सूचनाजी न्यूज, रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में दुर्ग विधायक ललित चन्द्राकर के नेतृत्व में आये शास्त्री नवयुवक मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को पारम्परिक खुमरी पहना कर उनका अभिवादन किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के मड़ियापार में आगामी 2 सितम्बर को आयोजित होने वाले पोला महोत्सव के 65वें आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शास्त्री नवयुवक मंडल को आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और महोत्सव के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक गजेन्द्र यादव, शास्त्री नवयुवक मंडल से सुनील साहू, मनीष साहू, सुदामा निषाद और हेमलाल साहू सहित मंडल के सदस्य उपस्थित थे।
पोला त्योहार भादो माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बैलों का श्रृंगार कर उनकी पूजा की जाती है। बच्चे मिट्टी के बैल चलाते हैं। इस दिन बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है। और इस दिन में बैलो से कोई काम भी नहीं कराया जाता है। और घरों में महिलाएं व्यंजन बनाती हैं।
भारत जीवंत संस्कृति और परंपराओं का देश है। अलग-अलग भारतीय राज्यों में अलग-अलग परंपराएँ, त्यौहार और रीति-रिवाज़ हैं। मनाए जाने वाले कई त्यौहारों में से एक त्यौहार जो किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है, वह है बैल पोला।
हर साल यह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है। यह एक ‘धन्यवाद’ त्यौहार की तरह है जहाँ किसान खेती में बीज बोने से लेकर मिट्टी मिलाने तक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बैलों और बैलों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि हिंदू देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव के लिए नंदी नामक बैल और भगवान कृष्ण के लिए गाय जैसे जानवर थे, इसलिए, यह त्यौहार पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है।