- एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन कर लागू किए गए सभी प्रावधानों को रद्द किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के वेतन समझौते को खारिज कराने की मांग उठ रही है। बहुमत के आधार पर किए गए समझौते से कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है, इसलिए इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी (Steel Minister HD Kumaraswamy) से मांग की जा रही है कि सेल समझौते के कैंसिल किया जाए।
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Administrative Employees Union) ने केंद्रीय इस्पात मंत्री (Union Steel Minister) को पत्र लिख कर आम सहमती की जगह बहुमत के आधार पर किए गए वेज रीविजन एमओयू, बोनस तथा रात्रि पाली समझौता को रद्द करने की मांग किया है। वहीं, अपने शिकायती पत्र में सेल प्रबंधन तथा गैर निर्वाचित नेताओं के गठजोड़ की शिकायत भी की गई है।
बीएकेएस बोकारो महासचिव दिलीप कुमार (BAKS Bokaro General Secretary Dilip Kumar) ने बताया कि यूनियन ने अपने पत्र में लिखा है कि एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन कर लागू किए गए सभी प्रावधानों को रद्द किया जाए। वेतन समझौता में जितना प्रतिशत लाभ अधिकारी वर्ग को दिया गया है, उतना ही प्रतिशत लाभ कर्मचारी वर्ग को भी दिया जाए। जिस रूप में एरियर का भुगतान अधिकारी वर्ग को दिया गया है, उसी रूप में कर्मचारी वर्ग को भी भुगतान किया जाए।
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रात्रि पाली भत्ता (Night Shift Allowance) के रूप में दी जा रही राशि का अवलोकन बाकि महारत्ना कंपनियों में कराई जाए। वैसे ही तर्ज पर एक जनवरी 2017 से रात्रि पाली भत्ता को लागू कर उसके एरियर का भुगतान कराया जाए।
जानिए कर्मचारियों के लिए और क्या मांग है…
–सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) को भी पीबीटी का 5% राशि पीआरपी के रूप में भुगतान हो।
–सेल अधिकारी (SAIL Officers) तथा बाकि महारत्न/नवरत्न कंपनियों में दिए जा रहे गैर वैधानिक लाभ जैसे-आवास ऋण, वाहन ऋण, फेस्टिवल एडवांस, लैपटॉप,कंप्यूटर एडवांस फर्नीचर एडवांस, आईवीएफ की सुविधा, शिक्षा भत्ता आदि की सुविधा सेल गैर कार्यपालक कर्मचारियों को दी जाए।
-पे स्केल को बाकि महारत्न कंपनियों के तर्ज पर सुधार कर लागू किया जाए।
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–एनजेसीएस (NJCS) में यूनियन प्रतिनिधि के रूप में सेल की सभी यूनिटों (एकीकृत इस्पात संयंत्र, विशेष इस्पात संयंत्र, लौह खदान, कोयला खदान, एसआरयू, सीएमओ, दिल्ली/राँची स्थित कार्यालय) के निर्वाचित रिकॉगनाईज्ड यूनियन प्रतिनिधियों को स्थान दिया जाए।
-5 यूनियनों के नॉमिनेटेड कोटा के तहत 3-3 सीट देने की प्रथा बंद की जाए।
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2 इस्पात मंत्री सदन में दे चुके जवाब…
एनजेसीएस संविधान (NJCS Constitution) में स्पष्ट प्रावधान है कि सभी मामला आम सहमती से तय होगा तथा दो पूर्व इस्पात मंत्री रामविलास पासवान और ए साईं प्रताप ने दो बार संसद मे लिखित जानकारी दिया है कि एनजेसीएस में सभी मुद्दों पर आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया जाता है। अब या तो इस्पात मंत्री तथा एनजेसीएस का संविधान गलत है या सेल प्रबंधन द्वारा किया गया समझौता गलत है।
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इस्पात मंत्री से न्याय की उम्मीद
यूनियन का कहना है कि इस्पात मंत्री को सभी तथ्य और दस्तावेज के साथ पत्र लिखा गया है। आशा है इस्पात मंत्री जल्द न्याय करेंगे। एनजेसीएस की सभी यूनियनों के बीच आपसी भाईचारा है। इसलिए समझौता पर हस्ताक्षर नहीं करने वाली यूनियने भी विरोध में इस्पात मंत्री को पत्र नहीं लिखती हैं।