- ईडी बीके गिरि ने ब्लड सेंटर एवं पैथोलॉजी विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की सराहना की।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel plant) के अंतर्गत संचालित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र (जेएलएनएच एंड आरसी) (Jawaharlal Nehru Hospital & Research Centre (JLNH&RC)) के ब्लड सेंटर द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस 2025 के अवसर पर 13 और 14 जून 2025 को स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने एवं सभी के लिए सुरक्षित रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस वर्ष की वैश्विक थीम “रक्तददन करें, आशा दें: साथ मिलकर जीवन बचाएं” को केंद्र में रखकर चलाए जा रहे इस अभियान के अंतर्गत 13 जून 2025 को एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 34 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
शिविर का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक (खदान) बी.के. गिरि ने जेएलएनएच एंड आरसी के ब्लड सेंटर में किया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. एम. रविंद्रनाथ उपस्थित थे। उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर, डॉ. विनीता द्विवेदी, डॉ. उदय कुमार एवं डॉ. सौरव मुखर्जी भी उपस्थित रहे।
उद्घाटन के पश्चात श्री गिरि ने स्वयं स्वैच्छिक रक्तदान कर इस अभियान में भागीदारी निभाई और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकिसालय स्टाफ एवं बीएसपी सामूहिक को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया। शिविर में अधिकतम सहभागिता और पंजीकरण सुनिश्चित कर रक्तदान के सामाजिक महत्व को उजागर किया गया।
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अपने संबोधन में बी.के. गिरि ने ब्लड सेंटर एवं पैथोलॉजी विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान एक ऐसा कार्य है जो देखने में छोटा लगता है, परंतु यह मानवता के लिए अत्यंत मूल्यवान योगदान सिद्ध होता है।
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उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में ‘दान’ को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है और ‘रक्तदान’ वास्तव में ‘महादान’ है, ऐसा दान जो जीवन देता है। उन्होंने हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे का उल्लेख करते हुए यह स्मरण कराया कि ऐसे आपातकालीन अवसरों पर रक्त की उपलब्धता कितनी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन अत्यंत नाजुक है और रक्तदान जैसे कार्य अनेक जीवनों को बचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
इस अवसर पर पैथोलॉजी एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञों की भी उपस्थिति रही, जिनमें सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं – पैथोलॉजी) डॉ. मनीषा कांगो, सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं ब्लड सेंटर की प्रभारी डॉ. निली एस. कुजूर, कंसल्टेंट (पैथोलॉजी) डॉ. राजू भैसारे, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (पैथोलॉजी) डॉ. गुरमीत सिंह, वरिष्ठ कंसल्टेंट (पैथोलॉजी) डॉ. प्रिया साहू, कंसल्टेंट (पैथोलॉजी) डॉ. प्रतीक शिवप्पा एवं कंसल्टेंट (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन) डॉ. दीपक दशमोहरा पात्र प्रमुख रूप से शामिल थे।
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विश्व रक्तदाता दिवस प्रतिवर्ष 14 जून को मनाया जाता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू एच ओ) की एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य सुरक्षित रक्त की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और निःस्वार्थ रूप से रक्तदान करने वाले स्वैच्छिक रक्तदाताओं का आभार प्रकट करना है।
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यह दिवस इस सच्चाई की याद दिलाता है कि रक्तदान एक निःस्वार्थ कर्म है जो हर वर्ष लाखों लोगों का जीवन बचाता है, चिकित्सा एवं शल्य प्रक्रियाओं को संभव बनाता है तथा स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त करता है। प्रत्येक वर्ष एक विशेष थीम के माध्यम से एकजुटता, आशा और सामुदायिक सहभागिता के महत्व को रेखांकित किया जाता है।
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