- जर्मनी, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रिया और चीन सहित दुनिया भर के कई देशों का दौरा किया है। स्टील निर्माण प्रौद्योगिकी में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की।
सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। आलोक वर्मा ने सेल राउरकेला इस्पात संयंत्र (SAIL – Rourkela Steel plant) के निदेशक प्रभारी का पदभार संभाल लिया है। बीआईटी सिंदरी (राँची विश्वविद्यालय) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले आलोक वर्मा ने वर्ष 1991 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) इकाई में प्रबंधन प्रशिक्षु (तकनीकी) के रूप में अपना करियर की शुरुआत की थी।
बोकारो में अपने 32 साल के कार्यकाल के दौरान वर्मा ने 1997, 2007, 2015 और 2023 में रोलिंग मिलों की परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सिक्स सिग्मा ब्लैक बेल्ट प्रमाणित होने के कारण उन्होंने मिलों के संचालन के अलावा कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए।
इनमें ईआरपी कार्यान्वयन, सिक्स सिग्मा प्रमाणन, हॉट रोलिंग कॉइलिंग संचालन के तकनीकी डिजाइन का पेटेंट कराना और तीन नए उत्पादों का आविष्कार शामिल हैं। इन योगदानों ने रोलिंग मिल्स की उत्पाद गुणवत्ता, उत्पादन मात्रा और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि की।
आलोक वर्मा ने उत्पाद मिश्रण अनुकूलन पर बिजनेस एनालिटिक्स डिवीजन के साथ मिलकर काम किया और तदनुसार निवेश की जरूरतों की पहचान की और साथ ही बाजार के रुझान के अनुसार उत्पादन को अनुकूलित करने के लिए व्यावसायिक जानकारी का सक्रिय विश्लेषण किया।
जुलाई 2023 में, श्री वर्मा को कार्यपलक निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्हें राउरकेला इस्पात संयंत्र की खदानों की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने राउरकेला इस्पात संयंत्र के साथ नवगठित ओडिशा खान समूह की प्रणालियों को निर्बाध रूप से एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ये खबर भी पढ़ें: एनएमडीसी स्टील लिमिटेड को मिला बड़ा सर्टिफिकेट
उनके कुशल नेतृत्व में, लगभग 40 साल के अंतराल के बाद बोलानी में मैंगनीज खनन फिर से शुरू हुआ। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, ओडिशा खान समूह ने 14.30 मिलियन टन का रिकॉर्ड लौह अयस्क उत्पादन हासिल किया। जटिल सूचनाओं को संश्लेषित करने और सूचित निर्णय लेने की श्री वर्मा की क्षमता बोलानी से डंप फाइन और बरसुआ से टेलिंग्स को पेलेट रूपांतरण के लिए बाहरी एजेंसियों को भेजने में सहायक रही है।
ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट खाली न कराए आवास, सेल दुर्गापुर के तर्ज पर लाइसेंस पर दीजिए मकान
उन्होंने बोलानी अयस्क खदानों में ओवरसाइज़ लम्प नियंत्रण के लिए तृतीयक क्रशर की स्थापना और संचालन की भी देखरेख की। 30 सितंबर, 2024 को, श्री वर्मा ने आरएसपी के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली।
इसके बाद उन्होंने 15 नवंबर, 2024 से राउरकेला इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक प्रभारी (वर्क्स) के रूप में कार्य किया, जब तक कि उन्होंने निदेशक प्रभारी का पदभार नहीं संभाल लिया।
ये खबर भी पढ़ें: Breaking News: बोकारो स्टील प्लांट की जमीन और आवासों के कब्जे पर अब आई CBI
उत्कृष्टता के प्रति श्री वर्मा की अटूट प्रतिबद्धता और त्रुटिहीन निर्बांध निष्पादन के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें एक ऐसे अगुवे के रूप में ख्याति दिलाई है जो उच्च मानक स्थापित करते हैं और निरंतर सुधार की संस्कृति लाते रहते हैं।
वे मैनेजमेंट बिजनेस सिमुलेशन प्रतियोगिताओं में टीम के सदस्य थे और उन्होंने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती, इसके अलावा उन्होंने हमारे देश भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वैश्विक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एशियाई चैंपियंस भी जीते। एक व्यापक रूप से यात्रा करने वाले टेक्नोक्रेट, उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रिया और चीन सहित दुनिया भर के कई देशों का दौरा किया है, जिससे उन्हें स्टील निर्माण प्रौद्योगिकी में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई है।