- 01/09/2014 पूर्व सेवानिवृत्त लोगों के लिए मामले पर मुकदमा चल रहा है और अब आरसी गुप्ता और अन्य द्वारा सचिव MoL&E नई दिल्ली के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को 20 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 हायर पेंशन और न्यूनतम पेंशन का आपस में कोई भी संबंध नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के 04 नवंबर 2022 को पारित आदेश का न्यूनतम पेंशन से कोई लेना-देना नहीं है।
दिल्ली के रहने वाले पेंशनर्स Anil Kumar ने सोशल मीडिया (Social Media) पर स्पष्ट करते हुए लिखा-न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी शासन को करना है, या नहीं, यह तो शासन की मंशा पर निर्भर है। यद्यपि शासन चाहे तो ही इस मामले पर निर्णय लिया जाना है। कोर्ट ने ईपीएस 95 हायर पेंशन को लेकर आदेश जारी किया था।
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अत: किसी भी वृद्धि की स्थिति में सरकार स्तर पर ही घोषणा की जानी है। उच्चतम न्यायालय के आदेश 04/11/2022 उच्चतर द्वारा पारित आदेश अनुसार वेतन पर पेंशन प्रकरण ईपीएफओ के पास है, विशेषकर 01/09/2014 पश्चात सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स के लिए प्रभावशील है।
01/09/2014 पूर्व सेवानिवृत्त लोगों के लिए मामले पर मुकदमा चल रहा है और अब आरसी गुप्ता और अन्य द्वारा सचिव MoL&E नई दिल्ली के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को 20 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।
इधर-Santosh Swaroop ने EPF 95 pensioner’s ग्रुप पर एक पुराना पोस्ट शेयर किया। इसमें EPFO ग्वालियर से नियोक्ता जिला सहकारी बैंक मर्यादित मुरैना के महाप्रबंधक अम्बरीष मुद्गल को मौखिक जबाब देते हुए कहा कि 1/9/2014 से पूर्व रिटायर्ड लोगों के लिए हायर पेंशन का कोई आदेश नहीं है। अथवा उनके लिए कुछ भी नहीं है।
साथ ही जो आवेदन भरवाए गए थे, वो भी वापिस लौटाए। और कहा कि ऑनलाइन भी उन लोगों ने भरे हैं और कुछ लोग भर रहे हैं, वे परेशान न हों, क्यों कि उनके लिये हायर पेंशन की गुंजाइश व उम्मीद नहीं है, तो व्यर्थ में परेशान न हों…!