SAIL ISP: हड़ताल के बाद कर्मचारियों के सस्पेंशन-ट्रांसफर पर RLC बोले-क्यों ना डायरेक्ट इंचार्ज पर कार्रवाई हो

SAIL ISP: RLC said on suspension-transfer of employees after the strike - why not take action against the direct in-charge
डायरेक्टर इंचार्ज बीपी सिंह को पत्र लिखकर कार्रवाई को तत्काल रोकने की बात कही है। अन्यथा कार्रवाई करने का जिक्र किया गया है।
  • Regionol Labour Commissioner (C) के लेटर में सक्रिय कर्मचारी पर निलंबन, चेतावनी पत्र और सेवा शर्तों में परिवर्तन के साथ स्थानांतरण जैसी प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का जिक्र।

सूचनाजी न्यूज, बर्नपुर। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट (IISCO Burnpur Steel Plant) के कर्मचारियों के ट्रांसफर और निलंबन पर आरएलसी आसनसोल एक्शन में आ गए हैं। सेल हड़ताल (SAIL Strike) के बाद कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी। डायरेक्टर इंचार्ज बीपी सिंह को पत्र लिखकर कार्रवाई को तत्काल रोकने की बात कही है। अन्यथा कार्रवाई करने का जिक्र किया गया है।

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एनजेसीएस सदस्य (NJCS Member) वंश बहादुर सिंह का कहना है कि इस्को बर्नपुर में इंटक यूनियन कर्मचारियों के सस्पेंशन एवं ट्रांसफर को लेकर लगातार लड़ाई लड़ रहा है। आरएलसी दुर्गापुर ने डायरेक्टर इंचार्ज बर्नपुर को लेटर लिखकर कहा है कि यदि कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं रोकी गई तो, क्यों ना डायरेक्ट इंचार्ज पर कार्रवाई की जाए।

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Regionol Labour Commissioner (C) Asonsol के लेटर में सक्रिय कर्मचारी पर निलंबन, चेतावनी पत्र और सेवा शर्तों में परिवर्तन के साथ स्थानांतरण जैसी प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की शिकायत का जिक्र है।

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5 दिसंबर को जारी कारण बताओ नोटिस का संदर्भ लें, जिसमें उस पत्र की प्राप्ति के 05 दिनों के भीतर कारण बताओ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन आज तक आइएसपी प्रबंधन की ओर से कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। इससे पता चलता है कि आप मामले को हल्के में लिया जा रहा है।

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लेटर में यह भी भी जिक्र किया गया है कि अनुचित श्रम व्यवहार में लिप्त होकर आई.डी. अधिनियम, 1947 की धारा 25(टी) का उल्लंघन किया गया है। इन परिस्थितियों में आई.डी. अधिनियम, 1947 की धारा 25(यू) के तहत कानूनी कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए, इस बारे में दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस पर 5 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।

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