- भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिनिमम पेंशन को बढ़ाकर 1000 किया।
अज़मत अली, भिलाई। न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) को बढ़ाने के लिए पेंशनभोगी लगातार आवाज उठा रहे हैं। सरकार पर दबाव बनाने के लिए सड़क की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। पेंशन से जुड़ी रोचक बातें भी सामने आ रही है। एक और नई बात को पेंशनर्स लेकर आए हैं, जिसके बारे में बहुत लोग जानते नहीं है।
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ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी का कहना है कि EPS 95 पेंशन योजना अंतर्गत 2001 के बाद वार्षिक राहत खत्म कर दी गई। 25 सितंबर 2008 से पेंशनर्स को दी जाने वाली पूंजी की वापसी का भी प्रावधान खत्म दिया गया। साथ ही कम्युटेशन का प्रावधान भी खत्म कर दिया गया था, जब कि जब यह बनी थी तब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा वचन दिया गया था कि यह EPS 95 स्कीम सरकारी पेंशन योजना से 10 प्रतिशत बेहतर होगी।
अतः इस संवेदनशील विषय को भारतीय जनता पार्टी ने उठाया, राज्य सभा पिटीशन 147 अनुसार कोश्यारी समिति का गठन किया गया। कोश्यारी समिति ने मिनिमम पेंशन को बढ़ाकर 3000 कर उसे मंहगाई से जोड़ने की सिफारिश भी की।
यह भी कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिनिमम पेंशन को बढ़ाकर 1000 किया।
श्रम मंत्रालय पर फूट रहा गुस्सा
प्रधानमंत्री को शायद उस समय पता ही नहीं होगा कि तुरंत ही श्रम मंत्रालय ने एक बड़ा पराक्रम कर दिखाया व अच्छे भविष्य का स्वप्न दिखाकर व निम्न लिखित बदलाव दिनांक 01.09.2014 से लागू कर EPS 95 पेंशनर्स का वर्तमान ही अन्धकार मय कर दिया।
12 महीने के औसत की जगह 60 माह
पहले से ही पेंशन अत्यंत अल्प थी, ऊपर से उस पेंशन राशि की गणना हेतु वेतन के 12 महीने के औसत की जगह 60 माह के औसत वेतन की गणना शुरू की। साथ ही Pro Rata बेस पर भी गणना शुरू की, जिसका परिणाम यह हुआ कि मासिक पेंशन राशि 30- 35% कम हो गई।