
- सुरक्षा, हाउसकीपिंग, टेक्नोलॉजिकल डिसिप्लिन एवं हैप्पीनेस पर ध्यान देना है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सीटू ने भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के एथिकल स्टील के नारे का स्वागत किया है। और कहा कि एथिकल स्टील नारे के तहत जिन चार बिंदुओं को प्रमुखता के साथ उठाया गया है, वह स्वागत योग्य है। जनवरी के महीने में जिस भी विभाग में सुरक्षा सप्ताह का कार्यक्रम मनाया गया। जिन कार्यक्रमों में नए कार्यपालक निदेशक वर्क्स उपस्थित हुए। वे इस बात पर जोर दिए कि हमें सुरक्षा, हाउसकीपिंग, टेक्नोलॉजिकल डिसिप्लिन एवं हैप्पीनेस पर ध्यान देना है। अर्थात वे सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में एथिकल स्टील के चारों बिंदुओं के बारे में बता रहे थे।
क्या मतलब है एथिकल स्टील का
संयंत्र के अंदर एथिकल स्टील के संदर्भ में बैनर लगाए गए हैं, जिसमें चारों बिंदुओं को प्रमुखता के साथ लिखा गया है। बताया गया है कि हम कोशिश करते हैं कि हमारा स्टील बनाने का तरीका नैतिक रूप से सही हो अर्थात हम इस्पात का निर्माण करते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। हाउसकीपिंग के तहत सभी चीज अपने सही जगह पर हो, तकनीकी अनुशासन का पालन करें एवं कार्य करने वाले कर्मियों से लेकर कार्य करवाने वाले कर्मचारी एवं अधिकारियों तक सब खुश रहे तो निश्चित रूप से हम यह कह पाएंगे कि हमारा स्टील बनाने का तरीका नैतिक रूप से सही है।
गहरा संबंध है सुरक्षा एवं हाउसकीपिंग में
सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा कि संयंत्र में होने वाली दुर्घटनाओं में कई बार सही तरीके से हाउसकीपिंग का ना होना बड़ा कारण रहता है। दुर्घटना के पश्चात होने वाले जांच में यह बात सामने आती है कि अमुक चीज अमुक स्थान पर होता तो घटी हुई घटना को रोका जा सकता था। अर्थात कार्य स्थल पर सामान बिखरा बिखरा सा पडा रहे एवं कार्य स्थल का माहौल अच्छा ना हो तो कार्य के दौरान कोई घटना अथवा दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
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दुर्घटना होने पर सही हाउसकीपिंग ना होने के कारण दुर्घटना की चपेट में आने से बचने की संभावना भी घट जाती है। इसीलिए “सुरक्षा को ताक पर रखकर एक टुकड़ा लोहा बनाना भी मंजूर नहीं” के नारे को सार्थक करने के लिए सुरक्षा एवं हाउसकीपिंग बहुत जरूरी हो जाता है।
टेक्नोलॉजिकल डिसिप्लिन
प्रौद्योगिकी से जुड़े अध्ययन को प्रौद्योगिकी अनुशासन (टेक्नोलॉजिकल डिसिप्लिन) कहते हैं। इसमें प्रौद्योगिकी से जुड़े प्रक्रियाओं और ज्ञान का अध्ययन किया जाता है। प्रौद्योगिकी अनुशासन में भौतिक दुनिया को बदलने और आकार देने की मानवीय क्षमता पर ध्यान दिया जाता है। किसी भी काम को करने का मानक प्रक्रिया होती है।
मानक संचालन प्रक्रिया SOP के रूप में जाना जाता है। यह निर्देशों का एक सेट है, जो बताता है कि किसी काम को कैसे किया जाए। SOP का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि किसी भी कार्य को लगातार, सुरक्षित रूप से और उच्च मानक पर किया जाए। SOP से काम करने पर कार्य को अधिक कुशलता के साथ, गुणवत्ता के साथ, स्थिरता के साथ, सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
एथिकल स्टील के केंद्र में है हैप्पीनेस
सीटू अध्यक्ष विजय जांगड़े ने कहा कि स्टील बनाने के लिए हर किस्म की मशीन होने के बावजूद उन मशीनों पर व्यक्ति ही काम करते हैं। उत्पादन के दौरान काम करने वाले कामगारों की खुश रहने से उत्तरोत्तर नतीजे प्राप्त होते हैं। इसीलिए संयंत्र के कामगारों को चाहे वे कर्मी हो या अधिकारी हो उन्हें खुश रहना जरूरी है। और प्रबंधन की जवाबदारी है कि वह इस बात का ख्याल रखेगी कि उनके संयंत्र के कामगार खुश हैं। खुशी का संबंध खुशहाली और समग्र जीवन संतुष्टि से है।
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जो लोग उच्च स्तर की खुशी का अनुभव करते हैं, उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है जो किसी भी उद्योग के बेहतर उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है। उत्पादन एवं अकूत मुनाफे के होड़ में कई बार उच्च स्तर पर ऐसे निर्णय ले लिए जाते हैं, जिससे न केवल कामगार परेशान हो जाता है। बल्कि मन से हारने लगता है एवं उद्योग के प्रति भाव भी बदलने लगते हैं, जो किसी भी उद्योग के लिए ठीक नहीं है। यदि प्रबंधन खुशी के महत्व को समझता है तो उन्हें इस पर ठोस काम करना चाहिए।
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केवल नारा बनकर न रह जाए एथिकल स्टील
सीटू उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा कि एथिकल स्टील में जिन बातों को कहा जा रहा है। वह धरातल पर उतर जाए तो ना केवल दुर्घटनाएं कम हो जाएगी, बल्कि उत्पादन लगातार बढ़ता जाएगा। संयंत्र के विभाग वास्तव में शून्य दुर्घटनाओं के लक्ष्य को प्राप्त करने लगेंगे। इसीलिए इस नारे को विभागों में लागू करना जरूरी है, जिसकी जिम्मेदारी विभाग प्रमुख विभाग के उच्च अधिकारी एवं सुरक्षा अधिकारी के साथ-साथ वहां के कर्मियों की है अन्यथा यह केवल नारा बन कर रह जाएगा।