Suchnaji

महंगे होटलों में SAIL-NJCS मीटिंग पर करोड़ों खर्च, केंद्रीय सकर्तता आयोग एक्शन में

महंगे होटलों में SAIL-NJCS मीटिंग पर करोड़ों खर्च, केंद्रीय सकर्तता आयोग एक्शन में
  • एनजेसीएस मीटिंग में अधिकतम 25 यूनियन लीडर तथा 10 प्रबंधन के अधिकारी सम्मिलित होते हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील पीएसयू सेल (Steel PSU SAIL) तथा आरआईएनएल (RINL) में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझाने के लिए गठित द्विपक्षीय कमेटी “एनजेसीएस” की मीटिंग थ्री, फोर स्टार होटलों में कराने का मामला तूल पकड़ रहा है। इसके खिलाफ बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने पीएमओ, सीवीसी तथा इस्पात सचिव से शिकायत किया था। सीवीसी ने आवेदन को स्वीकार कर आगे की कार्यवाही के लिए भेज दिया है।

AD DESCRIPTION

BWU का तंज: NJCS बैठक में नियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर सब मौन, BSP कर्मचारियों में हताशा

गौरतलब है कि एनजेसीएस मीटिंग में अधिकतम 25 यूनियन लीडर तथा 10 प्रबंधन के अधिकारी सम्मिलित होते हैं। जबकि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की सभी यूनिटों तथा भिलाई, बोकारो, राउरकेला, दूर्गापुर, बर्नपुर, चंद्रपुर, भद्रावती, माइंस, रांची, दिल्ली कार्यालयों मे शानदार अतिथि गृह तथा सम्मेलन कक्ष है।

SAIL NJCS: केंद्रीय पीएफ आयुक्त ने PF की गणना में AWA का पैसा शामिल करने से किया मना

खुद उक्त अतिथि  गृह में सेल चेयरमैन, राजकीय अतिथि, इस्पात मंत्रालय से जुड़े अतिथि ठहरते हैं। यहां तक कि कई बार प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति भी निवास कर चुके हैं। फिर भी यूनियन प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के लिए दिल्ली जैसे महंगे शहरों में थ्री स्टार, फोर स्टार होटल करना और उसमे उन प्रतिनिधियों को ठहराना बेवजह फिजूलखर्ची है।

Bhilai Steel Plant: मेडिक्लेम स्कीम में  Alcohol और स्मोक के बहाने रोक रहे क्लेम राश

वहीं, यूनियन प्रतिनिधियो को यात्रा भत्ता भी सेल प्रबंधन द्वारा दिया जाता है। जबकि सभी प्रतिनिधियों के मूल यूनियन के पास अपना कोष है। अपने यूनियन के कोष से राशि लेकर सभी प्रतिनिधि यात्रा कर सकते हैं।

Bhilai Steel Plant: मेडिक्लेम स्कीम में  Alcohol और स्मोक के बहाने रोक रहे क्लेम राश

सभी यूनियनें सेल गैर कार्यपालक कर्मियों से मासिक, त्रैमासिक, अर्द्ध वार्षिक, वार्षिक, विशेष सम्मेलन हेतु चंदा भी लेती है। वहीं, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 तथा इसके संशोधनों में कही भी कंपनी द्वारा कर्मचारी प्रतिनिधियों को यात्रा भत्ता या अन्य प्रतिपूर्ति देने का भी उल्लेख नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ बजट 2024: सीएम विष्णु देव साय सरकार का पहला बजट, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने खोला पिटारा, पढ़िए किसे-क्या मिला

वेज रीविजन मीटिंग के लिए 4.24 करोड़ रुपया का प्रावधान

बीएकेएस भिलाई के महासचिव अभिषेक सिंह का कहना है कि सेल की वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट 2021-22 के पृष्ठ 20 का बिंदू संख्या 4(b) में उल्लेख है कि वेज रीविजन मीटिंग के लिए 4.24 करोड़ रुपया का प्रावधान किया गया था। जबकि कंपनी के अतिथि गृह में मीटिंग कर इस पैसों को बचाया जा सकता था।

ये खबर भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ बजट 2024: इतिहास में पहली बार पेश होगा पेपरलेस डिजिटल बजट

कई बार मीटिंग के दौरान कोई निर्णय भी नहीं होता है। लेकिन यूनियन प्रतिनिधियों को यात्रा भत्ता, होटल के बिल का भुगतान, कंपनी के वित्तीय मद से  किया जाता है। जिसके लिए सेल प्रबंधन ने एक ही मुद्दे के लिए यूनियन के नेताजी के  साथ कई बार मीटिंग बुला कर कंपनी के पैसा को बर्बाद करते रहते हैं।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL NEWS: मजदूरों को AWA का कहीं 3300, 3700 और 4100 रुपए ही, बंदरबाट रोकना जरूरी

सेफी-प्रबंधन मीटिंग कभी भी बड़े होटलों में नहीं होती

वहीं, सेल अधिकारी वर्ग का फेडेरेशन “सेफी” का प्रबंधन के साथ मीटिंग कभी भी बड़े बड़े होटलों में आयोजित नहीं की जाती है। सेफी के सदस्य हमेशा अपने संगठन के पैसों से यात्रा करते हैं तथा होटलों में ठहरते हैं। वहीं, एनजेसीएस प्रतिनिधियों को ठहरने के लिए कंपनी का पैसा खर्च करना कही से उचित नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें : ग्रेच्युटी पर बड़ा अपडेट: सेल कर्मचारियों के लिए फिर तारीख पर तारीख

कोविड काल में जूम मीटिंग का रहा दौर, खर्च शून्य

वहीं, कोविड 19 गाइडलाईन के समय कंपनी यूनियन प्रतिनिधियों के साथ कई वर्चुअल मीटिंग कर चुकी है, जिसमे कंपनी को कुछ भी आर्थिक खर्च नहीं करना पड़ा था। कंपनी के सभी यूनिटों में ऑनलाइन वीडियो कॉफ्रेंसिंग की सुविधा भी है।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL NJCS बैठक में AWA के 4100 रुपए पर सब राजी, मार्च से पेमेंट बढ़कर मिलेगा

यूनियन प्रतिनिधि समाज सेवा के लिए ही यूनियन क्रियाकलाप में शामिल होते है और समाजसेवा सेल की यूनिटों की अतिथि गृह में भी मीटिंग कर की जा सकती है।

यूनियन का कहना है

हम कंपनी को मां समान समझते है, परंतु प्रबंधन हमे सौतेला समझती है। हम कर्मचारियों की जमीनी मेहनत के बल पर यह कंपनी टिकी हुई है। इस वित्त वर्ष भी मात्र नौ माह में 2359 करोड़ रुपया कर पूर्व लाभ हुआ है। अधिकारी वर्ग तो 5% पीआरपी ले लेंगे, कर्मचारि वर्ग को बाहरी नेताओ के भरोसे रहना पड़ेगा।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant: प्लेट मिल के कैपिटल रिपेयर को देखने पहुंचे DIC-ED, पहली बार बदली जा रही गैस पाइपलाइन