- भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट, दुल्की और महामाया खदानों के आसपास के 51 बफर जोन गांवों के बच्चों को सीधा फायदा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL Bhilai Steel Plant) के रावघाट, दुल्की और महामाया खदानों के आसपास के 51 बफर जोन गांवों के कुल 78 प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों में एनरोल्ड, कुल 3410 स्कूली बच्चे गिफ्ट मिल्क योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
इन स्कूली बच्चों को प्रत्येक स्कूल कार्य दिवस पर, भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा, फोर्टिफाइड दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। विटामिन ए और डी से भरपूर 200 मिलीलीटर फ्लेवर्ड दूध की आपूर्ति और वितरण के लिए सेल-बीएसपी और एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रिशन (एनएफएन) के बीच, मार्च 2023 में एक एमओयू साइन किया गया था।
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गिफ्ट मिल्क योजना का लाभ उठाने वाले कुल विद्यार्थियों में लगभग 52% विद्यार्थी लड़कियां हैं। स्कूलों में एनरोल्ड विद्यार्थियों में, लगभग 83% विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एसटी) समुदाय से हैं।
स्कूलों में एनरोल्ड 3410 विद्यार्थियों में से, 2764 विद्यार्थी एसटी समुदाय से और 71 विद्यार्थी एससी समुदाय से हैं। वर्तमान में स्कूलों में वितरित किये जाने वाले दूध की औसत दैनिक आपूर्ति, 3353 यूनिट प्रतिदिन है। अप्रैल 2023 को इस योजना के उद्घाटन के बाद से, गिफ्ट मिल्क की 3,23,000 से भी अधिक यूनिट की आपूर्ति की जा चुकी है।
सेल-बीएसपी, एनएफएन को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा
एमओयू के अनुसार, इस योजना हेतु सेल-बीएसपी, एनएफएन को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। छत्तीसगढ़ के कांकेर, नारायणपुर, मोहला-मानपुर अम्बागढ़ चौकी, बालोद जिलों के रावघाट माइंस के आदिवासी क्षेत्र के आसपास के बफर जोन के गांवों के अलावा, दुल्की के आसपास के गांवों में 15 स्कूल, महामाया के आसपास के गांवों में 12 स्कूल शामिल है, जहां दूध वितरित किया जा रहा है। सेल-बीएसपी द्वारा, निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के अंतर्गत गिफ्ट मिल्क योजना द्वारा, स्कूलों में कुपोषण की समस्या का समाधान किया जा रहा है।
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गिफ्ट मिल्क परियोजना
सेल-बीएसपी द्वारा गिफ्ट मिल्क परियोजना के लाभार्थी स्कूलों के सम्बन्ध में निर्णय एवं आवश्यक जानकारी/ विवरण प्राप्त करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों की अनुशंसा से किया जा रहा है।
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विद्यार्थियों, प्रधानाध्यापकों और आदिवासी समुदाय से प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार क्षेत्रों में कार्यक्रम का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विद्यार्थी फ्लेवर्ड दूध का आनंद लेते हैं और प्रतिदिन इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, प्रत्येक गाँव में जहां दूध वितरित किया जा रहा है, सूचनात्मक और शिक्षाप्रद बैनर वितरित किए गए हैं।
एमओयू की शर्ताें पर हो रहा अमल
एमओयू में निर्धारित शर्तों के अनुसार, सेल-बीएसपी 96,00,000/- रुपये तक की राशि प्रदान करने पर सहमत हुआ। जबकि एनएफएन की भूमिका गुणवत्ता वाले दूध की आपूर्ति करना और चयनित स्कूलों में स्कूली बच्चों के बीच गुणवत्ता वाले ‘गिफ्टमिल्क’ का सुचारू वितरण सुनिश्चित करना और उसका रिकॉर्ड रखना है।
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स्कूल के प्रधानाध्यापकों के माध्यम से दूध के दैनिक वितरण और उसके कुल उपभोग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है, जो नियमित अंतराल पर स्कूलों का दौरा करता है और स्कूलों में आपूर्ति किए गए दूध का डेटा/रिकॉर्ड रखता है।
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