- सबसे ज्यादा दुर्ग जिले के नेताओं ने दुर्ग सहित कुल पांच स्थान से चुनाव लड़ा। प्रमुख नाम पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) भूपेश बघेल का है।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों ने लोकल नेताओं को तरजीह दी। कथित ‘बाहरी’नेताओं को प्रदेश ने दरकिनार कर दिया। मंगलवार को लोकसभा चुनाव के आए रिजल्ट पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने लोकल लीडर्स को ही वोट देकर सांसद बनाया। जबकि बाहर से आए नेता को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली।
छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीट है। इसमें से बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और सरगुजा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। जबकि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC-कांग्रेस) को एकमात्र कोरबा सीट पर ही जीत मिल पाई।
प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर लोकल प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। कांग्रेस और BJP दोनों ही पार्टी ने दूसरे जिले, दीगर संभाग और अन्य लोकसभा क्षेत्र से आए नेताओं को नए जगह प्रत्याशी बनाया था, ऐसे हरेक प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
दरअसल ऐसे हर प्रत्याशी के साथ विरोधी खेमा ‘बाहरी’ का टैग लगाते रहा। कई स्थानों पर यह ‘बाहरी’ का टैग इतना हावी हुआ कि स्थानीय लोग भी बाहरी के बजाए कमतर ही सही लेकिन लोकल उम्मीदवार को जीतने के लिए मन बना चुके थे।
बाहरी नेताओं को यहां से मिली हार
राजनांदगांव : इस चुनाव में सबसे ज्यादा दुर्ग जिले के नेताओं ने दुर्ग सहित कुल पांच स्थान से चुनाव लड़ा। इसमें सबसे प्रमुख नाम है पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) भूपेश बघेल। बघेल को कांग्रेस ने राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया था। यहां से BJP के संतोष पाण्डेय ने भूपेश बघेल को 44 हजार चार सौ 11 (44,411) वोटों से हरा दिया।
महासमुंद : यहां से कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को टिकट दिया था। दुर्ग के रहने वाले और दुर्ग ग्रामीण के पूर्व विधायक (Ex MLA) को महासमुंद ने हरा दिया। यहां से BJP की रूप कुमारी चौधरी ने एक लाख 45 हजार चार सौ 56 (01,45,456) वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
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बिलासपुर : यहां से BJP प्रत्याशी तोखन साहू जीतकर सांसद बने। बिलासपुर लोकसभा में कांग्रेस ने भिलाई नगर के MLA देवेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। दुर्ग जिले के रहने वाले देवेन्द्र को बिलासपुर ने एक लाख 64 हजार पांच सौ 58 (01,64,558) वोटों से दरकिनार कर दिया।
जांजगीर-चांपा : यहां से BJP की कमलेश जांगड़े ने जीत दर्ज की। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया को उम्मीदवार बनाया था। रायपुर जिले से संबंध रखने वाले डहरिया को जांजगीर-चांपा ने 60 हजार (60,000) वोटों से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कोरबा : कोरबा प्रदेश की एकमात्र सीट है जहां इस चुनाव में कांग्रेस की इज्जत बच पाई। यहां से BJP उम्मीदवार सरोज पाण्डेय को हार का सामना करना पड़ा। सरोज पाण्डेय दुर्ग की रहने वाली है। इस सीट पर कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने 43 हजार दो सौ 83 (43,283) वोट से जीत दर्ज की।
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