- फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा ग्राहकों को बैंकिंग लेनदेन में सक्षम बनाती है।
- फिंगरप्रिंट या ओटीपी जैसे बायोमेट्रिक इनपुट की आवश्यकता नहीं।
- वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और उंगलियों के निशान मिट जाने वाले व्यक्तियों के लिए समावेशी बैंकिंग।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने ग्राहक लेनदेन के लिए आधार के माध्यम से पहचान प्रमाणन सुविधा की राष्ट्रव्यापी शुरुआत की घोषणा की है। यह एक सफल पहल है। इसका उद्देश्य बैंकिंग को अधिक सुरक्षित, समावेशी और सुविधाजनक बनाकर प्रत्येक नागरिक, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को सशक्त बनाना है।
यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के ढांचे के अंतर्गत विकसित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा ग्राहकों को बैंकिंग लेनदेन में सक्षम बनाती है, जिससे फिंगरप्रिंट या ओटीपी जैसे बायोमेट्रिक इनपुट की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इसके साथ, आईपीपीबी बैंकिंग को अधिक सुलभ, समावेशी और ग्राहक-केंद्रित बनाकर “आपका बैंक, आपके द्वार” के अपने मिशन को सार्थक बनाता है।
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इस अवसर पर आईपीपीबी के एमडी और सीईओ आर विश्वेश्वरन ने कहा, “आईपीपीबी में हमारा मानना है कि बैंकिंग न केवल सुलभ होनी चाहिए, बल्कि सम्मानजनक भी होनी चाहिए। आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के साथ, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट या ओटीपी सत्यापन की सीमाओं के कारण कोई भी ग्राहक सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित न रह जाए। यह केवल एक तकनीकी विशेषता नहीं है; यह बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेशन को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में एक कदम है।”
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जानिए आईपीपीबी की फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा के मुख्य लाभ
• वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और उंगलियों के निशान मिट जाने वाले व्यक्तियों के लिए समावेशी बैंकिंग।
• ओटीपी या फिंगरप्रिंट सेंसर पर निर्भरता के बिना सुरक्षित आधार प्रमाणीकरण।
• ग्राहकों की सुगमता के लिए तीव्र और संपर्क रहित लेनदेन।
• जोखिमपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों के दौरान सुरक्षित बैंकिंग।
• खाता खोलना, शेष राशि की जांच, निधि अंतरण और उपयोगिता भुगतान सहित सभी बैंकिंग सेवाओं के लिए उपयुक्त।
• आईपीपीबी फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा का शुभारंभ भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन मिशन के अनुरूप है।
• यह सुविधा तकनीक का उपयोग करके समानता, पहुंच और सशक्तिकरण के मूल्यों को बनाए रखने के लिए मानक स्थापित करती है।
• आईपीपीबी अपने सभी ग्राहकों को विशेषकर उन ग्राहकों को जिन्हें फिंगरप्रिंट-आधारित प्रमाणीकरण में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, इस नई सुविधा की सरलता का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में पढ़िए
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना डाक विभाग, संचार मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार की शत-प्रतिशत प्रतिभूति के साथ की गई है। आईपीपीबी की शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को हुई थी। इस बैंक की स्थापना देश में आम लोगों के लिए सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक बनाने के उद्देश्य से की गई है।
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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने वाले लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना और लगभग 1,65,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1,40,000) और लगभग 3,00,000 डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाकर अंतिम छोर तक पहुंचना है।
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आम जनता के लिए बैंकिंग आसान
आईपीपीबी की पहुंच और इसका संचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जिसमें सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के घर पर सरल और सुरक्षित तरीके से कागज रहित, नकदी रहित और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम बनाना आदि सुविधाएं शामिल हैं।
आईपीपीबी किफायती नवाचार का लाभ उठाते हुए और आम जनता के लिए बैंकिंग को आसान बनाने पर विशेष ध्यान देते हुए, देश के 5.57 लाख गांवों और कस्बों में 11 करोड़ ग्राहकों को 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
आईपीपीबी कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया विजन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। देश तभी समृद्ध होगा जब प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त बनने के समान अवसर मिलेंगे। हमारा आदर्श वाक्य सत्य है-प्रत्येक ग्राहक महत्वपूर्ण है, प्रत्येक लेनदेन महत्वपूर्ण है और प्रत्येक जमा राशि मूल्यवान है।