NEPP का गंदा खेल: नेहरू और कर्म शिरोमणी अवॉर्ड पाने वाले BSP कर्मचारी को B और C ग्रेड, चक्कर खाकर गिरा कर्मी, अस्पताल में भर्ती

NEPP's dirty game: BSP employee who received Nehru and Karma Shiromani award got B and C grade, employee fainted and fell down, admitted in hospital
काउंसिलिंग के दौरान बड़े अधिकारी के सामने कर्मचारी को धमकाया गया। टेंशन में आकर वे सेकंड शिफ्ट डयूटी में चक्कर खाकर गिर पड़े।
  • जिन्हें पूरे सेवाकाल में B या C ग्रेड नहीं मिला, उन्हें सेवानिवृत्ति के पहले B या C ग्रेड देकर कर्मचारियों पर धब्बा लगाया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारी भारी तनाव में हैं। B और C ग्रेड को लेकर महौल बिगड़ता जा रहा है। तनाव से भरे कर्मचारियों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई है। अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत तक आ गई।

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बीएसपी के टीएंडडी के कर्मचारियों ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को जिन्हें पूरे सेवाकाल में B या C ग्रेड नहीं मिला, उन्हें सेवानिवृत्ति के पहले B या C ग्रेड देकर कर्मचारियों पर धब्बा लगाया जा रहा है।

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टीएंडडी में NEPP के आधार पर B और C ग्रेड देने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। एक कर्मचारी को जिसे नेहरू अवॉर्ड और कर्म शिरोमणी अवॉर्ड भी मिल चुका है, उसे सिर्फ साहब की जी हुज़ूरी न करने के कारण C Grade दिया गया। और काउंसिलिंग के दौरान बड़े अधिकारी के सामने उस कर्मचारी को धमकाया गया, जिससे टेंशन में आकर वे सेकंड शिफ्ट डयूटी में चक्कर खाकर गिर पड़े।

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उन्हें मेन मेडिकल पोस्ट ले जाया गया, जहां उनका बीपी 160 पाया गया। तुरंत उन्हें सेक्टर 9 अस्पताल रेफर किया गया। और एक दिन एडमिट करने के बाद तीन-चार दिन के लिए अनफिट किया गया। इसी तरह एक कर्मचारी को भी C ग्रेड दिया गया, जबकि उनसे काम करवाने वाले शिफ्ट चार्जमेन का कहना है कि उनका कार्य बहुत अच्छा है। पिछली बार दो कर्मचारियों को C grade दिया गया, ताकि वे E 0 के एग्जाम में ना बैठ सके।

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विभागीय कर्मचारियों का आरोप है कि इन सब के पीछे जीएम इंचार्ज को सीजीएम नहीं बनाना है। क्योंकि उन्हें भी B और C grade मिला था और उनके जूनियर को CGM बना दिया गया। अब वे अपना गुस्सा कर्मचारियों पर निकालने के लिए उन्हें भी B और C grade दिलवा रहे हैं। इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो विभागीय अधिकारी ही स्पष्ट कर सकते हैं। विभाग की ओर से जैसे ही कोई पक्ष आएगा। खबर अपडेट की जाएगी।

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