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जंतर-मंतर प्रोटेस्ट का समर्थन: पदक विजेता बेटियों के सम्मान में आक्रोशित भिलाईवासी मैदान में

जंतर-मंतर प्रोटेस्ट का समर्थन: पदक विजेता बेटियों के सम्मान में आक्रोशित भिलाईवासी मैदान में
  • प्रदर्शन में शामिल विभिन्न संगठनों की मांग है कि क्योंकि अपराध संज्ञेय प्रकृति का है और प्रदर्शनकारी बृजभूषण की गिरफ्तारी हो।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कुछ दिन पहले भंग की गई भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तथा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन शोषण किए जाने के खिलाफ भिलाई में भी प्रदर्शन हो रहा है। पिछले 25 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर खिलाडियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के समर्थन में भिलाई में भी विभिन्न श्रम संगठनों, जन संगठनों तथा खेल संघों द्वारा प्रदर्शन कर एकजुटता व्यक्त किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के राजनेताओं और कुछ भाजपा नेताओं, भारतीय एथलीटों और कृषि संघों सहित, पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों को व्यापक समर्थन मिला है।
आश्वासन देकर केंद्र सरकार मौन हो गई
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जनवरी 2023 में बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को सार्वजनिक करते हुए जंतर मंतर, नई दिल्ली में पहलवान खिलाडियों द्वारा धरना दिया गया था। तब केंद्र सरकार द्वारा आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाने का आश्वासन दिए जाने के बाद, जनवरी 2023 में विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया गया। समिति द्वारा रिपोर्ट 5 अप्रैल 2023 को प्रस्तुत की गई लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए 23 अप्रैल 2023 को अपना विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू किया।
उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के पश्चात दायर की गई प्राथमिकी
प्रदर्शनकारियों ने कहा केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के दखल के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की, आरोपों के संज्ञेय होने के बावजूद लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के बाद पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई जबकि कि भारतीय दंड संहिता के अनुसार तत्काल प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य है।
आरोपित बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल गिरफ्तारी करने की मांग
प्रदर्शन में शामिल विभिन्न संगठनों की मांग है कि क्योंकि अपराध संज्ञेय प्रकृति का है और प्रदर्शनकारी बृजभूषण की गिरफ्तारी हो। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर सिंह को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया क्योंकि वह भारत की सत्तारूढ़ पार्टी से हैं। कोर्ट में प्रदर्शनकारी पहलवानों का प्रतिनिधित्व करने वाले कपिल सिब्बल ने जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहे मंत्री अमित शाह दोनों की विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों द्वारा मामले पर चुप रहने के लिए आलोचना की गई है।

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