में कब-बुलबुल द्वारा में प्रकृति, पशु-पक्षियों, परियों की वेशभूषा एवं मुखौटे आदि का प्रयोग करते हुए संगीतमय नृत्य की प्रस्तुती दी गई।

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जिसमें औद्योगिकीकरण के कारण गौरैया पक्षी के उपर पड़ने वाले प्रभाव, मोर के संरक्षण की सामाजिक जागरूकता, छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य के साथ उनमें संस्कृति,पर्यावरण व देश के उत्थान की झलक, भारत के विभिन्न प्रांतों की लोक नृत्य के फ्यूज़न जिसमें देश की उन्नति की भी झलक देखने को मिली।

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साथ ही जंगल और ज़मीन के लिए गोंड और हलबा आदिवासियों के अंग्रेजों के ख़िलाफ़ संघर्ष को लोक नृत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया। झाँसी की रानी पर आधारित नारी सशक्तिकरण व भारत की वीर नारियों की झलक दिखाते हुए नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।

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उक्त सभी प्रतियोगिताओं के परीक्षण हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग द्वारा मनोनीत 6 शासकीय विद्यालयों में कार्यरत कब-बुलबुल के विशेषज्ञों ने पूरे कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रस्तुतिकरण की स्पष्टता, गणवेश, समय, कौशल आदि के मानदंण्ड के अनुरूप उत्कृष्ट विजेताओं का चयन किया गया।

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