NMDC के नए अनुसंधान एवं विकास केंद्र पहुंचे इस्पात सचिव, पढ़िए डिटेल

– एनएमडीसी का अनुसंधान और विकास केंद्र खनिज अन्वेषण और विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
– इस्पात सचिव ने नवाचारों, सुस्थिर खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास केंद्र के भविष्य के रोडमैप की समीक्षा की।

सूचनाजी न्यूज, हैदराबाद। इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने हैदराबाद में एनएमडीसी के नए अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केन्द्र (आर एंड डी) का दौरा किया।

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इस्पात सचिव ने नवाचारों, सुस्थिर खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास केंद्र के भविष्य के रोडमैप की समीक्षा की। अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार), विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी), वी. सुरेश, निदेशक (वाणिज्य), बी. विश्वनाथ, मुख्य सतर्कता अधिकारी और एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ उपस्थित रहे।

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अधिकारियों से बात करते हुए, नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, “एनएमडीसी (NMDC) का अनुसंधान और विकास केंद्र खनिज अन्वेषण (Research and Development Centre Mineral Exploration) और विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिससे सुस्थिर और नवीन प्रौद्योगिकी के विकास के अवसर पैदा होंगे। इस अग्रणी अत्याधुनिक सुविधा से भारतीय खनन उद्योग को एक प्रगतिशील दृष्टिकोण प्राप्त होगा जो अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू सहयोग के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा।”

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एनएमडीसी अनुसंधान एवं विकास केंद्र 1970 से खनिज प्रसंस्करण के क्षेत्र में योगदान कर रहा है और घरेलू और वैश्विक उद्योग में अपने ज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए इसे यूनिडो और डीएसआईआर दोनों द्वारा उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है।

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अमिताभ मुखर्जी ने कहा कि “एनएमडीसी नवाचार को अपनाकर और जिम्मेदार खनन को सशक्त बनाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके अग्रणी रहने का प्रयास करता है। हमारी नई अनुसंधान और विकास सुविधा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त है और यह अयस्क बेनीफिशिएशन और खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में परिवर्तनकारी हस्तक्षेप लाने के लिए प्रतिबद्ध विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा संचालित है।”

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एनएमडीसी का अनुसंधान एवं विकास केंद्र (Research and Development Centre) निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के खनन और धातुकर्म उद्योग की कंपनियों का समर्थन करने के लिए तैयार है, जो विकसित भारत की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।

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