- बोकारो स्टील प्लांट में काफी कम परिक्षार्थी सफल हुए है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के ई 0 एग्जाम (SAIL – E0 Exam) को लेकर बड़ा आरोप लगाया गया है। ऑनलाइन परीक्षा (Online Exam) का रिजल्ट (Result) आ चुका है। अब इंटरव्यू होने जा रहा है। इससे पहले ही रिजल्ट को कैंसिल करने की मांग उठ गई है। दोबारा जूनियर आफिसर परीक्षा कराने की वकालत की जा रही है।
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Administrative Employees Union) ने निदेशक कार्मिक सेल को पत्र लिख कर बीएसएल में जूनियर आफिसर परीक्षा को रद्द करने की मांग किया है। सेल के सभी यूनिट में सफल परीक्षार्थियों की संख्या पर्याप्त है। परंतु बोकारो स्टील प्लांट में काफी कम परिक्षार्थी सफल हुए है। हालत यह है कि एक पद के लिए एक परिक्षार्थी ही लिखित परीक्षा में सफल हुए है।
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सेल की बाकि यूनिटों में एक सीट के लिए 3-3 उम्मीदवारों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जा रहा है, जबकि बोकारो में इसके विपरित एक सीट पर एक उम्मीदवार साक्षात्कार में भाग ले रहे हैं।
5 जुलाई 2024 को JO परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है। बोकारो इस्पात संयंत्र से बहुत कम उम्मीदवार लिखित परीक्षा में सफल हुए हैं। परिणाम को देखकर ही यह स्पष्ट है कि एक पद के लिए दो उम्मीदवार भी सफल नहीं हुए हैं। जबकि संघ लोक सवा आयोग जैसी संस्था भी एक पद के लिए लिखित परीक्षा में कम से कम तीन सफल उम्मीद्वारों को साक्षात्कार के लिए बुलाती है। जिससे यह साफ पता चलता है कि परीक्षार्थियो की पृष्ठभूमी को देखकर परीक्षा नहीं ली गई थी। अब इस रिजल्ट से तय है कि सिर्फ लिखित परीक्षा निकालने वाले उम्मीदवार JO पद हेतु योग्य हो जाएंगे, भले ही उनको साक्षात्कार में बहुत ही कम अंक मिले।
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परीक्षा से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य, जिसकी जांच जरूरी
1) क्या बोकारो के परीक्षार्थियों का प्रश्न पत्र बाकि यूनिट जैसा था। परीक्षार्थियों को कट ऑफ क्यों नहीं बताया जाता?
2) JO 2024 परीक्षा में GPOE ,GFM, GPA कैटोगरी का श्रेणी वार परिणाम प्रकाशित नहीं हुआ है।
3) GPOE समुह में 58 सीट पर कुल 64 ही उम्मीदवार पास हुए हैं।
4) GFM तथा GPA समुह का परिणाम भी 1:3 के अनुपात में नही है। ऐसे में कुछ परीक्षार्थियों का साथ भेदभाव साफ प्रतीत हो रहा है।
5) बोकारो इस्पात संयंत्र से कुल 510 परीक्षार्थी, परीक्षा मे शामिल हुए थे। उनमें से 109 ही उत्तीर्ण हुए , जो की लगभग 22 प्रतिशत है। ऐसे में परीक्षा की सार्थकता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
6) इसमें चयन प्रक्रिया के पूरे मानक का पालन ही नहीं हुआ है। इससे यह भी तय हो गया है कि सफल उम्मीदवारों में अनुभव या आंतरिक योग्यता का परीक्षण नहीं हो पाएगा।
7) वहीं, JO परीक्षा के लिए जारी सर्कुलर में परीक्षा का पैटर्न 10वीं स्तर का रखने का जिक्र किया गया था तो रीजनिंग तथा गणित समूह वाले पेपर में बैंक पीओ स्तर का प्रश्न पूछा गया था।
8) परीक्षा के लिए कट ऑफ मार्क्स भी नहीं जारी किया गया है।
9) परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए प्रति सीट अनुपात उम्मीदवार बुलाने का पैमाना भी निर्धारित नहीं किया गया था।
10) SC/ST उम्मीदवारों के लिए भी कट ऑफ मार्क्स में कोई छूट नहीं दी गई थी, जिसके कारण वर्ष 2022 में अंतिम रूप से चयन तथा वर्ष 2024 में लिखित परीक्षा में SC/ST सफल उम्मीदवारों की संख्या आरक्षण अनुपात के मुकाबले कम है। प्रत्येक वर्ष SC/ST वर्ग का सीट रिक्त रह जाता है, उसका बैकलॉग वेकेंसी के द्वारा भर्ती करना चाहिए।
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JO परीक्षा की जांच सीबीआई कर रही है…
-सीबीआई जांच में नामजद अभियुक्तों को भी इस परीक्षा में बैठने की अनुमति देना साथ ही पास करना भी संदेहास्पद है।
-विगत वर्ष 2022 JO परीक्षा की जांच सीबीआई कर रही है। पिछली परीक्षाओं का मामला भी कई न्यायालयों में सुनवाई स्तर में है।
-इससे साफ पता चलता है कि वर्तमान JO परीक्षा का पैर्टन ही दोषपूर्ण है।
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-यूनियन ने मांग किया है कि वर्तमान JO परीक्षा में वैसे विषय जिसमे अधिकतर उम्मीदवार असफल हो गए हैं, उसमें से विशेषकर वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए या तो ग्रेस अंक या उक्त विषय को उम्मीदवारों की पृष्ठभुमि के हिसाब से प्रश्न पत्र तैयार कर पुनः परीक्षा ली जाए। -नहीं तो यह चयन प्रक्रिया पुनः विवादपूर्ण होगी, हमारी यूनियन सभी फोरम पर इसकी शिकायत करने हेतु विवश होगी।
इस बार की परीक्षा भी दोषपूर्ण है
सेल की बाकि यूनिटो में पर्याप्त संख्या में परीक्षार्थी सफल हुए है। परंतु बीएसएल में जितनी सीट है, उसके आस-पास ही उम्मीदवारों को सफल किया गया है। जबकि बाकि पिछले सभी परीक्षाओं में सफल उम्मीदवारों की संख्या पर्याप्त थी। स्वभाविक है कि इस बार की परीक्षा भी दोषपूर्ण है।
दिलीप कुमार-महासचिव, बीएकेएस बोकारो