खिलाड़ियों को 12 से 20 हजार तक आजीवन पेंशन, 10 लाख तक आर्थिक मदद भी

Lifetime pension to players ranging from Rs 12000 to Rs 20 thousand, financial assistance up to Rs 10 lakh also
प्रतियोगिताओं के दौरान लगी चोटों के उपचार, खिलाड़ियों के कल्याण, खेल उपकरणों की खरीद और स्पर्धाओं के लिए 2से 10 लाख तक मिलते हैं।
  • खेल करियर से सन्यास ले चुके खिलाड़ी को मौका।
  • ओलंपिक खेलों, पैरालिंपिक खेलों, विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप पर फोकस।
  • एशियाई खेलों, पैरा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले आजीवन पेंशन के पात्र।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। हिंदुस्तान के खिलाड़ियों को ताउम्र पेंशन दी जाती है। अगर, आपने आवेदन नहीं किया है तो गलती कर रहे हैं। इसका लाभ ले सकते हैं। केंद्र सरकार की योजना के तहत पेंशन दी जाती है।

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युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) से लोक सभा में मेधावी खिलाड़ियों को खेल योजना के तहत पेंशन के बारे में सवाल पूछे गए। सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने मोदी सरकार से पूछा-क्या सरकार द्वारा देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व खिलाडियों को सम्मानित करने के लिए विगत तीन वर्षों के दौरान कोई कदम उठाए गए है।

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क्या सरकार ने खिलाड़ियों का कल्याण सुनिश्चित किया है और उनके जीवन की गुणवत्ता का रिकॉर्ड रखा है? खेल योजना के तहत मेधावी खिलाड़ियों को आजीवन पेंशन की कितनी राशि प्रदान की जाती है और विशेष रूप से हरियाणा के सोनीपत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे कितने लाभार्थी हैं?

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‘मेधावी खिलाड़ियों को खेल योजना के तहत पेंशन’ के संबंध में सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा सोमवार को पूछे गए लोक सभा तारांकित प्रश्न का उत्तर केंद्रीय मंत्री मंसुख मांडविया ने दिया। सरकार ने कहा-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ियों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करने और उन्हें मान्यता प्रदान करने के लिए सरकार उन्हें प्रति वर्ष मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार (जीवनपर्यंत). द्रोणाचार्य पुरस्कार और द्रोणाचार्य (जीवनपर्यंत) पुरस्कार जैसे राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करती है।

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सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भारतीय खिलाड़ियों के कल्याण के लिए निम्नलिखित स्कीमें लागू करती है।

-‘खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण निधि स्कीम (Pandit Deendayal Upadhyaya National Welfare Fund Scheme)‘ (पीडीयूएनडब्ल्यूएफएस) खिलाड़ियों/कोचों और आर्थिक बदहाली में रह रहे उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के दौरान लगी चोटों के उपचार, खिलाड़ियों के कल्याण, खेल उपकरणों की खरीद और स्पर्धाओं आदि में भागीदारी के लिए 2 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

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-“मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन स्कीम” के दिशानिर्देशों के अनुसार पात्र खिलाड़ियों को 12,000 रुपए से 20,000 रुपए प्रति माह तक की आजीवन पेंशन प्रदान की जाती है।

-मंत्रालय ने 29.08.2024 को खेलों से सन्यास ले चुके खिलाड़ी सशक्तिकरण प्रशिक्षण (आरईएसईटी) कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सन्यास ले चुके खिलाड़ियों को उनके करियर विकास के लिए सहायता प्रदान करने हेतु उन्हें इंटर्नशिप के साथ उनकी शैक्षणिक वृद्धि के लिए अनुरूप शिक्षा प्रदान करना और उन्हें उपयुक्त करियर विकल्प में बदलने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना है।

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स्कीमों का विवरण खेल विभाग, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। “मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन स्कीम के तहत सक्रिय खेल करियर से सन्यास लेने के बाद 12,000 रुपए से 20,000 रुपए प्रति माह तक की आजीवन पेंशन के रूप में वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाती है।

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स्कीम के अंतर्गत सक्रिय खेल करियर से सन्यास ले चुके खिलाड़ी और ओलंपिक खेलों, पैरालिंपिक खेलों, विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, पैरा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ी आजीवन पेंशन के पात्र हैं। इस स्कीम के तहत, छह लाभार्थी हरियाणा के सोनीपत जिले से हैं।

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