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- मद्रास हाईकोर्ट के निर्णय के दस्तावेज को संज्ञान में लेते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र में अर्जित अवकाश नगदीकरण गणना फार्मूला को शीघ्र बदलने का अनुरोध किया गया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के मुद्दे पर सीटू ने प्रबंधन को घेर लिया है। ईएल इनकैशमेंट विवाद पर अब कोर्ट का फैसला नजीर बन गया है। बीएसपी के मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) संदीप माथुर, महाप्रबंधक रूल्स एच शेखर को संबोधित मांग पत्र आइआर विभाग को सौंपा गया है। साथ में अर्जित अवकाश नगदीकरण के संदर्भ में मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय की प्रतिलिपि भी थमा दी गई है।
सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी का कहना है कि हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन (सीटू) भिलाई ने अर्जित अवकाश नगदीकरण के लिए 30 दिन का महीना के आधार पर की जा रही वर्तमान गणना फॉर्मूला में परिवर्तन कर 26 दिन का महीना के आधार पर गणना करने के संदर्भ में 27 सितंबर 2024 को पत्र क्रमांक HSEU/2024/49 दिया था। उस गणना पद्धति पर बल देने हेतु अर्जित अवकाश नगदीकरण के संदर्भ में 19 सितंबर 2024 को मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की प्रतिलिपि प्रबंधन के समक्ष प्रस्तुत किया है।
मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय के दस्तावेज को संज्ञान में लेते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र में अर्जित अवकाश नगदीकरण गणना फार्मूला को शीघ्र बदलने का अनुरोध किया गया है।
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समझिए पूरे विवाद को
सीटू (CITU) ने अर्जित अवकाश नकदीकरण (Earned Leave Encashment) की वर्तमान गणना प्रणाली पर सवाल उठाया है। सीटू नेताओं (CITU Leaders) ने कहा कि वर्तमान गणना प्रणाली के अनुसार अर्जित अवकाश नगदीकरण हेतु अवकाश वेतन की गणना के लिए मासिक वेतन (मूल वेतन +महंगाई भत्ता) को 30 दिन का महीना मानकर 30 से विभाजित किया जाता है, जबकि 26 कार्य दिवस का महीना मानकर मासिक वेतन को 26 से विभाजित कर प्रतिदिन का वेतन निकालना चाहिए एवं कर्मी जितने दिन का अर्जित अवकाश का नगदीकरण करवा रहे हैं, उससे निकाले गए प्रतिदिन का वेतन को गुणा करके प्राप्त राशि का भुगतान करना चाहिए।
26 दिन का महीना मानकर होता है गणना
सीटू ने कहा कि अर्जित अवकाश गणना के मामले में 26 दिन का माह मानते हुए, मासिक वेतन (मूल वेतन+महंगाई भत्ता) को 26 दिनों से विभाजित कर एक दिन का वेतन की गणना करना उचित है, क्योंकि ग्रेच्युटी के मामले में 26 कार्य दिवस का महीना मानकर 1 दिन के वेतन की गणना किया जाता है। उक्त गणना को सीटू के यूथ ब्रिगेड ने अध्ययन कर प्रस्तुत किया है।
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सिर्फ 26 ईएल भरकर ले सकते हैं एक महीने की छुट्टी
वहीं किसी कर्मी को 30 दिन के अवकाश पर रहने के लिए मात्र 26 दिन का अर्जित अवकाश लेना पड़ता है। अर्थात साप्ताहिक अवकाश के दिन अर्जित अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
इसका तात्पर्य यह है कि 30 दिन के लिए छुट्टी पर रहने से सिर्फ 26 ई एल भरना होता है। साप्ताहिक अवकाश की छुट्टी देने की आवश्यकता नहीं होती है। इसीलिए अर्जित अवकाश नगदीकरण के मामले में भी यही नियम अपनाया जाना चाहिए।
1 महीने के अर्जित अवकाश नगदीकरण में हो रहा है 6000 से 20000 का नुकसान
सीटू उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा कि एक माह का मासिक वेतन को मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता अर्जित अवकाश नगदीकरण के रूप में लेने के लिए 30 दिन अर्जित अवकाश को बेचना पड़ता था, जबकि 26 अर्जित अवकाश लेने पर एक मासिक वेतन प्राप्त हो सकता है। अर्थात हर बार नगदीकरण के समय एक मासिक वेतन लेने हेतु चार अतिरिक्त अर्जित अवकाश देना पड़ रहा है जिससे कर्मियों को S1 ग्रेड से लेकर S11 ग्रेड तक 6000 से 20000 तक का नुकसान हो रहा है।