- बीएमएस नेताओं ने कहा-अपनी विफलता का आरोप सांसद पर लगाना बंद करे संयुक्त यूनियन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों ने संयुक्त यूनियन के बैनर तले सांसद विजय बघेल के खिलाफ बयानबाजी की। एक के बाद एक कई सवाल सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी से किए। आधिकारिक रूप से सांसद की तरफ से कोई जवाब नहीं आया, लेकिन भाजपा समर्थिक बीएमएस खुलकर सामने आई और पलटवार किया। भिलाई इस्पात मजदूर संघ (Bhilai Steel Workers Union) के कार्यकारी अध्यक्ष रविशंकर सिंह ने कहा-संयुक्त यूनियन अपनी विफलता का आरोप सांसद पर लगाना बंद करे।
बीजेपी प्रत्याशी पर सेल कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर झूठे आरोप लगाने वाली संयुक्त मोर्चा यूनियनों कि अपने अपने समर्थित राजनीतिक दलों के प्रति अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता है। भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रवादी विचारधारा एवं राष्ट्रीय हितों का समर्थन करने वाला संगठन है। भिलाई इस्पात मजदूर संघ (Bhilai Steel Workers Union) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं एनजेसीएस सदस्य रवि शंकर सिंह, भिलाई इस्पात मजदूर संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं सीपीएफ ट्रस्ट के सदस्य आईपी मिश्रा, जिला मंत्री हरिशंकर चतुर्वेदी एवं उपाध्यक्ष शारदा गुप्ता ने संयुक्त बयान जारी किया।
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पढ़िए बीएमएस नेताओं ने क्या-क्या कहा
-राष्ट्रवादी राजनीतिक दल के सांसद प्रत्याशी पर भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारियों के वेतन भत्तो एवं सुविधाओं की कटौती को लेकर आरोप लगाने वाली संयुक्त मोर्चा यूनियनों ने ही 2007,2014 एवं अक्टूबर 2021 में कर्मचारी हितों को नुकसान पहुंचाने वाले समझौते पर हस्ताक्षर कर कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।
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-जिसमें 2007 में पांच-पांच वर्ष के दो वेतन समझौता कर कर्मचारियों को 46% पर्क्स से वंचित रखा एवं अधिकारियों के लिए पेंशन मद में सेल प्रबंधन द्वारा 9% योगदान 2007 से लागू करने का समझौता हुआ।
-इसके 2014 में हुए वेतन समझौते में कर्मचारियों के लिए पेंशन मद में प्रबंधन द्वारा 6% योगदान 2012 से देने पर सहमति बनी, जबकि अधिकारियों को 2007 से 9% का लाभ पेंशन मद में मिल रहा है एवं नए कर्मचारियों के लिए 2014 से ग्रेच्युटी सीलिंग पर हस्ताक्षर किया।
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-उन्हें ना तो 9% पेंशन का लाभ मिला और न ही 46% पर्क्स का।
-2014 के वेतन समझौते में कर्मचारियों की सुविधाओं में बिना कोई बढ़ोतरी के किए बायोमेट्रिक उपस्थिति सिस्टम पूरे सेल कर्मचारियों के लिए लागू करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। वर्तमान में जिसका परिणाम सेल के सभी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
-2014 के वेतन समझौते में एचआरए पर निर्णय हेतु सब कमेटी का गठन किया गया था, जिसके सदस्य इन्हीं संयुक्त यूनियन के नेता हैं जिसका कि निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है,जिसके कारण कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है।
-इसी क्रम में अक्टूबर 2021 में हुए वेतन समझौते में भारतीय मजदूर संघ के विरोध के बाद भी संयुक्त यूनियन ने कर्मचारियों की 35% पर्कस की मांग को दरकिनार करते हुए 26.5% पर्क्स पर हस्ताक्षर किए,जिसके कारण कर्मचारियों को हर महीने हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।
-भारतीय मजदूर संघ 28% पर्क्स की मांग पर अडिग है। इस वेतन समझौते में हस्ताक्षर करने वाली संयुक्त यूनियनों ने कर्मचारियों के 39 महीने के एरियर्स, रात्रि पाली भत्ता आवास भत्ता एवं पदनाम के मुद्दों को अनदेखा कर वेतन समझौते पर हस्ताक्षर किया, जिसके कारण संयंत्र कर्मचारियों को प्रति महीने हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।
संयुक्त यूनियन पर नुकसान का फोड़ा ठीकरा
बीएमएस नेताओं ने कहा-एरियर्स का भुगतान न होने से संयंत्र कर्मचारी इस वेतन समझौते में अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों के इन सब नुकसान का जिम्मेदार संयुक्त यूनियन हैै। इन तमाम विषयों का प्रबंधन के वेतन समझौता प्रस्ताव में उल्लेख न होने के कारण भारतीय मजदूर संघ समझौते में हस्ताक्षर करने से पीछे हट गया, जबकि यह संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कर्मचारियों के हितों की परवाह के बिना हस्ताक्षर कर दिए और कर्मचारी हितों को नुकसान पहुंचा कर दोष राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रत्याशी पर लगा रहे हैं।
बीएमएस ने सांसद के बचाव में ये भी कहा…
विजय बघेल बतौर सांसद लोकसभा में सेल कर्मचारियों के वेतन समझौते के मुद्दे को दो बार सदन के पटल पर रख चुके हैं। कर्मचारियों के समस्या के निराकरण की कड़ी में भिलाई इस्पात संयंत्र के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 200 स्क्वायर फीट एवं 400 स्क्वायर फीट के आवास लाइसेंस में पांच लाख रूपये अमानत राशि जमा करने से मिलता था, जिसे 200 वर्ग फीट तक के अवास के लिए ढाई लाख रुपये करवाया गया, जिसका लाभ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिला।
रिटायर कर्मचारियों को लाखों की बचत
इसी प्रकार रिटेंशन में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी जो संयंत्र आवास में रहते हैं, उन्हें पहले आवास के किराए का 64 गुना भुगतान करना पड़ता था, जिसे कम करवा कर 32 गुना किया गया। इसके कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हर महीने हजारों रुपए का बचत हो रहा है।
क्यूआर कोड और फेस आइडी सांसद ने रोकवा दिया
भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों के लिये क्यूआर कोड एवं फेस आईडी उपस्थिति सिस्टम लागू किया जा रहा था, जिसे सांसद द्वारा रोकवाया गया। भारतीय मजदूर संघ जिला दुर्ग एवं भिलाई इस्पात मजदूर संघ के द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के सभी कर्मचारी से अपील की गई है कि राष्ट्रहित में शतप्रतिश मतदान करें।