- यूआरएम में कार्यरत आशीष पासवान का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव ले गए बोकारो।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारी के आत्महत्या केस में नया मोड़ आ गया है। दो तरह की बातें अब सामने आ रही है। फांसी के फंदे पर झूलकर जान देने वाले कर्मचारी के दोस्तों और पुलिस के बयान में अंतर है। मृतक के दोस्त को फोन करने वाली कौन था, परिवार से कोई था, पत्नी थी या कोई…। इसका पता अब तक नहीं चल सका है। प्राथमिक जांच में पुलिस को जो तथ्य मिला है, उसके अलावा अन्य तथ्यों पर भी फोकस किया जा रहा है।
फारेंसिक जांच के लिए टीम भी पहुंची। फिलहाल, झारखंड के बोकारो से मृतक के परिजन भिलाई पहुंचे। शव का पंचनामा, पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर बोकारो के लिए रवाना हो गए। शव का अंतिम संस्कार गुरुवार को बोकारो में ही किया जाएगा।
नेवई थाना के प्रभारी प्रशांत मिश्र ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि आत्महत्या की बात ही प्राथमिक तौर पर स्पष्ट हो पाई है। शव के पास जो सामान मिले हैं, उसको अपने कब्जे में लिया गया है।
परिवार की तरफ से यही बताया गया है कि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी और पत्नी भी साथ नहीं रहती थी। रक्षाबंधन के बाद से पत्नी लौटी नहीं। वह काफी परेशान रहता था। पुलिस के मुताबिक मृतक के दोस्तों को फोन आया था कि आशीष फोन नहीं उठा रहा है, घर पर जाकर चेक कीजिए। इसके बाद पता चला कि बीएसपी कर्मचारी ने आत्महत्या कर लिया है।
मृतक आशीष के साथियों ने ये बताया, परिवर्तित नाम के साथ पढ़िए
यूआरएम के कर्मचारी आशीष के करीबी दोस्त ओएचपी में कार्यरत परविंद्र (परिवर्तित नाम) ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे उनके मोबाइल पर किसी का फोन आया। फोन करने वाली ने बताया कि आशीष का फोन नहीं रिसीव हो रहा है। आप एक बार चेक कीजिए। ड्यूटी पर होने की वजह से आशीष ने ध्यान नहीं दिया।
शाम करीब साढ़े 6 बजे दोबारा फोन आया और कहा गया कि आशीष ने आत्महत्या कर लिया है क्या? फोन नहीं उठा रहा है। इतना सुनते ही परविंद्र डर गया और अपने एक दोस्त अनीष को (परिवर्तित नाम) को फोन कर जानकारी दी। अनीष रिसाली स्थित आवास पर पहुंचे और खिड़की तोड़कर अंदर घुसने पर पता चला कि आशीष ने जान दे दी है।
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नवंबर में आशीष की शादी हुई थी। सुबह 8 बजे तक पड़ोसियों ने देखा। इसके बाद किसी ने नहीं देखा।
अनीष जब रिसाली स्थित आशीष के घर पर पहुंचा तो उसने बीएसपी के बीआरएम में कार्यरत एक अन्य कर्मचारी प्रवीण (परिवर्तित नाम) को दशहरा मैदान से साथ लिया, तब तक अभिषेक भी पहुंच गए। पुलिस को जानकारी दी गई।