सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन के बवाल में बोकारो भी कूद पड़ा है। सेक्टर-6 स्थित फेडरेशन कार्यालय पर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। फेडरेशन के अध्यक्ष शम्भु कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में देवेंद्र वादेत्ती, तत्कालीन सदस्य, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दिशानिर्देश पर सेल के सभी यूनिट में एससी-एसटी कर्मचारियों का संगठन गठित किया गया। इसी क्रम में बीएसएल में भी सेल एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन गठित किया गया। इसी आधार पर सेल कॉरपोरेट ऑफिस दिल्ली स्तर पर फेडरेशन की एडहॉक केन्द्रीय कमेटी गठित की गई।
शम्भु कुमार ने कहा कि हम लोगों का फेडरेशन बीएसएल में एससी-एसटी कर्मचारियों के लिए 2005 से ही कार्य कर रही है। फेडरेशन का निबंधन झारखण्ड सरकार के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग में 2015 में ही करवाया गया था, जिसका निबंधन संख्या 448 है। निबंधन के उपरांत फेडरेशन का ऑडिट प्रति वर्ष चार्टर्ड एकाउंटेंट से करवाया जाता है एवं आयकर विभाग में आयकर दाखिल किया जाता है। वैधानिक संगठन होने के कारण ही बीएसएल प्रबंधन के द्वारा फेडरेशन को कार्यालय हेतु आवास आवंटित कराया गया है।
उपरोक्त तथ्यों को दरकिनार करते हुए एमके अभिमन्यु विगत कई वर्षों से सेल एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन का नाम अपने गैर निबंधित संगठन के रूप में उपयोग करते आ रहे हैं और अपने आप को अध्यक्ष बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वर्ष 2022 में फेडरेशन के द्वारा उनको लिखित नोटिस दिया जा चुका है। परन्तु फिर भी वह इसे हल्के में लेकर फेडरेशन का नाम उपयोग कर रहे हैं।
फेडरेशन की ओर से उन्हे यह सलाह दी जाती है कि भविष्य में वह फेडरेशन का नाम अपने गैर निबंधित संगठन के लिए न करें। अन्यथा उनके एवं उनके संगठन के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत धारा 420 धोखाधड़ी का फ़ौजदारी मुकदमा दायर किया जाएगा, जिसके तहत सात वर्ष कारावास की सजा है, जिसे आर्थिक दंड के साथ या उसके बिना उन्हें जेल हो सकती है।
इस प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से महेंद्र राम, करतार सामंत, राकेश कुमार, दिलीप कुमार, आनंद रजक, शिवबहादुर राम, पंकज दास, विशेश्वर राजवर, हेम्बरम, राजेश कुमार, मुकेश कुमार, अशोक मांझी, मिहिलाल मुर्मू, सुनील कुमार रैना, मानिकराम मुंडा, विजय राम, देवेश टूडू, पारिख कुमार, बाहालाल मांझी राजकुमार भारती, हेमंत बेसरा, आदि मौजूद रहे।