अब कहां से आ रहा है पैसा, SAIL प्रबंधन जवाब दो? CITU बोला-कर्मियों से सौतेला बर्ताव, अब आर-पार की लड़ाई एकमात्र विकल्प

  • सेल के अधिकारियों को 11 माह के पर्क्स एरियर भुगतान पर फैसला।

  • कर्मचारियों के 39 माह के एरियर पर खामोशी से सीटू गुस्साया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited) के करीब 15 हजार अधिकारियों का बकाया एरियर भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, कर्मचारियों के 39 माह के बकाया एरियर पर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। इसको लेकर बीएसपी की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने सेल प्रबंधन पर भेदभाव का गंभीर आरोप लगा दिया है।

सीटू का कहना है कि सेल के विभिन्न संयंत्र के कर्मियों के पक्ष में किसी भी किस्म के भुगतान के लिए जब भी कोई निर्णय लेना होता है, सेल प्रबंधन घाटे का पिटारा लेकर बैठ जाता है। कर्मियों का 39 महीने का हक का पैसा अर्थात एरियर्स के भुगतान पर प्रबंधन से लेकर इस्पात मंत्रालय तक मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं।

किंतु सेल के अधिकारियों के 15 साल पुराना बकाया पर्क्स के भुगतान के आदेश को हरी झंडी दे दी गई है। हमें अधिकारियों के बकाया भुगतान पर कोई आपत्ति नहीं है। कर्मियों को पैसा देने के लिए घाटे की कहानी बताने वाला प्रबंधन जवाब दे कि अब कहां से पैसा आ रहा है?

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सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा कि प्रबंधन एवं इस्पात मंत्रालय इस तरह का हरकत करके न केवल कर्मियों एवं अधिकारियों के बीच भेदभाव कर रहा है, बल्कि उद्योग के ताना-बाना को भी बिगाड़ने का काम शुरू कर दिया है ।

15% एमजीबी, 35% पर्क्स के लिए प्रबंधन शुरू किया था घाटे का रोना

सीटू के जनरल सेक्रेटरी जेपी त्रिवेदी ने कहा कि वेतन वार्ता के समय जब कर्मियों को 15% एमजीबी एवं 35% पर्क्स देने की मांग को प्रबंधन के सामने रखा गया था, तब प्रबंधन ने घाटे का रोना शुरू कर दिया था।

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किंतु जैसे ही बहुमत के आधार पर तीन यूनियनों ने 13% एमजीबी एवं 26.5% पर्क्स पर 21 एवं 22 अक्टूबर 2021 को प्रबंधन के साथ सहमति जताते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया। वैसे ही दूसरे दिन प्रबंधन ने अधिकारियों के लिए 15% एमजीबी एवं 35% पर्क्स की घोषणा कर दी। प्रबंधन का हर मोड़ पर कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किसी से छुपा हुआ नहीं है।

आर-पार की लड़ाई ही एकमात्र विकल्प

सीटू नेता ने कहा कि कर्मियों के 39 महीने के एरियर्स एवं 1 अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक 18 महीने का पर्क्स का एरियर्स के लिए आर पार की लड़ाई ही एकमात्र विकल्प है। जिसके लिए कर्मियों को 30 जून 2021 जैसी बड़ी कार्यवाही को अंजाम देना होगा। तभी हम सेल प्रबंधन एवं कर्मियों पर अफॉर्डेबिलिटी क्लाज थोपने वाले इस मजदूर विरोधी सरकार से अपने हक के पैसे को ले सकेंगे।

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