- कर्मचारियों के इस कदम से उत्पादन प्रभावित हो जाएगा और एनएमडीसी द्वारा उत्पादित लौह अयस्क पर निर्भर उदयोगी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। एनएमडीसी (NMDC) में 3 वर्ष बाद भी वेतन समझौता नहीं हुआ है। संयुक्त ट्रेड यूनियन आर पार की लड़ाई के मूड में आ गई है। राजेश संधू-सचिव एसकेएमएस किरंदुल, एके सिंह-सचिव एम.एम.डब्लू.यू. किरंदुल, जागेश्वर प्रसाद-अध्यक्ष एसकेएमएस बचेली, आशीष यादव-सचिव एमएमडब्लूयू बचेली ने प्रबंधन को चेतावनी दी है।
प्रदेश इंटक के महासचिव एवं बस्तर संभाग प्रभारी वंश बहादुर सिंह ने कहा कि जिस तरह से देश में सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण हो रहा है, उसे देखते हुए इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) में एनएमडीसी के वेज रिवीजन की फाइल को अनावश्यक रोके रखने से सरकार की मंशा पर संदेह हो रहा है।
एनएमडीसी में इंटक एवं एटक का संयुक्त फेडरेशन है। वेतन समझौता 5 साल के लिए हो रहा है। देश की सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड में श्रमिकों के वेज रिवीजन की फाइल इस्पात मंत्रालय में अटकने से खफा ट्रेड यूनियनों ने आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर ली है।
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13 जनवरी 2025 को एनएमडीसी की सभी खदानों सहित मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत यूनियनों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रबंधन को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत सीधी कार्यवाही का नोटिस देते हुए अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
ज्ञात हो कि एनएमडीसी में 01 जनवरी 2022 से बेज रिवीजन लंबित है। इस हेतु बनाई गई वेज सब कमेटी में विस्तृत चर्चा उपराल प्रबंधन और यूनियनों के बीच नए वेलन समझौते के मसौदे पर सहमति बनने के बाद 08 अगस्त 2024 को एनएमडीसी प्रबंधन और ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन (All India NMDC Workers Federation) दवारा दविपक्षीय बैठक में वेज सब-कमेटी की सिफारिशों की पुष्टि कर दी गई थी।
इन सिफारिश को सितंबर माह में एनएमडीसी के बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी। जिसके बाद इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) की पुष्टि हेतु अपील मंत्रालय भेजी गई। तब से फाइल इस्पात मंत्रालय से क्लियर होकर वापस नहीं आई है।
देरी का वजह से यूनियन के प्रतिनिधियों ने 15 नवंबर 2024 को हैदराबाद में इस्पात सचिव से मिलकर जल्द से जल्द वेतन समझौता लागू करने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा, जिसके बावजूद भी नया वेतन समझौता लागू नही हो पाया है।
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21 दिसंबर 2024 को ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन की अध्यक्ष अमरजीत कौर और महामंत्री संजय कुमार सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री को पत्र लिखकर तथा 22 जनवरी को फेडरेशन की अध्यक्ष ने इस्पात मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर जल्द से जल्द वेतन समझौता लागू करवाने की मांग की।
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इस बीच सीधी कार्यवाही के नोटिस पर मध्यस्थता करते हुए क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केन्द्रीय), रायपुर ने प्रबंधन और यूनियनों को 24 जनवरी 2025 को वार्ता हेतु बुलाया था, जहां पर प्रबंधन ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रबंधन व यूनियनों के मध्य वेतन समझौते पर सहमति बनने के उपरांत बोर्ड की बैठक में मंजूरी दी जा चुकी है।
वेतन समझौते को लागू करने से पहले डीपीई गाइडलाइन के तहत इस्पात मंत्रालय से एप्रूवल के लिए मंत्रालय भेजा गया है, जहां से स्वीकृति प्राप्त होते ही वेतन समझौता लागू कर दिया जाएगा। यूनियनों द्वारा क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) के समक्ष 15 दिनों के भीतर वेतन समझौता लागू करने की समय सीमा देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो यूनियन के दिए गए नोटिस के अनुसार सीधी कार्यवाही पर जाने के लिए बाध्य होगी।
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अन्य मांगों पर क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) ने प्रबंधन को एनएमडीसी में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए अतिशीघ्र अधिसूचना जारी करने तथा ठेका श्रमिकों के वेज रिवीजन व द्विपक्षीय समझौते के उल्लघन से संबंधित विषयो पर यूनियनों से चर्चा कर एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देशित किया है।
एनएमडीसी में ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन से सम्बद्ध सभी यूनियन केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय द्वारा एनएमडीसी कर्मचारियों के वेतन समझौते जाने के खिलाफ सीधी कार्यवाही पर जाने के लिए तैयार है।
कर्मचारियों के इस कदम से उत्पादन प्रभावित हो जाएगा और एनएमडीसी द्वारा उत्पादित लौह अयस्क पर निर्भर उदयोगी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। केंद्र की यदि 12 फरवरी 2025 तक नया वेतन समझौता लागू नहीं किया गया तो 13 फरवरी से एनएमडीसी में यूनियन सीधी कार्यवाही में आएगी।
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