
- सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1,07,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का प्रस्ताव।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। रोजगार सम्बद्ध प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर मोदी सरकार को लोकसभा में घेरा गया है। कांग्रेस से सांसद डॉक्टर शशि थरूर ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से सवाल किया कि क्या श्रम और रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से वर्तमान वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) के लिए तीन रोजगार सम्बद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजनाओं हेतु आवंटन में कटौती करने का अनुरोध किया है।
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क्या सरकार ने 2024-25 के केन्द्रीय बजट में घोषित तीन रोजगार संबदध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजनाओं को आरंभ करने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए हैं? ईएलआई योजनाओं का आरंभ कब तक होने की संभावना है?
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श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सरकार की तरफ से जवाब दिया कि बजट 2024-25 में, सरकार ने, “रोजगार और कौशल संबंधी प्रधानमंत्री पैकेज” के हिस्से के रूप में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने, रोजगार क्षमता बढ़ाने और कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1,07,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का प्रस्ताव दिया है।
प्रस्तावित योजना नियोक्ताओं और कर्मचारियों को प्रोत्साहित करती है और औपचारिक क्षेत्र में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों पर ध्यान केंद्रित करती है। बजट घोषणा के अनुसार, प्रस्तावित योजना के तहत नामांकन की अवधि दो वर्ष है।
पहली बार काम करने वाले/दोबारा काम करने वाले कर्मचारी जिनका वेतन एक लाख रुपये प्रति माह तक है, वे ईपीएफओ में अपने नामांकन के आधार पर पात्र होंगे। इसके अलावा, योजना के अंतिम डिजाइन के आधार पर वर्षवार निधि आवंटन किया जाता है।