Bhilai Steel Plant: भयानक भ्रष्टाचार, स्थानीय ठेकेदार लाचार, कांट्रैक्ट सेल व vigilance पर भी वार, गेट पास पर खींची तलवार

Terrible corruption in Bhilai Steel Plant, local contractor helpless, attack on contract cell and vigilance
  • कई छोटे कामों को Short close कर टेंडर कर, श्रमिकों की मजदूरी दर 1500 से 2200 तक प्रबंधन द्वारा प्रदान किया जा रहा।
  • स्वास्थ्य परीक्षण में बाहरी मज़दूरों को प्रबंधन की मिलीभगत से 100% फ़िट/स्वस्थ दिखाकर गेटपास निर्मित किया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में ठेका प्रथा को लेकर गंभीर आरोप लगाया गया है। बीएसपी कांट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बड़ा सवाल उठाया गया है। साथ ही भ्रष्टाचार का भी आरोप लगा दिया है। एसोसिएशन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रबंधन बाहरी ठेकेदारों को बड़े काम उनके द्वारा निर्धारित निर्देशित ठेका की पात्रता की शर्तों व नियम के आधार पर दे रही है।

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ठेका का निर्माण कर कई छोटे कामों को Short close कर टेंडर करवा रही है, जिसमें श्रमिकों की मजदूरी दर 1500 से 2200 तक प्रबंधन द्वारा प्रदान किया जा रहा। श्रमिकों से 12 घन्टे काम करवा कर एक पूरी शिफ़्ट के श्रमिकों का वेतन, ESIC, PF की चोरी प्रबंधन की मिली भगत एवं शह से चोरी किया जा रहा है।

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स्थानीय ठेकेदारों के टेंडर का Estimate 450 से 500 रुपए की दर पर प्रबंधन द्वारा बनाया जाता है। प्रतिस्पर्धा करवायी जाती एवं मात्र ठेकेदारों को बदनाम किया जाता है कि पूरा वेतन भुगतान को श्रमिकों को ठेकेदारों द्वारा नहीं दिया जा रहा।

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बाहरी मज़दूर झारखंड और बिहार से लाकर भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करवाया जा रहा है। स्थानीय मज़दूरों को बेरोज़गार किया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण में बाहरी मज़दूरों को प्रबंधन की मिलीभगत से 100% फ़िट/स्वस्थ दिखाकर गेटपास निर्मित किया जा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र में विगत 20-25 वर्षों से कार्यरत मज़दूरों को अनफ़िट, अस्वस्थ कर बाहर किया जा रहा है।

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एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिलोकी सिंह व महासचिव मधुसूदन शर्मा का कहना है कि हम लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। बाहरी अधिकारी यहां जब से आए, वे अपने साथ बाहरी पार्टी भी लेकर आए।

वहीं, एसोसिएशन के नवीन सिंह का कहना है कि तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट में ही बाहरी कंपनी काम करा रही है। 8 घंटे नहीं 12 घंटे का वेतन दिया जा रहा है। हमारी मांग है कि कांट्रैक्ट सेल बाहरी पार्टियों के वर्क ऑर्डर का वेरिफिकेशन करे। विजिलेंस तक शिकायत की गई है। विजिलेंस ठेकेदारों की जांच करता है, लेकिन कांट्रैक्ट सेल को लेकर खामोश है। एसोसिएशन की ओर से दावा किया जा रहा है कि यह मामला सीबीआई और पीएमओ तक भेजने के लिए चिट्‌ठी लिखी जा रही है।

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