बोनस मीटिंग समाप्त होने से पहले पांचों यूनियन की तरफ से बात रखी गई कि बुधवार सुबह दोबारा बैठते हैं और बीच का रास्ता निकालते हैं। प्रबंधन ने मना कर दिया।
अज़मत अली, भिलाई। सेल कर्मचारियों के बोनस को लेकर मंगलवार सुबह से शाम तक दिल्ली में एनजेसीएस बैठक हुई। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। आखिर, दिन भर मीटिंग में क्या हुआ? यह हर कोई जानना चाह रहा है।
प्रबंधन ने आखिरी में 23 हजार रुपए से अधिक बोनस नहीं देने की बात बोलकर हाथ खड़ा कर दिया। प्रबंधन का यही तर्क रहा कि कंपनी के हालात ठीक नहीं है। इसलिए हम अधिक बोनस नहीं दे सकते हैं। अब संभावना जताई जा रही है कि सेल प्रबंधन कर्मचारियों के खाते में एडवांस राशि एक-दो दिन के भीतर डाल सकती है। फिलहाल, इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यह भी संभव है कि बुधवार को कुछ उलटफेर हो जाए।
यूनियन की तरफ से कहा गया कि बोनस का बेस साढ़े 28 हजार रुपए और शेष प्रॉफिट के फॉर्मूले पर बात किया जाए। प्रबंधन ने इन तमाम सुझावों को दरकिनार करते हुए कहा कि हम लोग 23 हजार से अधिक बोनस नहीं दे सकते हैं।
बोनस मीटिंग समाप्त होने से पहले पांचों यूनियन की तरफ से बात रखी गई कि बुधवार सुबह दोबारा बैठते हैं और बीच का रास्ता निकालते हैं। प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से बोल दिया कि कंपनी के हालात अच्छे नहीं हैं। इसलिए दिल्ली में रुकने का कोई फायदा नहीं है।
सेल पिछली बार की तरह इस बार बोनस भुगतान नहीं कर सकते हैं। पिछली बार बोनस का बेस रेट 28 हजार और 12 हजार प्रॉफिट पर था। इस बार सेल का प्रॉफिट ही 3 हजार करोड़ हुआ है, जबकि पिछली बार 16 हजार करोड़ था।
सेल प्रबंधन की तरफ से डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह व डायरेक्टर फाइनेंस एके तुल्सयानी बैठक में शामिल हुए थे। मैनेजमेंट की तरफ से कहा गया कि छह महीने में मात्र 150 करोड़ ही प्राफिट हुआ है। वह भी जैसे-तैसे। 10 हजार करोड़ हर महीने पेमेंट के लिए बैंक से लेना पड़ता है।
कोयले का दाम बढ़ गया है। उत्पादन का कास्ट बढ़ गया है। लागत तक नहीं निकल पा रही है। प्रोडक्शन चाहे जितना भी बढ़ जाए, पैसा नहीं आएगा तो कैसे क्या करेंगे। ये सब सुनने के बाद पांचों यूनियन ने तय किया कि प्रबंधन के 23 हजार रुपए के सुझाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा।