- भिलाई स्टील प्लांट एक बार फिर सुर्खियों में आ रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) में पहले चरण के लिए मंगलवार को मतदान होगा है। दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को है। इसी चरण में भिलाई के वोटर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सियासी पारा चढ़ता जा रहा है।
भिलाई स्टील प्लांट एक बार फिर सुर्खियों में आ रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से जहां अब तक भाजपा और मान्यता प्राप्त यूनियन पर हमला बोला जा रहा था।
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस से संबद्ध यूनियन की गलत नीतियों से कर्मचारियों को हुए नुकसान का मुद्दा उठा दिया है। नई प्रमोशन पॉलिसी से कर्मचारियों को हुए नुकसान की बात चुनावी मुद्दा बन रही है।
भाजपा समर्थकों का कहना है कि कांग्रेसी यूनियन ने कर्मियो के शोषण के दरवाजे खोले हैं। कर्मचारियों का हक मारा गया है। बीएसपी प्रबंधन के साथ गलत समझौता करने से कर्मचारियों को भारी नुकसान हुआ है। नई प्रमोशन पॉलिसी ने कर्मियों को बंधुआ मजदूर बना दिया है।
यूनियन के साथ करीब दो साल पूर्व हुए समझौते में प्रबंधन को अब मनमर्जी काम कराने का अधिकार मिल गया है। एक शिफ्ट में 2 से 4 बार जॉब प्लानिंग हो रही है। कहीं न कहीं कर्मचारियों को मानसिक तनाव के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
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भाजपा नेताओं का कहना है कि कर्मियो के जीवन को खतरे में डाल दिया गया है। चार्जमैन, सुपरवाइजर पद खत्म कर दिया गया है। इससे सेफ्टी को लेकर भी खतरा बढ़ गया है। कोई आर्थिक लाभ तक नहीं मिल रहा है। वहीं, मई 2017 से मिल रहा था क्लास्टर प्रमोशन में 1 साल का फायदा, अब ये भी नुकसान हो रहा है।
इसी तरह एस-8 से एस-9 अपग्रेडेशन होने पर वैकेंसी होने पर ही 1 साल का फायदा। हैरान करने वाली बात यह है कि वरिष्ठ कर्मियो को भी ओसीटी, जूनियर इंजीनियर पदनाम की लड़ाई हुई खत्म। झाड़ू लगाना, सामान खींचने से लेकर सामान ढोने तक शर्त को शामिल किया गया है।