- पोस्टर पर लिखा हुआ है कि एक शहर-एक कंपनी और एक ही मामले में तीन कानून बोकारो में अलग-अलग?
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) से बड़ी खबर आ रही है। कब्जेदारों का मनोबल तोड़ने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने पिछले दिनों अभियान चलाया। करीब एक एकड़ जमीन पर कब्जा करने वाले मोहन टिंबर पर भी कार्रवाई की कोशिश की गई, लेकिन हंगामे के चलते प्रबंधन को वापस लौटना पड़ा।
बीएसएल प्रबंधन (BSL Management) की कार्रवाई से बचने के लिए मोहन टिंबर ने स्टे लेने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया है। इससे निश्चित रूप से कब्जेदार मोहन टिंबर को बड़ा झटका लगा है।
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अब देखना यह है कि बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज समेत अन्य अमला कब दोबारा कार्रवाई के लिए कदम उठाते हैं। राजनीतिक दलालों के संरक्षण की वजह से कब्जेदारों का मनोबल फिलहाल, बढ़ा हुआ है।
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दूसरी ओर बीएसएल प्रबंधन की कार्रवाई पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए पोस्टर वार छेड़ दिया गया है। डायरेक्टर इंचार्ज बीएन तिवारी समेत ईडी, सीजीएम के बंगले पर पोस्ट चिपकाया गया है। रात के अंधेरे में लगाए पोस्टर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। प्लांट से टाउनशिप और गाड़ियों पर भी पोस्टर लगाया गया है।
पोस्टर पर लिखा हुआ है कि एक शहर-एक कंपनी और एक ही मामले में तीन कानून बोकारो में अलग-अलग? असहाय बेरोजगार नौजवानों के रोजगार को कुचला गया। अमीरों के घर से बाबा का बुलडोजर वापस चला गया। मौखिक आदेश पर हो रहा है अतिक्रमण। एक ने कहा बनाओ, दूसरे ने नोटिस भेजा।
बीएसएल के कर्मचारियों व अधिकारियों का कहना है कि पोस्टर लगाने वाले की शिनाख्त हो गई है। कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई से कुछ लोग बौखलाए हुए हैं। इसलिए पोस्टर लगाया जा रहा है। अब बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज व ईडी की जिम्मेदारी है कि राजनीतिक दलालों के दबाव में आने के बजाय बड़ी कार्रवाई के लिए कदम बढ़ाना चाहिए। सियासी दलालों पर एक्शन लेने की बारी है।