- केंद्रीय श्रमायुक्त ने सेल प्रबंधन को सलाह दी है कि 26 नवंबर से पहले एनजेसीएस बैठक करें।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल प्रबंधन (Steel Authority of India Limited-SAIL Management) और कर्मचारियों के बीच चल रही तनातनी को शांत करने के लिए 26 नवंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक होने जा रही है। केंद्रीय श्रमायुक्त ने सेल चेयरमैन, डायरेक्टर इंचार्ज और ट्रेड यूनियन नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है। केंद्रीय श्रमायुक्त (Central Labor Commissioner) ने सेल प्रबंधन (SAIL Management) को सलाह दी है कि इससे पहले एनजेसीएस की बैठक बुलाकर मामले को हल कर लें।
विभिन्न यूनियनों द्वारा हड़ताल का नोटिस देने के बाद 28.10.2024 को सेल के विभिन्न कारखानों में एक दिवसीय हड़ताल की। इसी को संज्ञान में लेकर श्रमायुक्त ने सीएलसी (सी) कार्यालय में 28.10.2024 को आयोजित बैठक सुलह बैठक हुई थी। इस बैठक में यूनियनें अनुपस्थित थीं, लेकिन प्रबंधन के लोग मौजूद थे।
अगली सुलह बैठक 26 नवंबर को 11:30 बजे सम्मेलन कक्ष, श्रमेव जयते भवन, सेक्टर 10, द्वारका, नई दिल्ली में है।
पत्र के माध्यम से अपील की गई है कि तिथि, समय और स्थान पर व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से सुलह कार्यवाही में शामिल हों, जो मामले से अच्छी तरह वाकिफ हो और अधिमानतः मानव संसाधन प्रमुख के पद से नीचे का न हो।
इस संबंध में लिखित प्रस्तुतियाँ, यदि कोई हों, तो सभी संबंधितों को उसकी एक प्रति भेजकर इस कार्यालय में पहले से ही प्रस्तुत की जा सकती हैं।
इस बीच, प्रबंधन को सलाह दी गई है कि वे सेल प्रबंधन स्तर पर एनजेसीएस के साथ द्विपक्षीय रूप से विवादों पर चर्चा करें, ताकि मामलों को सुलझाया जा सके और उपरोक्त उल्लिखित बैठक की अगली तारीख को या उससे पहले सीएलसी (सी) को इसका परिणाम प्रस्तुत किया जा सके।
बता दें कि हड़ताल से पहले 25 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक हुई थी। प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से बोल दिया था कि बोनस के विषय पर रिव्यू किया जा सकता है। लेकिन, एरियर का भुगतान संभव नहीं है। इसको लेकर विवाद काफी बढ़ गया था। सेल भिलाई स्टील प्लांट (SAIL Bhilai Steel Plant) और इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट (IISCO Burnpur Steel Plant) में हड़ताल सफल रही।
फिलहाल, बकाया एरियर (Outstanding Arrears) गले की फांस बन गया है। पिछली बैठक में कहा गया था कि सेल एरियर क्यों नहीं देगा। अगर, नहीं देंगे तो यह अपराध होगा। मंत्रालय से बात करने की भी सलाह दी गई थी।