SAIL BSP: न तलवार की धार से, न गोलियों की बौछार से, लोग डरते हैं असुरक्षित काम करने के लिए, सिर्फ गब्बर की मार से…

SAIL BSP: Neither by the edge of the sword, nor by the shower of bullets, people are afraid to do unsafe work, only by the attack of Gabbar…
बीएसपी के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस मुखोपाध्याय ने कहा-सुरक्षा औपचारिकता नहीं, बल्कि आवश्यकता है।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र में 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का आयोजन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant) के सुरक्षा इंजीनियरिंग विभाग द्वारा 54वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस समारोह महात्मा गांधी कला मंदिर में “विकसित भारत के लिए सुरक्षा और कल्याण अत्यधिक महत्वपूर्ण” विषय पर आयोजित किया गया।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि, संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस मुखोपाध्याय ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में पूर्व-निदेशक (औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, दुर्ग, छत्तीसगढ़ सरकार) केके. द्विवेदी, उप-निदेशक (औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, दुर्ग, छत्तीसगढ़ सरकार) आशुतोष पांडे, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (एम एंड एचएस) डॉ. एम रवींद्रनाथ और कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट) अरुण कुमार उपस्थित थे।

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SAIL BSP: Neither by the edge of the sword, nor by the shower of bullets, people are afraid to do unsafe work, only by the attack of Gabbar…

साथ ही साथ ही मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधकगण, बीएसपी-ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्य, यूनियन प्रतिनिधि,वरिष्ठ अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में कार्मिकगण उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा और अग्निशमन सेवा) डी सतपथी ने स्वागत भाषण दिया और पिछले वर्ष में सुरक्षा गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किया।

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“इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग-सुरक्षा संजीवनी” का विमोचन

इस अवसर पर महाप्रबंधक (इंस्ट्रूमेंटेशन) एस.आर. जत्रेले और उनकी पत्नी महाप्रबंधक (सी एंड आईटी) शिवानी जत्रेले द्वारा लिखित “इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग-सुरक्षा संजीवनी” नामक सुरक्षा मानक पुस्तिका का गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।

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‘गब्बर का सुरक्षा ज्ञान’

इस अवसर पर विभिन्न सुरक्षा-उन्मुख सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें टीम एसपी-3 द्वारा ‘गब्बर का सुरक्षा ज्ञान’ शीर्षक से सेफ्टी पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। नाटक में फिल्मी नाम ने खूब सुर्खियां बटोरी। गब्बर, सांभा, ठाकुर, बाबू राव, पुष्पा ने अच्छी तरीके से सुरक्षा का मंत्र दिया।

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डायलॉग खूब पसंद किए गए। न तलवार की धार से, न गोलियों की बौछार से, लोग डरते हैं असुरक्षित काम करने के लिए, सिर्फ गब्बर की मार से…। इसके साथ ही यह सवाल भी उठ गया कि आखिर बीएसपी में ये गब्बर कौन है। इसी तरह डब्ल्यूएमडी के रवि यादव का एक सुरक्षा गीत, महाप्रबंधक (डब्ल्यूएमडी) जीके साहू द्वारा सुरक्षा कविता और एसपी-3 के रमेश साहू और सरिता देवांगन द्वारा सुरक्षा गीत प्रस्तुत किए गए।

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ईडी एस मुखोपाध्याय ने कहा…

पुरस्कारों के वितरण के दौरान, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं और अन्य पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए, एस मुखोपाध्याय ने 54 वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर बीएसपी कलेक्टिव को बधाई दी और कहा कि सुरक्षा एक आजीवन यात्रा है, हमें भविष्य में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वास्तविक सफलता बिना किसी कमी या गलतियों के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इन चुनौतियों का बहादुरी से सामना करना है।

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इस वर्ष की थीम “विकसित भारत के लिए सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण” पर प्रकाश डालते हुए ईडी मुखोपाध्याय ने कहा चाहे हम कितना भी उत्पादन कर लें, यदि हम दुर्घटनाओं से बच नहीं पाते तो उसका कोई फायदा नहीं है। हमें अपनी सुरक्षा प्रणाली को कुशल बनाए रखने, अपनी गलतियों का आत्मनिरीक्षण करने तथा दुर्घटना मुक्त कार्यस्थल बनाने की शपथ लेनी चाहिए। श्री मुखोपाध्याय ने कहा, यही विकासशील भारत के लिए हमारा वास्तविक योगदान होगा।

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हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए: केके द्विवेदी

केके द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि 04 मार्च भारतीय उद्योगों के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह वह दिन है जब आज से 53 वर्ष पूर्व औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के मानक अपेक्षित स्तर पर नहीं थे तथा इस क्षेत्र के लिए एक शीर्ष निकाय की आवश्यकता महसूस की गई थी।

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तब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का गठन किया गया था, ताकि भारतीय उद्योग सुरक्षा को सर्वोच्च मानक के रूप में स्थापित कर सकें। हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए, अतीत में जो भी दुर्घटनाएं हुई हैं, उनका गहन विश्लेषण किया जाना चाहिए तथा आवश्यक परिवर्तन एवं सुधार को अपने कार्य में शामिल किया जाना चाहिए। श्री द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा प्रणाली एक श्रृंखला की तरह है, यदि एक घटक टूट जाता है, तो यह पूरे संगठन के लिए खतरा बन सकता है।

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आशुतोष पांडेय ने दिया ये मंत्र

उप निदेशक (औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, दुर्ग) आशुतोष पाण्डेय ने बीएसपी कलेक्टिव को संयंत्र और जीवन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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श्री पांडे ने कहा, दुर्घटना मुक्त उत्पादन प्राप्त करने की कुंजी सभी विभागों और कर्मचारियों के बीच अच्छे समन्वय और सहयोग के साथ हमारे मौजूदा सुरक्षा मानकों और लक्ष्यों को संशोधित, पुनर्विचार और आगे उन्नत करना है। इसके साथ ही हमारे समकक्षों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

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जानिए किसको क्या पुरस्कार मिला

विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें सुरक्षा कैलेंडर, सुरक्षा नाटक, सुरक्षा कविता, सुरक्षा गीत, सुरक्षा क्विज और बेस्ट सेफ्टी सर्कल अवार्ड्स (क्यूसीएफआई) शामिल थे। सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए क्षेत्रवार सर्वश्रेष्ठ हाउसकीपिंग पुरस्कार आदि सहित विभिन्न श्रेणियों के लिए पुरस्कार और सम्मान गणमान्य व्यक्तियों और अन्य विशेष अतिथियों द्वारा वितरित किये गए।

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सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा सर्कल पुरस्कार (क्यूसीएफआई) पुरस्कार डब्ल्यूएमडी और पीबीएस की टीमों को मिले, जबकि जोन-वार सर्वश्रेष्ठ हाउसकीपिंग पुरस्कार श्रेणी में आयरन एंड स्टील जोन से सीओएंडसीसीडी, मिल्स जोन से डब्ल्यूआरएम, बल्क मटेरियल्स हैंडलिंग जोन से पीबीएस और यूटिलिटीज जोन से अग्निशमन सेवा विभाग, शॉप एंड सर्विसेज जोन (ए) और (बी) से इलेक्ट्रिकल रिपेयर शॉप और पीएलईएम ने क्रमशः विजेता पुरस्कार प्राप्त किये।

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शोवन घोष ने सुरक्षा शपथ दिलाई

इस अवसर पर संबंधित प्रतियोगिताओं के निर्णायकों को भी सम्मानित किया गया। उप प्रबंधक (विधि एवं प्रशासन, राजभाषा) जे.डी. मानिकपुरी द्वारा पुरस्कार के लिए प्रमाण पत्र पढ़े गए, जिसमें सुरक्षा के क्षेत्र में पुरस्कार विजेताओं के प्रदर्शन को रेखांकित किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत में सहायक महाप्रबंधक (एस.ई.डी.) शोवन घोष ने सुरक्षा शपथ दिलाई। कार्यक्रम का संचालन जे.डी. मानिकपुरी ने किया और महाप्रबंधक प्रभारी (एस.ई.डी.) एस.के. अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस समारोह का समापन राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के साथ हुआ।

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