- केंद्रीय कर्मचारियों की नजर में निर्मला सीतारमण का बजट, कहीं खुशी-कहीं गम।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्रीय बजट 2025 शनिवार को लोकसभा में पेश किया। बजट में कर्मचारियों को क्या मिला, इस पर ट्रेड यूनियन नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल और रेलवे के कर्मचारियों का नजरिया सामने आया है।
रेल कर्मचारी के दिल की आवाज
एनई रेलवे मजदूर यूनियन वाराणसी मंडल के मंडल उपाध्यक्ष राणा राकेश रंजन कुमार का कहना है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के केन्द्रीय बजट में रेलवेमैन/ केन्द्रीय कर्मचारियों के आयकरदाताओं को थोड़ी राहत पहुंचाते हुए कर्मचारियों के घाव पर एक मरहम लगाने का कार्य सरकार ने किया है। परंतु भारतीय रेल की दशा और दिशा को और सुदृढ़ बनाने तथा रेलकर्मियों की भारी रिक्तियों को भरने की कोई ठोस योजना का समावेश नहीं किया गया है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक शब्दों का मायाजाल है। पुरानी पेंशन को पूर्णतः लागू करने की अपील भी करते हैं। रेल कर्मियों से अमानवीय तरीके से बारह घंटे का कार्य लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। रेलकर्मियों एवं उसके परिजनों के जीवन स्तर में सुधार, उत्थान की कोई रुप रेखा उक्त बजट में नजर नहीं आ रही है। जैसे रेल कर्मी के आवास, बच्चों के शिक्षा, चिकित्सा एवं आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त उपकरणों उपलब्ध कराने का कोई चर्चा या पहल नजर नहीं आ रही है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने तारीफ की
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता उज्जवल दत्ता ने इस बजट को ऐतिहासिक बजट कहा और इसे कर्मचारियों का लिए हितकारी बजट घोषित किया। वर्तमान समय कर्मचारी अपने टैक्स को लेकर परेशान थे, जिस पर केंद्र सरकार के 12 लाख तक की आय में पूर्ण छूठ एवं उससे ज्यादा आय में भी छूठ से कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। केंद्र सरकार के नए बजट में 12 लाख तक के टैक्स में छूठ के ऐतिहासिक घोषणा घोषणा के बाद कर्मचारियों में हर्ष का माहौल व्याप्त हुआ।
ऐतिहासिक बजट के लिए यूनियन ने केंद्र सरकार ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति धन्यवाद दिया।
बजट के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन 5 को
केन्द्रीय बजट मजदूरों, किसानों और बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। एआईटीयूसी अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर 5 फरवरी, 2025 को बजट के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
भिलाई स्टील मजदूर सभा (एटक) के महासचिव विनोद कुमार सोनी ने कहा कि बजट 2025-2026 मजदूरों, किसानों और बेरोजगारों की उम्मीदों पर पानी फेरता है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
यह बजट अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के श्रमिकों, बेरोजगार युवाओं, गरीबों और सीमांत किसानों के लिए एक और झटका है, जिनकी उपेक्षा की गई है।
बजट में एमएसएमई को ऋण सुविधाएं बढ़ाने की बड़ी-बड़ी बातें की गई हैं, लेकिन उन इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए पर्याप्त पैकेज नहीं दिया गया है।
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अतिधनाड्यों को राहत देकर जरूरतमंदों का बोझ बढ़ाने वाला बजट
भाकपा माले,छत्तीसगढ़ राज्य सचिव बृजेन्द्र तिवारी ने कहा-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट खाद्य वस्तुओं की बढ़ती मंहगाई, रुके हुए आर्थिक विकास, घटते रोजगार, गिरता रुपया, आम जन की घटती क्रय शक्ति, किसानों के आन्दोलन और विकासमान अर्थव्यस्थाओं पर ट्रम्प के अमेरिकी प्रशासन की धमकियों के बीच पेश किया है।
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जनता एक ऐसा राहत देने वाला बजट चाहती थी जिसमें बढ़ रही आर्थिक विषमता कम हो और आम जन की क्रय शक्ति बढ़े. लेकिन भाजपा सरकार ने पिछली गलतियां सुधारने की बजाय इस बार भी अमीर परस्त बजट ही पेश किया है।
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बजट 2025-26 मोदी सरकार की अपने क्रोनी पूंजीपतियों और कॉरपोरेट क्षेत्र के पक्ष में जारी आर्थिक अराजकता को पुन: स्थापित कर रहा है। मजदूरों की वास्तविक मजदूरी दर में आयी कमी और उनके नियमित रोजगार के कम हो रहे अवसर की सच्चाई को अनदेखा किया गया है।