- बोनस, बकाया एरियर, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट में सस्पेंड किए गए कर्मचारियों, ग्रेच्युटी आदि मुद्दे पर हंगामेदार बैठक होनी है।
अज़मत अली, भिलाई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के मुद्दे पर 26 नवंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक है। केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के कार्यालय में सेल प्रबंधन (SAIL – Management) और यूनियन प्रतिनिधि आमने-सामने बैठेंगे। बोनस, बकाया एरियर, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट में सस्पेंड किए गए कर्मचारियों, ग्रेच्युटी आदि मुद्दे पर हंगामेदार बैठक होनी है।
बैठक में हिस्सा लेने के लिए एनजेसीएस यूनियन (NJCS Union) के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए हैं। मंगलवार सुबह 11.30 बजे बैठक शुरू होगी। भिलाई स्टील प्लांट से इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह, एचएमएस महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र, इंटक बर्नपुर से हरजीत सिंह, एचएमएस से एसडी त्यागी, सीटू से ललित मोहन मिश्र, एटक से विद्यासागर गिरी प्रबंधन को घेरेंगे।
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मुख्य श्रम आयुक्त पहले ही जता चुके हैं नाराजगी
14 नवंबर को मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार (Chief Labor Commissioner Government of India) ने सेल चेयरमैन (SAIL Chairman) को पत्र लिखकर 28 अक्टूबर के हड़ताल में शामिल होने वाले बर्नपुर के कर्मचारियों पर लिए गए एक्शन को अवैधानिक एवं प्रतिशोधात्मक कार्रवाई बताते हुए इसे वापस लेने को कहा था।
28 अक्टूबर को सेल में हुए हड़ताल में बर्नपुर एवं भिलाई में हड़ताल सफल रही। बर्नपुर के 90% कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया था। इससे तिलमिलाये प्रबंधन ने वहां के 26 कर्मचारियों को शोकाज नोटिस दिया, चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया एवं दो कर्मचारियों को सेलम स्टील प्लांट ट्रांसफर कर दिया।
इससे नाराज होकर पांचों एनजेसीएस यूनियनों (NJCS Union) ने संयुक्त रूप से एवं अलग-अलग मुख्य श्रम आयुक्त नई दिल्ली को पत्र लिखकर इसे सेल प्रबंधन की मनमानी एवं गैर कानूनी कार्रवाई बताते हुए करवाई वापस लेने की मांग की थी।
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आईडी एक्ट की धारा का उल्लंघन का आरोप है
यूनियनों के पत्र को गंभीरता से लेते हुए मुख्य श्रम आयुक्त ने सेल अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्मचारियों पर की गई निलंबन ट्रांसफर एवं शोकास नोटिस को आईडी एक्ट की धारा 33 (1)(a) का उल्लंघन बताया था। किसी भी तरह के कानूनी अड़चन से बचने के लिए कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई को वापस लेने को कहा था।
मुख्य श्रम आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा है कि क्योंकि इस मामले पर मुख्य श्रम आयुक्त के कार्यालय में काउंसिलेशन चल रही है, इसलिए इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं है।
हड़ताल पूरी तरह से वैधानिक थी
भिलाई इंटक यूनियन के महासचिव एवं संयुक्त यूनियन के संयोजक वंश बहादुर सिंह का कहना है कि प्रबंधन एक्ट की गलत व्याख्या कर कर्मचारियों को एवं जिला प्रशासन को गुमराह कर रहा था। मुख्य श्रम आयुक्त के पत्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हड़ताल पूरी तरह से वैधानिक है। कॉउंसिलेशन बैठक के बीच में हड़ताल गैरकानूनी नहीं होता। मुख्य श्रम आयुक्त के पत्र से स्पष्ट हो गया है कि प्रबंधन मनमानी करवाई कर रहा था।
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एचआर पर्क्स का 50 प्रतिशत टैक्स माफ करें
एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र का कहना है कि एचआर पर्क्स का 50 प्रतिशत टैक्स माफ करने की मांग है। अधिकारियों को यह लाभ 2021 से दिया जा जा रहा है। इसी तरह ठेका मजदूरों को एस-1 ग्रेड के बराबर का वेतन और ईएसआइसी की सीमा 21 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की मांग है।