- मौसम बदलने के कारण डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारी से लोग ग्रसित हैं, जिसके कारण इलाज के लिए कैजुअल्टी पहुंच रहे हैं। रोज की तरह कैजुअल्टी में आज भी दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगी हुई है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। अस्पतालों में छुट्टी मरीजों पर भारी पड़ रही है। लगातार दो-तीन दिन तक अस्पताल की ओपीडी को बंद रखने से मरीज परेशान हो रहे हैं। 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश होता है।
डाक्टरों को भी छुट्टी पर भेजा जाता है, लेकिन अति आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के संदर्भ में विभिन्न प्रबंधनों द्वारा आदेश जारी किया जाता है। इस दिन काम करने वाले कर्मियों को एक दिन का अतिरिक्त वेतन अथवा एक दिन का प्रतिपूर्ति अवकाश दिया जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित अस्पताल में आपातकालीन सेवा एवं वार्ड को छोड़कर पूरे अस्पताल को छुट्टी के तहत बंद रखा जाता है। इसको लेकर अब सवाल उठाया जा रहा है।
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अस्पताल के कैजुअल्टी पर लगी मरीजों की लाइन
मौसम बदलने के कारण डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारी से लोग ग्रसित हैं, जिसके कारण इलाज के लिए कैजुअल्टी पहुंच रहे हैं। रोज की तरह कैजुअल्टी में आज भी दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगी हुई है।
राष्ट्रीय अवकाश एवं ओपीडी बंद के दिन आपात स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों की संख्या भी नहीं बढ़ाई जाती है, जिसके कारण अस्पताल के कैजुअल्टी में मरीजों का ताता लगा हुआ है। कैजुअल्टी के डॉक्टर बुखार को देखते हुए डेंगू टेस्ट लिख रहे हैं। किंतु डेंगू टेस्ट भी राष्ट्रीय अवकाश के दिन बंद है, जबकि डेंगू को लेकर राज्य शासन एवं प्रबंधन के बीच खींचतान होती रहती है।
अति आवश्यक सेवाओं में आता है अस्पताल
सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा कि प्लांट में उत्पादन के क्षेत्र तथा उत्पादन से जुड़े हुए अन्य विभाग फायर ब्रिगेड सर्विस के साथ-साथ अस्पताल भी अति आवश्यक सेवाओं के दायरे में आता है, क्योंकि ऐसे कार्य जिसे दूसरे दिन के लिए टाला नहीं जा सकता या बंद करने से अपूरणीय क्षति होती है।
ऐसे विभागों को अति आवश्यक सेवाओं के दायरे में रखा गया है। अर्थात राष्ट्रीय अवकाश के दिन अस्पताल के ओपीडी को बंद रखने से न केवल सामान्य चिकित्सा बाधित होगी, बल्कि नियमित चिकित्सा पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालांकि रविवार के दिन अस्पताल बंद रहता है।
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किंतु इस दिन भी फार्मेसी एवं ब्लड टेस्ट की सुविधा जारी रहती है। राष्ट्रीय अवकाश के दिन इन कार्यों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है, जो कि मरीजों के लिए ठीक नहीं है
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क्या एक्स्ट्रावेजेस अतिरिक्त वेतन देने से बच रहा है प्रबंधन
यदि राष्ट्रीय अवकाश के दिन अस्पताल को चालू रखा गया तो उस दिन कार्य करने वाले कर्मियों को अतिरिक्त वेतन देना पड़ेगा। केवल इसी अतिरिक्त वेतन से बचने के लिए इस तरह का निर्णय लिया जाता है।
अन्यथा अस्पताल में कार्य करने वाले कर्मी भी इस व्यवस्था को बहुत अच्छे से समझते हैं एवं अपनी सेवाओं की प्रति समर्पित रहते हैं। किंतु अतिरिक्त वेतन देने से बचने के लिए प्रबंधन ही इस तरह का निर्णय लेती है, जिस पर भविष्य में फिर से विचार कर राष्ट्रीय अवकाश के दिन भी अस्पताल को चालू रखने के संदर्भ में निर्णय लेना चाहिए।