- सोसाइटी ने 198 करोड़ रूपये, शेयरों और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किए, लेकिन कोई डीमैट खाता विवरण प्रस्तुत नहीं किया।
- 12520 बाहरी व्यक्तियों जैसे छोटे विक्रेताओं, रिक्शा चालकों को भी सदस्यता दी, जो मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन है।
- सोसाइटी एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था की तरह कार्य कर रही थी, जो एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है।
सूचनजी न्यूज, भिलाई। स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (सेफी) (Steel Executives Federation of India (SEFI)) की शिकायत पर बड़ा राज खुल गया है। SAIL इम्प्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी कोलकाता (SAIL Employees Cooperative Credit Society, Kolkata) में घोटाला हुआ है। SEFI की शिकायत पर केंद्रीय रजिस्ट्रार ने की जांच और 200 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश अब हो गया है।
सेफी चेयरमेन तथा बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर (SEFI Chairman and BSP Officers Association President Narendra Kumar Banchhor) के नेतृत्व में सेफी के वाइस प्रेसिडेंट तथा सीएमओ के एग्जीक्यूटिव एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने “सेल एम्पलाइज कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कोलकाता (SAIL Employees Cooperative Credit Society, Kolkata)“ में हुए लगभग 200 करोड रुपए के वित्तीय अनियमितताओं तथा प्रशासनिक गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री तथा अन्य वरिष्ठ राजनेताओं तक अपनी आवाज बुलंद की थी।
सेफी चेयरमैन नरेन्द्र कुमार बंछोर तथा सेफी के वाईस चेयरमैन एवं कॉस्मेक्स के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह द्वारा की गई शिकायत के आधार पर केंद्रीय रजिस्ट्रार ने इस मामले की जांच के आदेश दिये थे।
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पढ़ें भ्रष्टाचार का पूरा मामला
विदित हो की सेल इम्प्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी कोलकाता (SAIL Employees Cooperative Credit Society, Kolkata) में लगभग 2000 से अधिक सेल के वर्तमान व पूर्व कार्मिक सदस्य हैं, जिसमें मुख्यतः सीएमओ, कोलकाता तथा सेल कॉरपोरेट ऑफिस के कार्मिक शामिल है।
इस संस्था में हुए वित्तीय अनियमितताओं तथा प्रशासनिक गड़बड़ियों के चलते सेल के वर्तमान व पूर्व कार्मिक प्रभावित हुए हैं। सेफी ने इस मुद्दे को बड़ी गंभीरता से लिया एवं इसके समाधान हेतु सेफी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एवं केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इन मुद्दों को शीघ्र हल करने का आग्रह किया था।
इस संदर्भ में ज्ञात हो की SAIL इम्प्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी कोलकाता (SAIL Employees Cooperative Credit Society, Kolkata) में भारी वित्तीय अनियमितताओं तथा प्रशासनिक गड़बड़ियों के चलते यह संस्था गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक संकट में फंस चुकी थी। इन गड़बड़ियों के चलते सदस्यों के लगभग 200 करोड़ रूप अटक गए।
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पढ़िए कहां-कहां और कब शिकायतें हुई
-इस कड़ी में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर एवं सेफी वाईस चेयरमेन नरेन्द्र सिंह ने 6 माह पूर्व केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) तथा अपर सचिव रवींद्र कुमार अग्रवाल से मुलाकात कर घोटाले की विस्तृत जानकारी दी थी।
-फरवरी 2025 में सेफी के चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में सेफी प्रतिनिधि मंडल में शामिल नरेंद्र सिंह, संजय आर्या तथा आर सतीश कुमार ने केंद्रीय सहकारी समितियों के उपायुक्त जितेंद्र नागर से मंत्रालय में जाकर मुलाकात की थी।
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-मार्च 2025 में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर, सेफी वाईस चेयरमेन नरेन्द्र सिंह एवं कॉस्मेक्स के महासचिव एस एम भट्ट द्वारा रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसायटीस् कोलकाता से भी इस विषय पर चर्चा की व लगातार संपर्क बनाए रखा।
पैसों को डूबने से बचाया जा सके…
इन मुद्दों की गंभीरता से अवगत कराते हुए इसे शीघ्र हल करने का आग्रह किया। इससे प्रभावित सेल कार्मिकों को शीघ्र राहत प्रदान की जा सके और उनके पैसों को डूबने से बचाया जा सके। यह कदम ’सेफी के चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर’ के प्रखर नेतृत्व व दृढ़ संकल्प तथा ’उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह’ की अथक परिश्रम का परिणाम है।
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इन्होंने हर स्तर पर इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और सच्चाई सामने लाने में अहम भूमिका निभाई। इनके निरंतर प्रयास के चलते सहकारी समिति के केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा किये गये जांच में बेहद चौकाने वाले तथ्य सामने आए।
सत्यम घोटाले जैसी रिपोर्ट आ रही सामने
सोसाइटी ने 198 करोड़ रूपये, शेयरों और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किए, लेकिन कोई डीमैट खाता विवरण प्रस्तुत नहीं किया। साथ ही सोसाइटी ने पूरी राशि के मूल्य घटने से समाप्त होने का दावा किया, जो ‘सत्यम’ घोटाले जैसी काल्पनिक रिपोर्टिंग की आशंका को उत्पन्न करता है।
रिक्शा चालकों को भी बनाया सदस्य
सोसाइटी ने 1,053 सेल के पूर्व कर्मचारियों तथा 12520 बाहरी व्यक्तियों जैसे छोटे विक्रेताओं, रिक्शा चालकों को भी सदस्यता दी, जो मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन है। सोसाइटी एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था की तरह कार्य कर रही थी, जो एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है।
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इस प्रकार के कई गंभीर अनियमितताएं पायी गयी। जैसे हॉलीडे होम के संचालन में 20 करोड़ रूपये से अधिक निवेश किया गया जिसका राजस्व नगण्य है, निदेशक मंडल के चुनाव भी गैर कानूनी ढंग से कराया गया।
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जीवन भर की पूंजी संकट में
इस घोटाले से सेल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनभर की पूंजी संकट में पड़ गई है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में कुछ शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं और अन्य शहरों में भी केस दर्ज कराए जाने का प्रयास जारी है।
सेफी अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर और उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह के समर्पण और अथक प्रयासों से यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर सामने आया और 200 करोड़ रूपये से अधिक की संभावित वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ।
सेल प्रबंधन तत्काल ये एक्शन ले
इसके अतिरिक्त सेफी ने सेल के उच्च प्रबंधन से भी सहयोग करने की अपील की है। सेफी ने सेल के उच्च प्रबंधन से मांग की है कि जब तक समिति के अनियमितताओं का समाधान नहीं हो जाता तब तक समिति के सदस्यों से की जा रही अंशदान एवं ऋण की कटौती को इस सहकारी समिति के पास जमा न कराया जाए। जिससे और अधिक गड़बड़ियां होने की संभावनाओं पर रोक लगाई जा सके।
सेफी के ये पदाधिकारी लगातार लड़ते रहे
हाल ही में सेफी का प्रतिनिधि मंडल, सेफी के चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में जिसमें सेफी वाईस चेयरमेन द्वय नरेंद्र सिंह एवं अजय पाण्डेय तथा सेफी महासचिव संजय आर्या ने रजिस्ट्रार, केंद्रीय सहकारी समितियों के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी एवं “सेल एम्पलाइज कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कोलकाता के संचालन हेतु सरकारी प्रतिनिधि नियुक्त करने का आग्रह किया है।