- सेल के प्लांटो को कच्चे माल की आपूर्तिकर्ता लौह अयस्क खदानों में जबरदस्त हड़ताल हुई।
अज़मत अली, भिलाई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण (Steel Authority of India) के प्लांट और खदान में हड़ताल सोमवार को हुई। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) की पांचों यूनियनें इंटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस और एटक ने आह्वान किया था। सेल के राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील प्लांट में हड़ताल औंधे मुंह गिर गई। अलग-अलग कारणों से यहां हड़ताल सफल नहीं हो सकी।
राउरकेला स्टील प्लांट में 99.55% ए शिफ्ट, 99.86% जनरल शिफ्ट,
99.59 बी शिफ्ट में हाजिरी रही। यानी जो लोग नहीं आए, उसमें मेडिकल अनफिट (Medical Unfit) सहित कई कारणों वाले कर्मचारी शामिल थे। इसी तरह बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन (Bokaro Steel plant Management) का कहना है कि सामान्य दिनों की तरह सोमवार को भी हाजिरी रही। जबकि सूत्रों का कहना है कि बोकारो में 95 प्रतिशत से हाजिरी रही।
करीब 2-3 प्रतिशत कर्मचारी ड्यूटी ही नहीं पहुंचे। यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने गुस्सा जाहिर किया है। जबकि शेष अन्य कर्मचारी शामिल हैं। बोकारो में आचार संहिता लगी है। एसडीओ के आदेश के बाद भय का माहौल बना और यूनियनों ने अपना फैसला वापस ले लिया था।
इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट (IISCO Burnpur Steel plant) में यूनियनों का दावा है कि 95 प्रतिशत कर्मचारी गैर हाजिर रहे। इसकी वजह से उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है।
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भिलाई में पुलपिट ऑपरेटर, क्रेन ऑपरेटर ने बिगाड़ा गेम
इधर-भिलाई स्टील प्लांट-बीएसपी (Bhilai STeel plant – BSP) में 82 प्रतिशत अटेंडेंस ए, बी और जनरल शिफ्ट में थी। 18 प्रतिशत कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। बीएसपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात को स्वीकारा है कि हड़ताल में बोनस और एरियर के इतर बायोमेट्रिक का मुद्दा भी गर्म रहा। पुलपिट ऑपरेटर और क्रेन ऑपरेटर के गायब होने की वजह यही थी। हड़ताल के कारणों में बायोमेट्रिक का मुद्दा टॉप पर था, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका।
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बायोमेट्रिक से पहले ये चार घंटे काम और चार घंटे रेस्ट करते थे। बायोमेट्रिक से सुबह से शाम तक प्लांट में ठहरना पड़ता है। शुरुआती गैर हाजिर का दौर पुलपिट ऑपरेटर, क्रेन ऑपरेटर से ही शुरू हुआ था।
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दूसरी ओर बीएसपी के कोक ओवन में 100% अटेंडेंस बताई जा रही है। 90 अधिकारी और 380 कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे। 1660 ठेका मजदूर भी काम पर आए।
सेलम, खदान और सेल के इस प्लांट का जानिए हाल
ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन, एटक (All India Steel Workers Federation, AITUC) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरि का दावा है कि देश भर से आए रिपोर्ट में देश का महत्वपूर्ण स्टील प्लांट भिलाई में हड़ताल के कारण ब्लास्ट फर्नेस को शटडाउन करना पड़ा। क्रेन ऑपरेटर के अभाव में एसएमएस सहित विभिन्न विभाग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
दुर्गापुर में कोक ओवेन, स्टील मेल्टिंग शॉप (Steel Melting Shop) सहित कर्मचारियों के लाले पर रहे थे। सत्ताधारी दल के लोगों का दुरुपयोग करने की कोशिश के बाद भी हड़ताल असरदार रहा।
इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट (IISCO Burnpur Steel plant) में शत प्रतिशत कर्मचारियों ने जबरदस्त हड़ताल किया। देश का नामी स्टेनलेस स्टील प्लांट सेलम के इस्पात कर्मचारियों ने इस्पाती एकता प्रदर्शित कर हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बनाया।
सेल के प्लांटो को कच्चे माल की आपूर्तिकर्ता लौह अयस्क खदानों में जबरदस्त हड़ताल हुई। राजहारा में हड़ताल सफल रही।
राउरकेला स्टील प्लांट (Rourkela STeel Plant) में 12 नवंबर को होने वाले यूनियन के मान्यता के चुनाव के कारण बहुत सघन अभियान नहीं चला, फिर भी सभी घटक के नेतृत्वकारी साथियों ने प्लांट गेट पर संयुक्त जोरदार प्रदर्शन किया।
विद्यासागर गिरी ने बताया कि बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) जहां झारखंड में चुनावी आचार संहिता को आधार बनाकर प्रबंधन एवं प्रशासन के मिली भगत से कोई भी सार्वजनिक अभियान नहीं चलने दिया गया।
प्रबंधन स्थानीय प्रशासन तथा सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय को प्रभावित कर, गैर कानूनी ढंग से हड़ताल पर रोक एवं धमकी संबंधी कथित परिपत्र को जारी करा कर बड़े पैमाने पर वितरित करके मजदूरों को भ्रमित करने, उनमें डर और दहशत पैदा करने और यूनियनों द्वारा उसका प्रतिकार तक नहीं करने हेतु सभा, गेट मिटिंग पर रोक लगाने के कारण हड़ताल असरदार नहीं हो सका। फिर भी सभी घटकों के नेतृत्वकारी साथियों ने हड़ताल में अनुपस्थित दिखाई एवं अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया।