भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer, ये है ताज़ा रिपोर्ट

India is the second largest mobile manufacturer in the world, this is the latest report
  • केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा-2014 में 2 इकाइयों से बढ़कर आज देशभर में 300 से अधिक इकाइयां काम कर रही हैं।
  • आयात से स्वतंत्रता तक: भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल फोन अब स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं।
    विनिर्माण मूल्य बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपये हो गया है जबकि निर्यात 2024 में 1,29,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
  • ‘मेक इन इंडिया’ ने चार्जर, बैटरी पैक से लेकर कैमरा मॉड्यूल, डिस्प्ले मॉड्यूल आदि प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Mobile Nanufacturer देश बन गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा-2014 में 2 इकाइयों से बढ़कर आज देशभर में 300 से अधिक इकाइयां काम कर रही हैं।

ये खबर भी पढ़ें: पेंशनभोगियों के लिए बुरी खबर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी सरकार मौन

आयात से स्वतंत्रता तक: भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल फोन अब स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं। विनिर्माण मूल्य बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपये हो गया है जबकि निर्यात 2024 में 1,29,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें: बजट सत्र में उठेंगे वक्फ, बैंकिंग, रेलवे संग 16 विधेयक, 36 पार्टियों के 52 नेताओं से मोदी सरकार ने ये कहा

प्रधानमंत्री का ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने में मदद कर रहा है। अपने शुरू होने के एक दशक के भीतर मेक इन इंडिया कार्यक्रम न केवल हमारी आत्मनिर्भरता को बढ़ा रहा है बल्कि उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है और रोजगार भी पैदा कर रहा है।

ये खबर भी पढ़ें: Employee News: 5-5 राज्यों की 3 समितियां गठित, Social Security Coverage का खास मॉडल, मार्च में होगा पेश

इस संबंध में डेटा साझा करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दशक में भारत के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन पर प्रकाश डाला।

आयात से स्वतंत्रता तक-मोबाइल विनिर्माण में भारत का उदय

भारत ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया है। 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल विनिर्माण इकाइयाँ थीं, लेकिन आज देश में 300 से अधिक विनिर्माण इकाइयाँ हैं  जो इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में महत्वपूर्ण विस्तार को रेखांकित करती हैं।

ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशन 7500 रुपए होगी या नहीं, बस चंद समय और

2014-15 में भारत में बिकने वाले सिर्फ़ 26% मोबाइल फ़ोन भारत में बने थे, बाकी आयात किए जा रहे थे। गौरतलब है कि आज भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल फ़ोन भारत में ही बनते हैं। मोबाइल फ़ोन का विनिर्माण मूल्य वित्त वर्ष 2014 में 18,900 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 4,22,000 करोड़ रूपये हो गया है।

ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Higher Pension: ईपीएफओ डिमांग लेटर पर ब्याज सहित मांग रहा पैसा, लेकिन एरियर पर चुप्पी

भारत में हर साल 325 से 330 मिलियन से ज़्यादा मोबाइल फ़ोन बनाए जा रहे हैं और औसतन भारत में लगभग एक बिलियन मोबाइल फ़ोन उपयोग में हैं।

ये खबर भी पढ़ें: Employee News: भविष्य निधि खाता, रिफंड और पासपोर्ट सत्यापन की ये कहानी शिकायत-रिजल्ट का बेहतरीन सबूत

भारतीय मोबाइल फ़ोन ने घरेलू बाज़ार को लगभग परिपूर्ण कर दिया है और यही वजह है कि मोबाइल फ़ोन के निर्यात में काफ़ी वृद्धि हुई है। 2014 में निर्यात लगभग न के बराबर था, जो अब ₹1,29,000 करोड़ से ज़्यादा हो गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में रोजगार सृजन का एक दशक

इस क्षेत्र का विस्तार रोजगार का एक प्रमुख स्रोत भी रहा है जिसने पिछले दशक में लगभग 12 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार पैदा किए हैं । इन रोजगार अवसरों ने न केवल कई परिवारों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाया है, बल्कि देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में भी योगदान दिया है।

ये खबर भी पढ़ें: Employees Pension Scheme 1995: बजट की उलटी गिनती शुरू, पेंशनभोगी ध्यान दें

इन मील के पत्थरों को हासिल करने में ‘मेक इन इंडिया’ पहल की अहम भूमिका रही है। इसने चार्जर, बैटरी पैक, सभी प्रकार के मैकेनिक्स, यूएसबी केबल जैसे महत्वपूर्ण कलपुर्जों और उप-असेंबली के घरेलू उत्पादन को सक्षम बनाया है और लिथियम आयन सेल, स्पीकर और माइक्रोफोन, डिस्प्ले असेंबली और कैमरा मॉड्यूल जैसे अधिक जटिल घटकों का उत्पादन किया है।

ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 हायर पेंशन फंस जाएगी,  बढ़ाएं 31 जनवरी की तारीख

मूल्य शृंखला को गहन बनाना: भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को आगे बढ़ाना

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब मूल्य श्रृंखला में और गहराई से आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिसमें बढ़िया कलपुर्जों और सेमीकंडक्टर उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा रहा है जिससे इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे पारिस्थितिकी तंत्र का स्वदेशी विकास सुनिश्चित हो सके। इससे वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

ये खबर भी पढ़ें: EPFO Big News: अब कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं, इम्प्लायर का झंझट खत्म, घर बैठे कीजिए प्रोफाइल अपडेट