Suchnaji

Bhilai Steel Plant: इन अधिकारियों की हरकत से बदनाम हो रहे ED वर्क्स, CITU ने गड्ढों में सड़क की सौंपी लिस्ट

Bhilai Steel Plant: इन अधिकारियों की हरकत से बदनाम हो रहे ED वर्क्स, CITU ने गड्ढों में सड़क की सौंपी लिस्ट

भिलाई स्टील प्लांट की समस्याओं का निराकरण न होने से हालात हो रहे खराब।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के यूनिवर्सल रेल मिल-यूआरएम सहित अनेक विभागों तक पहुंचने वाली सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है। खुलकर कहा जाए तो सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क है। संधारण कार्य करने हेतु सीटू यूनियन द्वारा अधिशासी निदेशक वर्क्स को 12 अगस्त को पत्र देकर मिलने के लिए समय मांगा। जिसमें बताया गया कि निम्न विषय पर मिलना चाहते हैं।

AD DESCRIPTION R.O. No.12945/84

इस संदर्भ में संयंत्र के अंदर विभिन्न विभागों के साथ जुड़ने वाली सड़कें खराब हो गई है और गड्डे निर्मित हो गए हैं। कीचड़ हो गया है, जिसमें दुपहिया वाहनों के गिरने और फिसलने की आशंका है। संयंत्र के अंदर सड़कों के संधारण कार्य के लिए सीटू ने सूची बना कर दिया है, किंतु अभी तक ईडी वर्क्स कार्यालय से समय नहीं मिला है।

ये खबर भी पढ़ें: EPFO NEWS: कर्मचारी भविष्य निधि के खातों, TDS, पेंशन,एडवांस की पात्रता पर बड़ी खबर

आप भी जानिए प्लांट में कहां-कहां की सड़क खराब

1. आरसीएल से ब्लास्ट फर्नेस एक तक जाने वाली सड़क।
2. पीपी यार्ड जाने का मार्ग।
3. बोरिया गेट से एमआरडी चौक तक।
4. संयंत्र भवन से ओएचपी जाने की सड़क।
5. सिंटर प्लांट 3 और उसके पीछे एमएसडीएस 4 और पीआरएमएस 75 बी का सड़क।
6. कोक ओवन जाने का मार्ग
7. मरोदा गेट से संयंत्र भवन के बीच सड़क में बड़े गड्ढे निर्मित हो गए हैं और कीचड़ है।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: छुट्टी को लेकर पर्सनल डिपार्टमेंट की दखल पर हंगामा, प्रबंधन का आया जवाब

सड़कों पर मवेशियों की स्थिति जस की तस

सीटू ने भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर एवं टाउनशिप के सड़कों पर मवेशियों के कारण हो रहे दुर्घटनाओं को लेकर ना केवल प्रबंधन को पत्र दिए हैं, बल्कि अलग-अलग स्तरों पर बातचीत भी की है। किंतु अभी भी स्थिति जस की तस है।

गेटों की स्थिति पर अभी तक कुछ नहीं किया प्रबंधन ने

सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि मेन गेट में ड्यूटी जाने वालों के लिए अभी भी चार ही गेट खुल रहे हैं। संयंत्र के अंदर जाते समय हल्ला गुल्ला और धक्का मुक्की यथावत जारी है।

15 अगस्त को तो स्थिति और विकराल हो गई थी जब सामान्य पाली के कर्मी भी प्रथम पाली में पहुंच गए थे और संयंत्र के अंदर जाने वालों की लाइन इस्पात भवन के आउट गेट पार करके आगे तक पहुंच गई थी।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL E0 रिजल्ट में बड़ी धांधली का आरोप, 109 के बजाय 81 कर्मचारी ही बने अधिकारी, 28 कर्मी को नुकसान

ड्यूटी शुरू होने के समय में जारी रहता है लोको मूवमेंट

संयंत्र के अंदर ड्यूटी शुरू होने के टाइम में सुरक्षा के मद्देनजर लोको मूवमेंट को बंद रखा जाता है। संयंत्र के अंदर लगभग सभी विभागों तक पहुंचने वाले मुख्य सड़कों पर रेल पटरी भी बिछी है। इन सड़कों के ऊपर ड्यूटी शुरू होने के टाइम में यदि लोको मूवमेंट जारी रहेगा तो कर्मी कैसे वक्त पर अपने विभाग तक पहुंच पाएंगे। समय पर बायोमेट्रिक फेस रीडिंग अटेंडेंस लगा पाएंगे। सीटू ने प्रबंधन को इस संदर्भ में आगाह भी किया है किंतु स्थिति यथावत है।

सभी गेट नहीं खुलते हैं शिफ्ट शुरू होने से एक घंटा पहले

सीटू उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी का कहना है कि शिफ्ट शुरू होने के पहले संयंत्र के सभी गेटों को एक घंटा पहले खोल दिया जाता था। 2 साल पहले प्रबंधन ने समय में परिवर्तन करते हुए आधा घंटा पहले गेट खोलना शुरू किया।

गेटों से कुछ विभाग इतनी दूर है कि वहां तक गेट से आधा घंटे में पहुंच पाना संभव नहीं है, जिससे वह समय पर बायोमेट्रिक फेस रीडिंग अटेंडेंस नहीं लगा पाएंगे। सीटू ने इस बारे में भी प्रबंधन को पत्र दिया है किंतु स्थिति यथावत है।

ये खबर भी पढ़ें: पुलिस लाइन में खून-खराबा, महिला सिपाही समेत 4 की गला रेत कर हत्या, पति ने की आत्महत्या

कर्मियों के प्रतिनिधियों से बात करने का समय तक नहीं है प्रबंधन के पास

सीटू ने कहा कि प्रबंधन में दो भाग है एक उच्च प्रबंधन एवं सामान्य अथवा निम्न प्रबंधन। जब भी उच्च प्रबंधन से समय मांगों तो वे कहते हैं कि उनके अधीनस्थ कार्यरत नीचे के अधिकारियों से मिलकर चर्चा कर लीजिए और नीचे के अधिकारियों से चर्चा करने पर पता चलता है कि वह इस बात को ऊपर के अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।

कुल मिलाकर बात यह है कि नीचे के अधिकारी निर्णय नहीं ले सकते हैं। ऊपर के अधिकारियों के पास कर्मियों के प्रतिनिधियों से बात करने का समय नहीं है। इसीलिए समस्याएं जस की तस है।।

AD DESCRIPTION RO: 12822/ 117