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‘रावघाट-जगदलपुर’ रेल प्रोजेक्ट पर Railway Minister ने CM साय को बताया DPR तैयार, SAIL-BSP को होगा डायरेक्ट बेनिफिट

‘रावघाट-जगदलपुर’ रेल प्रोजेक्ट पर Railway Minister ने CM साय को बताया DPR तैयार, SAIL-BSP को होगा डायरेक्ट बेनिफिट
  • Big News: Chhattisgarh के चार रेल प्रोजेक्ट में से रावघाट-जगदलपुर से SAIL-BSP को फायदा होगा।
  • रावघाट प्रोजेक्ट पूरा होने से एशिया के सबसे बड़े स्टील प्लांट को सीधे हो सकेगी कच्चे माल की ढुलाई।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने जिन चार रेल परियोजनाओं पर केन्द्रीय रेलमंत्री से चर्चा की इसमें ‘रावघाट-जगदलपुर’ रेल लाइन प्रोजेक्ट (‘Rowghat-Jagdalpur’ Rail Line Project) भी शामिल है। यह प्रदेश ही नहीं देश और दुनिया के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

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इस रेल परियोजना के कंप्लीट हो जाने से एशिया के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र ‘भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant)’ (BSP) को कच्चे माल की ढुलाई तो होगी ही। साथ ही बस्तर सीधे रेल नेटवर्क से छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सा से जुड़ जाएगा।

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मौजूदा समय में बस्तर अंचल के मुख्यालय जगदलपुर के साथ ही अंचल का बचेगी, किरंदुल में रेलवे नेटवर्क से जुड़ा है। लेकिन यह लाइन ओडिशा और आंध्राप्रदेश के तरफ से कनेक्टेड है। रावघाट तक रेलवे लाइन बिछाने का काम चल रहा है। सीएम ने रावघाट-जगदलपुर नेटवर्क (Rowghat-Jagdalpur Network) के लिए तेजी लाने क मांग की। वास्तव में प्रोजेक्ट कंप्लीट होने से बस्तर छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग जैसे मेन जंक्शनों से सीधे जुड़ जाएगा।

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राजधानी रायपुर और दुर्ग से जगदलपुर की दूरी तीन सौ किलोमीटर (300 KM) के अंदर ही है। लेकिन रेल मार्ग से मौजूदा समय में यह दूरी 650 KM के करीब है। क्योंकि ट्रेन मार्ग ओडिशा होते हुए जाती है। बीते दिनों दुर्ग से जगदलपुर के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन ओडिशा के मार्ग से ही आवाजाही करती थी।

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सबसे कमाऊ जोन में बढ़ेगा Durg का कद

इसके साथ ही भारतीय रेलवे में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railway in Indian Railways) (SECR) सबसे कमाऊ जोन माना जाता है। जोन के मुख्यालय बिलासपुर (Headquarters Bilaspur) में सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन और जंक्शन है। बिलासपुर के बाद ही जोन में रायपुर, गोंदिया के साथ ही साथ दुर्ग का कद भी लंबा-चौड़ा माना जाता है। लेकिन रावघाट-जगदलपुर प्रोजेक्ट के पूरे हो जाने से दुर्ग स्टेशन, दुर्ग शहर और दुर्ग रेलवे जंक्शन का कद और बढ़ जाएगा।

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कारण यह है कि रावघाट रेल सेवा दल्लीराजहरा (Rowghat Railway Service Dalli Rajhara) से होते हुए पहुंचती है। जबकि दल्लीराजहरा के लिए दुर्ग स्टेशन से लाइन बिछी हुई है। दल्लीराजहरा रूट के कारण ही दुर्ग स्टेशन को जंक्शन का तमगा मिला हुआ है।

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करीब डेढ सौ KM है यह प्रोजेक्ट

हम आपको बता दें कि रावघाट से जगदलपुर तक रेल लाइन का प्रोजेक्ट करीब एक सौ 140 किलोमीटर (140 KM) लंबा है। रेलवे काफी पहले से ही दल्लीराजहरा-रावघाट रेलवे लाइन का निर्माण कर रहा है। यह प्रोजेक्ट लगभग 95 KM लंबा है। दल्लीराजहरा से आगे केंवटी, गुदुम, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़ जैसे इलाकों तक रेल लाइन बिछ चुकी है और यहां स्टेशन बन चुका है। छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय ने केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को सुझाव देते हुए कहा कि इस रेल लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाएं। इससे आदिम जनजाति के साथ ही आदिवासी इलाके का आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, औद्योगिक विकास के कई द्वार खुलेंगें।

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इस रेल प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ प्रदेश के खनिज सम्पन्न इलाके से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के सरल, कुशल और पर्यावरणीय अनुकूलतम साधन प्रदान करेगी। इस प्रोजेक्ट की एवरेज खर्च करीब तीन हजार पांच सौ करोड़ रुपए (3,500 करोड़) रुपए आंकी गई हैं।

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पॉजिटिव रही मीटिंग

बताया जा रहा है कि दिल्ली में बीते बुधवार की मीटिंग के दौरान सेन्ट्रल रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट की हरेक सम्भावनाओं और फायदों को स्वीकार किया और इस रेल परियोजना पर काफी शीघ्रता से कार्य आरंभ करवाने की बात पर हामी भर दी हैं।

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बताया जा रहा है कि केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव इन परियोजनाओं को प्रदेश के चहुमुखी बढ़ोत्तरी और विकास के लिए आवश्यक हैं। साथ ही आगे उन्होंने कहा कि रेलवे मिनिस्ट्री इस बड़ी परियोजना को प्राथमिकता से तरजीह देगा।

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